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दृढ़ विश्वास वाले स्वास्थ्यकर्मी : दुनिया का इलाज करने वाले क्यूबा के डॉक्टरों से बातचीत

अमेरिकी सरकार हाल के महामारी वाले दौर में भी क्यूबा के स्वास्थ्य अंतरराष्ट्रीयवाद पर हमले करती रही। इन हमलों में ऐसे लांछन लगाए गए, जो स्वास्थ्यकर्मियों को नीचा दिखाते हैं।
दुनिया का इलाज करने वाले क्यूबा के डॉक्टरों से बातचीत

2004 में डॉ जोश अरमांडो अरोंटे विलामारिन की नामीबिया में क्यूबा की एक मेडिकल बिग्रेड के प्रमुख के तौर पर नियुक्ति हुई थी। क्यूबा के स्वास्थ्यकर्मियों ने 1975 में क्यूबियाई सैनिकों के साथ पहली बार दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका में कदम रखा था। क्यूबियाई सैनिक वहां "साउथ वेस्ट अफ्रीकन पीपल्स ऑर्गेनाइज़ेशन (SWAPO)" की मदद करने के लिए पहुंचे थे, जो रंगभेदवादी दक्षिण अफ्रीकी सेना के चंगुल से नामीबिया को आजाद कराने के लिए संघर्ष कर रही थी। दोस्ताना रवैये वाले डॉ अरोंटे विलामिरन ने मुझे बताया कि उन्होंने 2007 तक नामीबिया और उसके बाद, आश्चर्यजनक तौर पर अमेरिका में काम किया, इस दौरान वे अपने काम को कितना पसंद करते थे। 

मैं यह जानकर हैरान था कि क्यूबा के स्वास्थ्यकर्मियों ने अमेरिका में तक अपनी सेवाएं दी हैं। यह वही अमेरिका है, जिसने 1959 में क्यूबियाई क्रांति के बाद वहां की सरकारों को उखाड़-फेंकने की लगातार कोशिशें कीं। 2005 में डॉ अरोंटे, स्वास्थ्य टुकड़ियों के प्रमुखों की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने हवाना पहुंचे थे। यह वह वक़्त था, जब 'हरिकेन' तूफान ने अमेरिका के न्यू ओरलीन्स में भयानक तबाही मचाई और पूरे शहर को बर्बाद कर दिया था। इसके चलते लूसियाना राज्य का आधा दक्षिणी हिस्सा और तटीय हिस्सा बड़े संकट में फंस गया था। क्यूबा ने अपने पड़ोसी की मदद करने के लिए स्वास्थ्य बिग्रेड भेजने की पेशकश की। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इंकार कर दिया। उस दौरान क्यूबा के फिदेल कास्त्रो ने 'हेनरी रीव इंटरनेशनल मेडिकल बिग्रेड' बनाने की कोशिशों को प्रोत्साहन दिया। नामीबिया में तैनात डॉ अरोंटे विलामारिन का स्वास्थ्य दल इस अंतरराष्ट्रीय टीम का हिस्सा बन गया।

जब बुश ने अमेरिका में आने पर पाबंदी लगा दी थी, फिर क्यूबियाई डॉ अरोंटे विलामारिन कैसे वहां पहुंचे? 2017 में अमेरिकी कांग्रेस में अश्वेत हिस्से की पहल पर हेनरी रीव बिग्रेड के सदस्य शिकागो में ऊंची शिशु मृत्यु दर का अध्ययन और उसका निदान करने अमेरिका पहुंचे। इनमें डॉ अरोंटे विलामारिन भी शामिल थे।  अमेरिका में 2018 में अफ्रीकी-अमेरिकी माताओं में शिशु मृत्यु दर प्रति हजार जन्म पर 11.7 थी। वहीं श्वेत माताओं के लिए यह दर 6 थी। क्यूबा में 2019 में शिशु मृत्यु दर 1000 बच्चों के जन्म पर 5.1 थी। डॉ अरोंटे विलामारिन ने बताया कि उन्होंने अमेरिका में जो देखा, उससे वे हैरान रह गए। विलामारिन और उनके साथियों ने जो हो सकता था, वो किया। लेकिन वह लोग शिकागो में सिर्फ पांच महीने ही रह पाए। कुछ बड़ा बदलाव लाने के लिए यह पर्याप्त वक़्त नहीं था। 

पूरी तरह अकेला अमेरिका

अमेरिकी सरकार ने हाल में महामारी के दौर में भी क्यूबियाई अंतरराष्ट्रीयवाद पर हमले किए हैं। इन हमलों के तहत कई ऐसे गंभीर आरोप भी लगाए गए, जिनसे स्वास्थ्यकर्मी को नीचा दिखाया गया। क्यूबा में ब्रिटेन के पूर्व राजदूत पॉल हारे ने हाल में रॉयटर्स से कहा कि जब क्यूबियाई नीति की बात आती है, तो अमेरिका लगभग "पूरी तरह से अकेला" पड़ जाता है। पॉल हारे फिलहाल अमेरिका में पढ़ाते भी हैं। 1992 के बाद से संयुक्त राष्ट्र महासभा हर साल क्यूबा पर अमेरिकी प्रतिबंधों को खत्म करने का मत देती है। 2019 में 187 देशों ने कहा कि यह प्रतिबंध खत्म होने चाहिए, जबकि इसके विपक्ष में अमेरिका के साथ उसके दो गहरे मित्र- ब्राजील और इज़रायल ही खड़े थे।

हेनरी रीव बिग्रेड की बाराबडोस में प्रमुख डॉ डेमेरेलिस ओर्टेगा रोड्रिग्ज़ ने मुझे बताया कि बिग्रेड में उनके काम पर उन्हें बहुत गर्व महसूस होता है। क्यूबा की सरकार पर एक अजीब आरोप लगाया जाता रहा है कि वे अपने डॉक्टरों से गुलामों की तरह बर्ताव करते हैं। इस पर जवाब देते हुए रोड्रिग्ज़ ने कहा, "मैं अपनी मर्जी से बिग्रेड में शामिल हुई। ना की किसी गुलाम या शोषित व्यक्ति की तरह। मैं शांति, मानव कल्याण और जिंदगी के लिए लड़ाई लड़ती हूं।" रोड्रिग्ज़ जब बात करती हैं तो एक मुस्कान के साथ उनका चेहरा चमक उठता है। 

2019 में अमेरिकी सीनेटर मार्को रूबियो ने क्यूबियाई स्वास्थ्य अंतरराष्ट्रीयवाद को "आधुनिक युग की गुलामी" बताया था। रूबियो ने सीनेटर टेड क्रूज के साथ मिलकर "क्यूबन रेजीम एक्ट, 2020" पेश किया है, जिसके ज़रिए क्यूबा से स्वास्थ्य मदद लेने वाले देशों को निशाना बनाया जाएगा। बारबडोस के स्वास्थ्यमंत्री जेफरी बोस्टिक इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं, "बाराबडोस एक संप्रभु राज्य है और किसी दूसरे बड़े या छोटे देश की तरह, हम अपने देश के भले के लिए फ़ैसले लेते हैं। हमने क्यूबा की नर्सों से मदद ली है और हम किसी भी देश के दबाव में झुकने वाले नहीं हैं।"

स्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्धता

डॉ ओर्टेगा रोड्रिग्ज़, बाराबडोस में एक सोफे पर अपनी ही बिग्रेड की साथी नर्स यांडी पेरेज़ के साथ बैठे हुए हैं। दोनों मुझे फोन पर बता रहे हैं कि वह लोग बाराबडोस में क्या कर रहे हैं और अतीत में क्या कर चुके हैं। डॉ रोड्रिग्ज़ और पेरेज़ कोरोना महामारी के खिलाफ़ जंग के बीच में हैं। पेरेज़ विएतनाम में काम कर चुकी हैं, वहीं डॉ रोड्रिग्ज़ बोबो-डिओलासो, बुर्किना फासो और एंटीगुआ में रह चुके हैं। पेरेज़ कहती हैं कि उन्होंने विएतनाम या बाराबडोस में किसी निजी फायदे के लिए काम नहीं किया। मैंने उनसे पूछा कि क्यों वे क्यूबा के बाहर कई साल बिता देती हैं? जवाब में नर्स पेरेज़ ने कहा, "हम भाईचारे की भावना के तहत ऐसा करते हैं, हम अपने विश्वासों की वज़ह से यह काम करते हैं। हम दिल से ऐसा करते हैं।"

डॉ जेनी काब्रेरा पाउमिएर 2012 से एक फिज़िशियन और 2016 से एक चिकित्सक हैं। वह बेलीज़ से मुझसे बात कर रही हैं, जहां वह अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मिशन पर तैनात हैं। डॉ काब्रेरा पाउमिएर की चार साल की बेटी है, जो सानटियागो डि क्यूबा में रहती है। यह बताते हुए कि उनकी बेटी का कुछ दिनों में जन्मदिन आने वाला है, डॉ काब्रेरा की आवाज भर आती है। वह कहती हैं, "मैंने तय किया था कि मैं इस बिग्रेड और दुनिया के लिए इसके सम्मानजनक काम का हिस्सा बनूंगी। विश्वास कीजिए मेरे फ़ैसलों ने मुझे गर्वांन्वित क्यूबियाई नागरिक बनाया है।"

इस साल हेनरी रीव बिग्रेड अपने 15 साल मना रहा है। हालांकि क्यूबियाई स्वास्थ्य अंतरराष्ट्रीयवाद 1960 से ही जारी है। मैं कई साल से डॉ अरोंटे विलामारिन और डॉ काब्रेरा पाउमिएर से बात कर रहा हूं। मुझे स्वास्थ्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और मानवीय संभावना के लिए असीमित प्यार देखकर बहुत खुशी होती है। लेकिन यह याद रखना भी जरूरी है कि यह लोग भी इंसान हैं। यह लोग ऐसे इंसान हैं, जिनकी जिंदगी उनके अंतरराष्ट्रीयवाद से घिर चुकी है।

डॉ काब्रेरा पाउमिएर की बेटी को उन पर गर्व है। डॉ ओर्टेगा रोड्रिग्ज़ के बेटे के साथ भी ऐसा है। वह हवाना थिएटर में ट्रोमबोन बजाते हैं। डॉ अरोंटे विलामारिन का एक लड़का दांतो का सर्जन है वहीं दूसरी बेटी फिलहाल मेडिकल स्कूल में हैं। इन लोगों को भी अपने पिता पर गर्व है और वह भी उन्हीं के रास्ते पर चलने की मंशा रखते हैं। अपने परिवारों से दूर रहना आसान नहीं होता, लेकिन इन स्वास्थ्यकर्मियों में सभी का मानना है कि अपने काम के लिए यह दर्द झेलना जरूरी है। डॉ काब्रेरा ने मुझसे कहा, "मैं बेलीज़ लोगों की मदद करने के लिए आई, ताकि वे अपने देश के लिए कुछ बेहतर कर सकें।"

26 सितंबर के दिन यह क्यूबियाई डॉक्टर डेनी ग्लोवर और विजय प्रसाद के साथ जुड़ेंगे और उस कैंपेन पर बात करेंगे, जिसके तहत क्यूबा के डॉक्टर्स को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने की मांग की जा रही है।

विजय प्रसाद भारतीय इतिहासकार, संपादक और पत्रकार हैं। वे इंडिपेंडेंट मीडिया इंस्टीट्यूट के एक प्रोजेक्ट ग्लोबट्रोटर के मुख्य संवाददाता और राइटिंग फैलो भी हैं। विजय प्रसाद लेफ्टवर्ड बुक्स के मुख्य संपादक और "ट्राईकॉन्टिनेंटल: इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिसर्च" के निदेशक भी हैं।

इस लेख को "इंडिपेंडेंट मीडिया इंस्टीट्यूट" के प्रोजेक्ट ग्लोबट्रोटर ने प्रकाशित किया था।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

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