खशोगी की हत्या से जुड़े 19 सऊदी नागरिकों पर यूके का प्रतिबंध
यूनाइटेड किंगडम ने सोमवार 6 जुलाई को सऊदी अरब के 19 नागरिकों पर प्रतिबंधों की घोषणा की। इन लोगों पर अक्टूबर 2018 में इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में दिवंगत सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में शामिल होने का आरोप है। ये उन्नीस लोग दुनिया भर के उन 49 व्यक्तियों और समूह का हिस्सा है जो प्रतिबंधों की सूची में हैं। इनमें शामिल नामों को अब ब्रिटेन के वीजा प्रतिबंधों से जूझना होगा और दुनिया भर में मानवाधिकार हनन और उल्लंघनों में इनकी कथित भूमिका को लेकर संपत्ति की जब्ती के मामले में भी संघर्ष करना होगा।
यूके के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने ब्रिटिश संसद में बोलते हुए सांसदों से कहा कि ये प्रतिबंध "उन लोगों को पूरी तरह स्पष्ट करेंगे जो अकल्पनीय पीड़ा पहुंचाकर अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हैं।" बाद में ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के बयान के अनुसार यूएस मैग्निस्टकी अधिनियम की तरह ये प्रतिबंध "मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन" में शामिल दुनिया भर के लोगों पर नज़र रखेंगे।
इन प्रतिबंधों में शामिल 19 लोगों में सबसे प्रमुख सऊदी नाम सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पूर्व राजनीतिक सलाहकार सऊद अल-क़हतानी, सऊदी खुफिया सेवाओं के उप प्रमुख अहमद अल-असिरी और सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय में फोरेंसिक डॉक्टर सलाह मुहम्मद अल- तुबैगी हैं। इन तीनों को खशोगी हत्या की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में सीधे तौर पर शामिल माना जाता है। अल-असीरी पर इस हत्या के लिए तुर्की में भेजे गए 15 सदस्यीय सऊदी डेथ स्क्वायड के अधिकृत होने का संदेह है।
कहतानी कथित तौर पर इस डेथ स्क्वायड को नियंत्रण करने वालाों का हिस्सा था और इस हत्या के दौरान स्क्वायड के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के लिए ज़िम्मेदार व्यक्तियों में से एक था, जबकि अल-तुबैगी कथित तौर पर हत्या के दिन वाणिज्य दूतावास के भीतर मौजूद था और खशोगी के शरीर को टुकड़े टुकड़े करने, ठिकाना लगाने और सबूत नष्ट करने में मदद की और साथ ही यह सुनिश्चित किया कि अपराध के कोई फोरेंसिक निशान न रहे।
यूके ने अब ब्रेक्सिट के बाद अर्थात यूरोपीय संघ (ईयू) से निकलने के बाद इस नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। यूके वर्तमान में यूरोपीय संघ के सभी मौजूदा प्रतिबंधों का हिस्सा नहीं था जो सभी वर्तमान में यूरोपीय संघ के देशों द्वारा संयुक्त रूप से सक्रिय हैं। यूके के विदेश मंत्री ने पूर्व में कई अधिकारियों के बीच ब्रिटेन के विदेश कार्यालय में आशंकाओं और आपत्तियों को खारिज कर दिया था जो इस बात को लेकर चिंतित थे कि इन प्रतिबंधों का द्विपक्षीय यूके-सऊदी अरब संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा।
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।