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क्या यूएस-ईरान समझौता अधूरा रह जाएगा?

सलमान रुश्दी पर हमले और जॉन बोल्टन को मारने की कथित साज़िश के बाद, शायद बाइडेन टीम के लिए ईरानी अधिकारियों के साथ फ़ोटो खिंचवाने की स्थिति अनुकूल नहीं है।
Author Salman Rushdie

द डेली वायर के बेन शापिरो शो में एक साक्षात्कार में, इज़राइल के पूर्व प्रधानमंत्री - और संभावित अगले प्रधानमंत्री - बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को दावा किया कि ईरानी निज़ाम को बदलने के लिए मजबूर करने के लिए उनके पास एक प्लान बी था। नेतन्याहू ने कहा कि: "कम उड़ान वाले उपग्रहों" और अन्य लघु उपकरणों के माध्यम से, "आप उनके निज़ाम  की सूचना पर उनके एकाधिकार को तोड़ सकते हैं। यह उनके लिए बड़ी चुनौती की शुरुवात हो सकती थी।”

नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि "ये माचिस के आकार के उपकरण हैं" जो ईरानी निज़ाम को अस्थिर करने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "ऐसी कई अन्य चीजें हैं जिनके बारे में मैं बात कर सकता हूं, लेकिन करूंगा नहीं।"

तेजतर्रार राजनेता एक ऐसे निर्णायक समय में बोल रहे थे जब तेहरान को अमेरिकियों और यूरोपीयन यूनियन की तरफ से "अंतिम टेक्स्ट" पर उनके "अंतिम विचार" मिलने की उम्मीद की जा रही थी और विचार वियना में 16 महीने की लंबी चली वार्ता के ज़रिए मिलने थे और  वाशिंगटन को 2015 के परमाणु समझौते पर वापस लौटना था अजिसे संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) के रूप में जाना जाता है। 

नेतन्याहू का थीसिस था कि इजरायल अपने सभी अंडे अमेरिकी टोकरी में नहीं डाल सकता है और न ही डालेगा। उन्होंने व्यंग्यात्मक रूप से इस बिंदु को चित्रित किया, यह कहते हुए कि शीर्ष अमेरिकी राजनयिक कितने भोले हो सकते हैं, और जिसकी गवाही अफ़गानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी से मिलती है।

इसके विपरीत, बड़ा सवाल यह भी है कि ईरानी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में अपने अंडे अमेरिकी टोकरी में रखने के लिए कितने भोले होंगे। अब तक उपलब्ध विवरण से, ईरान की प्रतिक्रिया, जो सोमवार शाम को ब्रुसेल्स में दी गई थी, ज्यादातर आर्थिक जुड़ाव के आसपास प्रतिबंधों और गारंटी से संबंधित बकाया प्रश्नों पर केंद्रित है। यूरोपीयन यूनियन के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को प्रतिक्रिया व्यक्त की: "हम इसका अध्ययन कर रहे हैं और आगे के रास्ते पर अन्य जेसीपीओए प्रतिभागियों और अमेरिका के साथ परामर्श कर रहे हैं।"

आईआरएनए (IRNA) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान की प्रतिक्रिया अमेरिका की ओर से "लचीलेपन का आह्वान" लगता है, बिना विस्तार के बताते हुए आगे कहती है, क्योंकि अंतिम सौदा "पहले से कहीं ज्यादा करीब है, बशर्ते अमेरिका एक स्थायी, विश्वसनीय सौदे की जरूरतों को स्वीकार करता है।" [ज़ोर देकर कहा गया।]

ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीरबदुल्लाहियन ने सोमवार को कहा कि ईरान ने पर्याप्त लचीलापन दिखाया है और अमेरिका यह जानता है और "इस बार लचीलापन दिखाने की बारी उनकी है।" दरअसल, आईआरएनए रिपोर्ट में यह भी अस्पष्ट रूप से जोड़ा गया है कि "असहमति तीन मुद्दों पर है, जिनमें से दो को अमेरिका ने मौखिक रूप से स्वीकार कर लिया है, लेकिन ईरान उन्हें टेक्स्ट में शामिल करने पर जोर दे रहा है।"

महत्वपूर्ण रूप से, तेहरान की प्रतिक्रिया यूरोपीयन यूनियन के प्रस्ताव को अस्वीकार करने से कम है। सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से जुड़ी ईरानी वेबसाइट नूर न्यूज ने सोमवार को राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की अध्यक्षता में एक असाधारण बैठक के बाद रिपोर्ट दी कि "अंतिम परिणाम" "ईरान की कानूनी मांगों" के लिए अमेरिका की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा।

लब्बोलुआब यह लगता होता है कि तेहरान को गारंटी की जरूरत है ताकि आर्थिक जुड़ाव का पश्चिम का वादा एक बार फिर एक कल्पना बन कर न रह जाए, जैसा कि 2015 के सौदे के साथ हुआ था। निश्चित रूप से ईरान चाहता है कि इस पहलू को समझौते के टेक्स्ट में शामिल किया जाए।

उपलब्ध विवरण से पता चलता है कि, तेहरान अब आईएईए को मुद्दा नहीं बना रहा है, जो  "गायब यूरेनियम" या आईआरजीसी के प्रति ईरान से जवाबदेही और आतंकवादी समूहों की अमेरिकी निगरानी सूची की मांग करता है। बजाय इसके कार्यान्वयन की प्रभावकारिता और नए समझौते के स्थायित्व पर जोर दिया गया है।

पिछले अनुभव से पता चलता है कि जब तक अमरीकी राष्ट्रपति समझौते का समर्थन नहीं करता है, तब तक यह पतवार रहित रहेगा। विरोधाभास यह है कि एक नए समझौते का शेल्फ जीवन निश्चितता से बहुत दूर है, हालांकि इसके लेबल पर कोई समाप्ति की तिथि नहीं है। यह सब एंड-यूजर्स पर निर्भर करता है - इस मामले में, पश्चिमी कंपनियां जो ईरान के साथ दीर्घकालिक संबंधों के बारे में चिंतित हो सकती हैं, वाशिंगटन पर नजर रख रही हैं।

लेकिन फिर, ईरानी तेल की मांग आज बहुत है, और एक काल्पनिक भविष्य में, यह पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक अनिवार्य ऊर्जा स्रोत होगा। इससे पहले 2015 में ऐसा नहीं था जब यूरोप (और अमेरिका) आसानी से रूसी तेल तक पहुंच सकते थे, जो कम कीमतों पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध था।

बदले में, यूरोपीयन यूनियन की अर्थव्यवस्थाओं को उबारने के लिए ईरानी तेल की महत्वपूर्णता का अर्थ है कि ब्रसेल्स अब एक वास्तविक हितधारक होगा जो नए समझौते के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा जो तेहरान के तेल निर्यात पर प्रतिबंध हटाएगा और निकट और मध्यम शर्तों में सौदे को अंजाम देगा।  

इस बीच, विशेषज्ञयों का आकलन यह है कि भले ही तेल उत्पादक देशों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश किया जाता है, फिर भी उत्पादन क्षमता में वृद्धि के परिणाम निकलने में समय लग सकता है।

फिर, तेल उत्पादक देशों द्वारा तेल की ऊंची कीमतों में उनकी बढ़ती रुचि रखने का भी सवाल है। सप्ताहांत में आई एक रिपोर्ट से पता चला कि सऊदी अरामको ने तेल की ऊंची कीमतों के कारण अपने मुनाफे को दोगुना कर लिया है।

यह कहना काफी होगा, इस बार, बाजार की ताकतों को - तेल की उच्च मांग और मंदी से उबरने के लिए पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं की जरूरत है जो कंपनियों को एक उचित गारंटी प्रदान करती है क्योंकि यूरोपीयन यूनियन और अमेरिका इस व्यवस्था को पटरी से उतारने की हिम्मत नहीं करेंगे। निश्चित रूप से, ईरान इसके बारे में जागरूक है।

इसलिए, ऐसा लग सकता है कि स्थिति विएना में नए समझौते के समापन के पक्ष में हैं। बड़े देशों द्वारा सोमवार को दिया गया बयान दिखाता है कि ईरानी निज़ाम को उचित और सहयोगी होने के लिए सलाह देने की कोई कमी नहीं है। और यह देखना मुश्किल है कि तेहरान इस पल को इतिहास के रूप में कैसे गुजरने देगा।

यह बताता है कि, तेहरान भी इंतजार कर सकता है। यथास्थिति इतनी खराब नहीं है, जितनी कुछ लोगों को लग सकती है। आखिरकार, ईरान अपना तेल बेच रहा है और उल्लेखनीय आय अर्जित कर रहा है, और, महत्वपूर्ण बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय वातावरण ने हाल ही में उसके परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए युद्धाभ्यास के लिए और अधिक जगह बनाई है। (अली अकबर वेलायती, अंतरराष्ट्रीय मामलों पर सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैयद अली खमेनेई के वरिष्ठ सलाहकार और 1981 से 1997 तक 16 से अधिक वर्षों के लिए रहे एक पूर्व विदेश मंत्री के साथ किए गए हाल ही में एक साक्षात्कार को देखें।)

आईआरजीसी के करीबी फार्स न्यूज एजेंसी ने एफएम अमीरबदुल्लाहियन के हवाले से कहा है कि अगर कोई समझौता नहीं हो सका तो ईरान के पास "प्लान बी" है। जैसा कि उन्होंने कहा, "समझौते को पुनर्जीवित करने में आने वाली विफलता से कोई दुनिया का अंत नहीं हो जाएगा।"

अमेरिकी दृष्टिकोण से भी, बाइडेन प्रशासन 8 नवंबर के मध्यावधि चुनाव में सौदे से कोई राजनीतिक पूंजी बनाने की उम्मीद नहीं कर सकता है जैसे कि यह कोई महान हथियार नियंत्रण सौदा है। बेशक, रिपब्लिकन द्वारा बाइडेन की आलोचना की जानी निश्चित है।

सलमान रुश्दी पर चाकू से किया गया हमला और व्हाइट हाउस के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को मारने की कथित साजिश के बाद, कुछ भी हो, शायद बाइडेन टीम के लिए अभी ईरानी अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवाने का कोई अनुकूल माहौल नहीं है।

रॉयटर्स ने एक विश्लेषण में व्यंग्यात्मक ढंग से उल्लेख किया है कि, "वाशिंगटन के लिए बेहतर नीति विकल्पों की कमी, और तेहरान का यह विचार कि समय अपने पक्ष में है, सौदे को लटका सकता है।" नेतन्याहू को शायद लगता होगा कि उनके माचिस की तरह के कोंटरापशन को अभी भी इस्तेमाल का वक़्त है। क्योंकि, इस्राइल में 1 नवंबर को चुनाव होने हैं।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करेंः

US-Iran Deal Dangling in the Air

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