पश्चिम बंगाल: दो आदिवासी नाबालिग बहनों से गैंगरेप, एक ने जान दी, दूसरी की हालत नाज़ुक
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देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले से सामने आया है। यहां दो आदिवासी बहनों के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया, जिसके बाद एक बहन ने आत्महत्या कर जान दे दी जबकि दूसरी लड़की की हालत गंभीर बतायी जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पीड़ित लड़कियों के परिवार ने बताया कि 16 और 14 साल की दो बहनें चार सितंबर को कुछ स्थानीय युवकों के साथ बाहर निकली थीं। इसके बाद वह दो दिनों तक लापता रहने के बाद 6 सितंबर को घर लौट आई थीं। इसके बाद उनकी तबीयत खराब होने पर परिवार उन्हें एक स्थानीय अस्पताल में ले गया, जिसने उन्हें उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भेज दिया गया।
पीड़ित लड़कियों के भाई ने मीडिया से कहा, “अस्पताल में, मेरी बहनों ने हमें बताया कि उनके साथ पांच लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था और वे वहां से भागकर घर पहुंचीं। तब हमें पता चला कि घर वापस आने के बाद उन्होंने जहर खा लिया था जिससे उनकी तबीयत खराब हो गई।”
पुलिस का क्या कहना है?
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बड़ी बहन की सोमवार, 7 सितंबर की रात मौत हो गई, जबकि छोटी की हालत गंभीर है। आरोपियों पर बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस का कहना है कि उन्होंने इस घटना के संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य दो की तलाश जारी है। जलपाईगुड़ी अदालत में पेश करने पर अदालत ने तीनों आरोपियों को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
बता दें कि अधिकारियों के अनुसार बीते महीने, एक और 16 वर्षीय लड़की का उसी इलाके में सामूहिक बलात्कार किया गया था, और उसका शव बाद में घर के सेप्टिक टैंक में पाया गया था। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस अभी तक उस मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। मंगलवार, 8 सितंबर की सुबह जब एक पीड़िता का शव गांव पहुंचा, तो स्थानीय लोगों ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए विरोध करना शुरू कर दिया। हालांकि जिला पुलिस अधिकारियों ने इन आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
पक्ष-विपक्ष की राजनीति
स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के विधायक खगेश्वर रे ने चाय के बागान में काम करने वाली लड़कियों के पिता से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने प्रशासन से सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
वहीं केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण राज्य मंत्री देबश्री चौधरी ने केंद्र सरकार एवं चुनाव आयोग से बंगाल में राजनीतिक हिंसा और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के मद्देनजर राज्य में केंद्रीय बल की तैनाती की मांग की है।
मालूम हो कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2018 में समूचे देश में हर दिन औसतन हत्या की 80 घटनाएं, अपहरण की 289 घटनाएं और बलात्कार की 91 घटनाएं दर्ज की गईं हैं। रिपोर्ट 2018 के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ देश में अपराध के कुल 3,78,277 मामले दर्ज किये गए हैं, जबकि वर्ष 2017 में यह आँकड़ा 3,59,849 था।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश कुछ ऐसे राज्य हैं जहां महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा हिंसा हुई है। अधिकतम मामले उत्तर प्रदेश में 59,445 दर्ज किए गए। तो वहीं महाराष्ट्र में 35,497 और फिर पश्चिम बंगाल में 30,394 मामले सामने आए।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राज्य में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राज्यपाल जगदीप धनकड़ और तृणमूल कांग्रेस की अगुवाई वाली ममता बनर्जी सरकार के बीच पहले से ही टकराव जारी है। बीजेपी राजनीतिक हत्याओं को लेकर पहले से ही हमलावर है तो वहीं कांग्रेस और सीपीएम भी कई बार कानून-व्यवस्था को लेकर ममता सरकार के खिलाफ विरोध जता चुकी हैं।
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