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इंटरनेशनल कोर्ट: कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लेकिन रिहाई की मांग ठुकराई 

इंटरनेशनल कोर्ट ने उनकी फांसी पर रोक लगा दी है। भारत के हक़ में फैसला सुनाते हुए इंटरनेशनल कोर्ट ने जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने का आदेश भी दिया।
कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक

पाकिस्तान की जेल में कई वर्षो से  बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस(आईसीजे) ने अपना फैसला सुना दिया है।  इंटरनेशनल कोर्ट ने उनकी फांसी पर रोक लगा दी है।  भारत के हक़ में फैसला सुनाते हुए इंटरनेशनल कोर्ट ने जाधव को काउंसलर एक्सेस देने का आदेश भी दिया।  कोर्ट के इस फैसले पर पाकिस्तान ने ऐतराज जताया लेकिन आईसीजे ने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा पाकिस्तान को अपने फैसले (सजा-ए-मौत) की फिर से समीक्षा करनी चाहिए। 
अदालत ने पाकिस्तान से कुलभूषण को  'कॉन्सुलर एक्सेस' की सुविधा देने को कहा। जाधव को  'कॉन्सुलर एक्सेस' नहीं मिलने के चलते, मामले की प्रभावी ढंग से दुवार समीक्षा करने को कहा है। लेकिन अदालत ने भारत की  कुलभूषण जाधव की सजा को निरस्त करके उन्हें रिहा करने की मांग को ठुकरा दिया। 

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में एक सैन्य अदालत ने भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी के लिए जासूसी और आतंकवाद का दोषी पाया था और उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई थी.
 नीदरलैंड में द हेग के 'पीस पैलेस' में सार्वजनिक सुनवाई हुई, जिसमें अदालत के प्रमुख न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ मे फैसला पढ़कर सुनाया. 16 में से 15 जज, भारत के हक में थे. 
 वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कुलभूषण जाधव मामले में बुधवार को आए अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के फैसले का तहेदिल से स्वागत किया और इसे भारत के लिए एक महान जीत करार दिया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले का तहेदिल से स्वागत करती हूं। यह भारत के लिए एक महान जीत है।’’

क्या है पूरा मामला ?

पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा जाधव की मौत की सजा सुनाए जाने के मामले में भारत ने आईसीजे को चुनौती दी थी। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव  को मौत की सजा सुनाई   इस  सजा पर भारत ने कड़ी  आपत्ति जताई  थी।  भारत द्वारा पाकिस्तान से जाधव को रिहा करने की अपीलों के बार-बार खारिज होने के बाद भारत ने इस संबंध में वाणिज्य दूतावास संबंधों पर वियना समझौते का खुला उल्लंघन का आरोप लगाते हुए आठ मई 2017 को हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। 
भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में यह दलील दी थी कि जाधव को 'कॉन्सुलर एक्सेस' यानी भारतीय दूतावास के अधिकारियों से बात करने  देकर पाकिस्तान नेवियना संधि का उल्लंघन किया है। लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि जासूसी के मामले में दोषी को 'कॉन्सुलर एक्सेस' नहीं दिया जा सकता। जिसे आज कोर्ट पूरी तरह से नकार दिया। 

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