जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव साथ कराए जाएं : माकपा

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सोमवार को चुनाव आयोग से लोकसभा चुनावों के साथ ही जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने का आग्रह किया। पार्टी ने एक बयान में कहा, "यह हैरान करने वाली बात है कि जम्मू एवं कश्मीर में लोकसभा चुनाव कराने के लिए सुरक्षा स्थिति सही है लेकिन विधानसभा चुनाव के लिए सही नहीं है।"
It is perplexing how the security situation in J&K is good enough to conduct Lok Sabha elections but not for assembly elections which are also due. Is there a diabolical motive? https://t.co/ym0P1u4phW pic.twitter.com/ojcElARk7y
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) March 10, 2019
जम्मू एवं कश्मीर में मौजूदा समय में केंद्र का शासन है क्योंकि यहां की विधानसभा को भंग कर दिया गया है।
माकपा ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के लोगों को भरोसा दिलाया था कि राज्य विधानसभा के भी चुनाव एकसाथ होंगे।
राज्य में सभी गैर-भाजपा पार्टियों ने लोकसभा व विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने की मांग की थी।
माकपा ने कहा, "चुनाव आयोग को मामले में गंभीरता से विचार करना चाहिए और एकसाथ विधानसभा चुनाव की घोषणा करनी चाहिए।"
मोदी सरकार की कश्मीर नीति विफल : मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भी सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधा। मायावती ने जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा का चुनाव लोकसभा के साथ नहीं कराए जाने को मोदी सरकार की कश्मीर नीति की विफलता बताया है।
उन्होंने ट्वीट किया, "जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा का आमचुनाव लोकसभा चुनाव के साथ नहीं कराना मोदी सरकार की कश्मीर नीति की विफलता का द्योतक है। जो सुरक्षा बल लोकसभा चुनाव करा सकते हैं, वही उसी दिन वहां विधानसभा का चुनाव क्यों नहीं करा सकते हैं? केंद्र का तर्क बेतुका है व भाजपा का बहाना बचकाना है।"
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का आमचुनाव लोकसभा चुनाव के साथ नहीं कराना श्री मोदी सरकार की कश्मीर नीति की विफलता का द्योतक है। जो सुरक्षा बल लोकसभा चुनाव करा सकते हैं वही उसी दिन वहाँ विधानसभा का चुनाव क्यों नहीं करा सकते हैं? केन्द्र का तर्क बेतुका है व बीजेपी का बहाना बचकाना है।
— Mayawati (@Mayawati) March 11, 2019
उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, "भाजपा राष्ट्रवाद व राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर लोकसभा चुनाव लड़ने का ताल ठोक रही है। भाजपा जो चाहे करे लेकिन पहले करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों, बेरोजगारों आदि को बताए कि अच्छे दिन लाने व अन्य लुभावने चुनावी वायदों का क्या हुआ? क्या हवा-हवाई विकास हवा खाने गया?"
तमिलनाडु की सभी 21 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो : द्रमुक
चेन्नई से ख़बर है कि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) ने सोमवार को कहा कि वह चुनाव आयोग से तमिलनाडु में 18 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ यहां की केवल 18 विधानसभा सीटों पर ही नहीं, बल्कि सभी 21 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की मांग करेगी। द्रमुक ने कहा कि अगर चुनाव आयोग ने उसकी मांग को स्वीकार नहीं किया तो पार्टी कानूनी रास्ता अख्तियार करेगी।
यह निर्णय यहां आयोजित पार्टी के सांसदों, विधायकों और जिला सचिवों की बैठक में लिया गया।
चुनाव आयोग ने रविवार को घोषणा कर कहा था कि यहां विधानसभा की केवल 18 खाली सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे।
आयोग ने कहा कि बाकी बची तीन सीटों- ओट्टापिदरम, थिरूपराकंद्रम और अरवाकुरुचि में न्यायिक लड़ाई चल रही है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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