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कश्मीर : आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज़्यादा जवान शहीद

जम्मू एवं कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से गुरुवार को अब तक का सबसे बड़े आतंकी हमला हुआ, जिसमें एक आत्मघाती हमलवार ने पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस से टकरा दी और उसमें विस्फोट कर दिया।
श्रीनगर-जम्मू हाईवे जहां सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया गया।
Photo: IANS

श्रीनगर : सरकार के तमाम दावों और वादों के बीच आतंकवादियों ने सुरक्षा में बड़ी सेंध लगाई है। जम्मू एवं कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए गुरुवार को अब तक का सबसे बड़े आतंकी हमला हुआ, जिसमें एक आत्मघाती हमलवार ने पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस से टकरा दी और उसमें विस्फोट कर दिया। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हुए हैं। पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) ने इस नृशंस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है और आत्मघाती हमलावर का एक वीडियो जारी किया है जिसे हमले से पहले शूट किया गया था। हमलावर की पहचान कमांडर आदिल अहमद दार के रूप में हुई है। 

यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा इलाके में हुआ।

हमले का सटीक विवरण अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन पुलिस सूत्रों ने कहा है कि एसयूवी चला रहे आत्मघाती हमलावर ने अपराह्न करीब सवा तीन बजे अपने वाहन से सीआरपीएफ की बस में टक्कर मारी, जिससे बहरा कर देने वाला विस्फोट हुआ। घटना उस वक्त की है, जब 78 वाहनों के काफिले में 2,547 सीआरपीएफ जवान जम्मू के ट्रांजिट शिविर से श्रीनगर की ओर जा रहे थे।

हमला इतना जबरदस्त था कि सीआरपीएफ बस के परखच्चे उड़ गए। माना जा रहा है कि बस में 39 जवान सवार थे। एक रिपोर्ट में कहा गया कि एसयूवी 200 किलो विस्फोटक से भरी हुई थी, जिसमें संभवत: आरडीएक्स भी हो सकता है।

सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि आतंकियों द्वारा मुख्य रूप से निशाना बनाई गई बस पूरी तरह से तबाह हो गई और अन्य सीआरपीएफ वाहनों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "इस पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि बस में कोई जीवित बचा होगा।"

जम्मू एवं कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा कि यह एक आत्मघाती हमला हो सकता है। बाद में अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की।

खुद को जेईएम का प्रवक्ता बताने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने स्थानीय समाचार एजेंसी जीएनएस को दिए एक बयान में कहा कि यह संगठन द्वारा किया गया एक फिदायीन हमला था।

सभी घायलों को श्रीनगर शहर के बादामीबाग छावनी स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम दलों के नेताओं व समाज के अन्य लोगों ने इस बर्बर घटना की कड़ी निंदा की है।

मोदी ने कहा, "यह हमला..घृणित है। मैं इस कायरतापूर्ण हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। हमारे बहादुर सुरक्षा कर्मियों का त्याग व्यर्थ नहीं जाएगा। पूरा देश बहादुर शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ा है।"

शुक्रवार को बिहार के दौरे पर जाने वाले गृह मंत्री राजनाथ सिंह अब यहां जाने के बजाए श्रीनगर पहुंचने वाले हैं। गृह सचिव राजीव गौबा भूटान का अपना दौरा बीच में छोड़कर शुक्रवार को उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक के लिए श्रीनगर पहुंचेंगे।

राजनाथ सिंह ने कहा, "आज (गुरुवार) हुआ नृशंस हमला..बहुत ही दुखदायी और परेशान कर देने वाला है। मैं राष्ट्र की सेवा में अपनी जिंदगी का त्याग करने वाले प्रत्येक सीआरपीएफ जवान को नमन करता हूं।"

श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर सभी प्रकार के यातायात को रोक दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारी विस्फोट बाद विश्लेषण के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि हमला किन हालात में हुआ, उसे समझने के लिए सीआरपीएफ और पुलिस एक विस्तृत जांच करेंगी।

अधिकारियों ने कहा कि एक बार में इतनी बड़ी संख्या में सीआरपीएफ जवानों के स्थानांतरित होने के पीछे खराब मौसम के कारण पिछले दो दिनों से श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग का बंद होना था। काफिला जम्मू से तड़के साढ़े तीन बजे निकला था।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए, सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने कहा कि 40 सैनिकों ने अपनी जान गंवाई है, जबकि चार गंभीर रूप से घायल हैं। अधिकारी ने आगे कहा कि घायल सैनिकों को श्रीनगर के बादामी बाग छावनी स्थित 92 बेस अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया गया है।

विस्फोट से क्षेत्र में दहशत फैल गई और अधिकारियों ने श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर यातायात को स्थगित कर दिया। घटना के तुरंत बाद, पुलवामा में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड कर दी गईं।

जम्मू और कश्मीर पुलिस के सीआरपीएफ और विशेष अधिकारी समूह (एसओजी) के एक संयुक्त समूह ने इस क्षेत्र को बंद कर दिया और तलाशी अभियान शुरू किया।

सीआरपीएफ के जवानों पर हमले की निंदा करते हुए, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “घाटी से भयानक खबरें आ रही हैं। एक IED विस्फोट में CRPF के कई सैनिकों के मारे जाने और घायल होने की सूचना है। मैं इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। घायलों के परिजनों के लिए मेरी प्रार्थना और शोक संवेदना।

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर कहा, "कोई भी शब्द भीषण आतंकी हमले की निंदा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इस पागलपन के खत्म होने से पहले कितने और लोगों की जान चली जाएगी? ”

राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने हमले की कड़ी निंदा की है और सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की।

उन्होंने कहा कि कश्मीर में उग्रवाद के लिए जिम्मेदार 'ताकतें' हताश और निराश हैं, और वे सिर्फ अपनी उपस्थिति को जताना चाहते थे।

मलिक ने एक बयान में कहा, "संभवत: यह सीमा पार से लगता है क्योंकि जैश-ए-मोहम्मद ने जिम्मेदारी का दावा किया है।"

उन्होंने कहा, "इस तरह की कार्रवाइयां सरकारी बलों और लोगों के संकल्प को नहीं डिगाएंगी, और हम इन असामाजिक ताकतों को खत्म करेंगे।"

राज्यपाल ने सभी बलों से हर मोर्चे पर निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया है, और सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और प्रतिष्ठानों के सुरक्षा प्रबंधन की तुरंत समीक्षा करने के लिए जिला और मंडल, नागरिक और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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