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क्या कभी सामने आ पाएगा बालाकोट का सच ?

बालाकोट एयर स्ट्राइक की हकीकत किसी को नहीं पता। जितनी ज़ुबाने हैं, उतने ही सच निकल कर आ रहे हैं। इस पूरे विषय पर बात कर रहे हैं न्यूज़क्लिक के चीफ इन एडिटर प्रबीर के साथ रक्षा मामलें के जानकार डॉक्टर रघुनंदन।

बालाकोट एयर स्ट्राइक की हकीकत किसी को नहीं पता। जितनी ज़ुबाने हैं, उतने ही सच निकल कर आ रहे हैं। भारतीय वायुसेना जहां यह कह रही है कि हमारा काम टारगेट पर हमला करना है न कि यह पता लगाना की कितना नुसकान हुआ। वहीं भारत की घरेलू राजनीति में मनगढ़ंत आंकड़ें उछाले जा रहे हैं कि 200 से 300 आतंकियों को मार गिराया गया है। उधर पाकिस्तान की सरकार ने किसी भी मीडिया आर्गेनाईजेशन को जाबा की पहाड़ियों की तरफ जाने से रोक दिया है। इसलिए इस समय बालाकोट की हकीकत बिलकुल धुंधली लग रही है. इस पर कोहरा छाया हुआ है। इस तनाव का पहला राउंड खत्म हो चूका है। कहने वाले, कह रहे हैं कि इससे निजात पाने में अंतरराष्ट्रीय दबावों ने बखूबी भूमिका निभाई है। इसलिए भारत पाकिस्तान का तनाव अंतरराष्ट्रीय दबावों का हिस्सा बन चूका है। यह भारतीय कूटनीति की बड़ी असफलता है। क्योंकि ऐसा होने पर कश्मीर का विषय भी अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप का मसला बन जाएगा। जिसपर अब तक भारत और पकिस्तान का यह कहना होता था कि यह इनका अंदरूनी मसला है और ये खुद इसे संभाल लेंगे। इस पूरे विषय पर बात कर रहे हैं न्यूज़क्लिक के चीफ इन एडिटर प्रबीर के साथ रक्षा मामलें के जानकार डॉक्टर रघुनंदन।

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