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माइग्रेशन पर लगाम लगा पाने में असफल रही हैं सरकारें 

हाल ही में जारी हुए 2011 की जनगणना के प्रवास (माइग्रेशन) के आकड़ों में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 
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सभी सरकारों के लाख कोशिशों के बावजूद लोगों के माइग्रेशन में कमी नहीं आ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में लोगों का तेजी से माइग्रेशन हो रहा है। हाल ही में जारी किए 2011 की जनगणना के प्रवास (माइग्रेशन) के आंकड़ों से यह बात सामने आई है। 

इन आकंड़ों के अनुसार माइग्रेशन करने वाले लोगों की संख्या में काफी बढ़ावा हुआ है। 2011 की जनगणना में माइग्रेशन कर रहे लोगों की संख्या 45.58 करोड़ हो गयी है जोकि 2001 की जनगणना में यह संख्या 31.45 करोड़ थी।

आपको बता दें कि माइग्रेशन देश की एक बड़ी समस्या है। माइग्रेशन का मूल कारण उस स्थान पर रह रहे लोगों को उन सुविधाओं का न मिल पाना जो उनकी जरूरत के साथ सीधे-सीधे जुड़ी हैं। माइग्रेशन की समस्या शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसी दूसरी मूलभूत समस्या से जुड़ी हुई है। इसी कारण गांवों से शहरों में और छोटे शहरों से बड़े शहरों की तरफ पलायन की प्रवर्ति देखी जाती है। 

2001-2011 के दशक में माइग्रेशन की दर में 45 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं, 1991-2001 के दशक में माइग्रेशन की वृद्धि दर 36 प्रतिशत थी। 1991-2001 के दशक में माइग्रेशन की वार्षिक वृद्धि दर 3.6 प्रतिशत रही थी जो 2001-2011 के दशक में बढ़ कर 4.5 प्रतिशत वार्षिक हो गयी है।

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मनरेगा जैसे तमाम योजनाओं के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों से माइग्रेशन कर रहे लोगों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है।2001 की जनगणना में ग्रामीण क्षेत्रों से माइग्रेशन कर रहे लोगों की संख्या 21.04 करोड़ थी। 2011 की जनगणना में ये आंकड़ा बढ़ कर 27.82 करोड़ हो गया है। 1991-2001 के दशक में माइग्रेशन वृद्धि दर 29 प्रतिशत दर्ज की गयी थी जबकि 2001-2011 के दशक में माइग्रेशन की वृद्धि दर 32 फीसदी है।  

शहरी क्षेत्रो में माइग्रेशन वृद्धि दर में भी बड़ा अंतर देखने को मिला है। 1991-2001 के दशक में माइग्रेशन की वृद्धि दर 50 प्रतिशत थी जबकि 2001-2011 के दशक में माइग्रेशन की वृद्धि दर 70 प्रतिशत हो गयी है। 2001 के शहरी क्षेत्रों में यह संख्या 10.42 करोड़ थी जोकि 2011 की जनगणना में बढ़ कर 17.76 करोड़ हो गयी है।  

आंकड़ों के अध्ययन के बाद आप देखेंगे कि ग्रामीण क्षेत्रों से माइग्रेशन कर रहे लोगों की दशक में वृद्धि दर शहरी क्षेत्रों से माइग्रेशन कर रहे लोगों से कम हैं लेकिन अगर संख्या में देखे तो ग्रामीण क्षेत्रो से माइग्रेट कर रहे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। यह लगभग दोगुना है।

पुरुषों व महिलाओं का माइग्रेशन 

अगर हम पुरुषों व महिलाओं के हिसाब से माइग्रेशन की रिपोर्ट को देखें तो महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा माइग्रेट हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कुल 45.58 करोड़ लोगों का माइग्रेशन हुआ। इसमें 14.61 करोड़ पुरुष और 30.96  करोड़ महिलाएं हैं। 

2001-2011 के दशक में पुरुषों की माइग्रेशन की वृद्धि दर 57 प्रतिशत है। 2001-2011 के दशक में स्त्रियों की माइग्रेशन वृद्धि दर 40 प्रतिशत है। हांलाकि स्त्रियों की माइग्रेशन दर कम है परन्तु संख्या में पुरुषों की संख्या के मुकाबले दो गुना है।

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महिलाओं के माइग्रेशन की इतनी ज्यादा संख्या विवाह के चलते हैं। कुल महिलाओं का लगभग 45 फीसदी माइग्रेशन विवा​ह के कारण हुआ है।  

राज्य के भीतर माइग्रेशन

2011 की जनगणना के अनुसार 39.57 करोड़ लोग राज्य के भीतर ही माइग्रेशन हुआ है। अगर हम कुल माइग्रेशन के हिसाब से देखें तो 86.8 प्रतिशत लोग राज्य के भीतर ही माइग्रेट हुए हैं। 26.03 करोड़ लोग ग्रामीण क्षेत्रों से माइग्रेट हुए हैं जबकि शहरों से 8.54 करोड़ लोगों का माइग्रेशन हुआ है। 

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राज्य के भीतर ग्रामीण क्षेत्रों से 2001-2011 के दशक में माइग्रेशन की वृद्धि दर 1991-2001 के दशक में माइग्रेशन की वृद्धि दर के बराबर रही लेकिन शहरों क्षेत्रो में 2001-2011 के दशक में माइग्रेशन की दर 131 प्रतिशत है जोकि 1991-2001 के दशक में माइग्रेशन की वृद्धि दर से बहुत अधिक हैं।

राज्य से दूसरे राज्यों के बीच माइग्रेशन 

2001-2011 के दशक में माइग्रेशन कर रहे लोगों की वृद्धि दर 1991-2001 के दशक के मुकाबले कम है। 2001-2011 के दशक में माइग्रेशन दर 32 प्रतिशत है जबकि 1991-2001 के दशक में यह दर 54 प्रतिशत थी। अगर संख्या में देखा जाए तो 2011 में यह 5.43 करोड़ हो गयी है जबकि 2001 में यह संख्या 4.12 करोड़ थी।

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2001-2011 के दशक में ग्रामीण क्षेत्रों में माइग्रेशन की वृद्धि दर 1991-2001 के दशक के मुकाबले कम हुई है। 1991-2001 के दशक में यह दर 178 प्रतिशत थी जबकि 2001-2011 के दशक में वृद्धि दर सिर्फ 20 फीसदी ही है। संख्या में अगर हम बात करें तो 2001 में यह 2.64 करोड़ थी जोकि 2011 में बढ़ कर 3.16 करोड़ हो गयी है।

हालांकि शहरी क्षेत्रों में यह स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों के बिल्कुल उलट है। शहरों में 1991-2001 के दशक में माइग्रेशन वृद्धि दर (-26 %) नकारात्मक थी जबकि 2001-2011 के दशक में बढ़ कर 56 प्रतिशत हो गयी है। हालांकि संख्या के तौर बहुत अंतर नहीं आया है। 2001 में यह 1.26 करोड़ थी जोकि 2011 में बढ़ कर 1.97 करोड़ हुई है।

माइग्रेशन का प्रमुख कारण संसाधनों का असमान वितरण है। कुछ जगहों के विकास पर सरकारों ने ध्यान दिया तो वहीं कुछ जगहों पर विकास की बयार  पहुंची ही नहीं है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। इसी कारण आंकड़ों में बड़ी संख्या में फेरबदल नजर आ रहा है। अपने और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए बड़ी संख्या में लोग माइग्रेट कर रहे हैं। 

फिलहाल 2021 की जनगणना अभी होनी है। फिर नए आंकड़े जारी किए जाएंगे। देखना यह है कि नए आंकड़े क्या बताते हैं? सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह निकल कर आता है कि क्या इतनी बड़ी संख्या में लोग माइग्रेट करते रहेंगे या फिर सरकारें इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगी।  

 

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