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मारुती केस में फैसला : श्रम पर पूंजी एक बार फिर हावी

18 मार्च को, मानेसर मारुति हिंसा के मामले में 31 मजदूरों को दोषी ठहराया गया है।

सबरंग इंडिया और न्यूज़क्लिक के साझा कार्यक्रम में तीस्ता सेतलवाड़ ने न्यू ट्रेड यूनियन इनिशिएटिव की राखी सेहगल से बात की।  मानेसर मारुति हिंसा के मामले में, 18 मार्च को, 31 मजदूरों को दोषी ठहराया गया है। उनमें से 13 श्रमिकों को आजीवन कारावास दिया गया है। उच्च न्यायालय ने 'निवेशकों' की चिंताओं की सुरक्षा के लिए ये निर्णय लिया और जमानत नहीं दी।

राखी सेहगल ने इस पूरे मामले का विवरण दिया। शुरुआत से ही मारुति कार्यकर्ता आंदोलन ने मारुती प्रबंधन के प्रकोप को झेला है।  और सरकार निवेशकों के सामने घुटने टेकते आई है ।

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