महाराष्ट्र के पीजी मेडिकल कोर्स में ईडब्ल्यूएस को नहीं मिलेगा 10 प्रतिशत आरक्षण
सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को मेडिकल के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के 2019-20 शिक्षण वर्ष में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के महाराष्ट्र सरकार के आदेश पर गुरुवार को रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया के पिछले साल नवंबर में ही शुरू हो जाने के बाद राज्य सरकार इसे लागू नहीं कर सकती।
शीर्ष अदालत के आदेश से आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के कम से कम 25 उम्मीदवार प्रभावित होंगे। शीर्ष अदालत ने कहा कि भारतीय मेडिकल परिषद (एमसीआई) वर्तमान में उपलब्ध सीटों को छोड़ने के बजाय और ज्यादा सीटें उत्पन्न कर सकती है। जैसा कि अदालत ने कहा कि ईडब्ल्यूएस राज्य में मेडिकल पाठ्यक्रमों की मौजूदा सीटों पर लागू नहीं है। राज्य सरकार के वकील ने सरकार द्वारा पारित अध्यादेश का हवाला दिया लेकिन अदालत ने उस पर गौर नहीं किया।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने कहा कि ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दूसरों की कीमत नहीं दिया जा सकता है। जब तक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) अतिरिक्त सीटों का सृजन नहीं करता, यह कोटा लागू नहीं हो सकता।
पीठ ने रेखांकित किया कि पीजी मेडिकल पाठ्यक्रम में दाखिले की प्रक्रिया नवंबर 2018 में शुरू हो गई थी जबकि ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए 103वां संविधान संशोधन जनवरी 2019 में पारित हुआ है।
पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने पीजी मेडिकल कॉलेजों में 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण मार्च 2019 में लागू किया।
पीठ ने कहा, ‘‘मौजूदा दाखिला प्रक्रिया में ईडब्ल्यूएस के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। खेल शुरू होने के बाद आप खेल का नियम नहीं बदल सकते हैं।’’
( समाचार एजेंसी भाषा और आईएएनएस के साथ )
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।