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मज़दूरों को मौत के टैंकर में क्यों झोंक दिया जाता है?

“ऐसी घटना अनजाने में नहीं होती, बल्कि ये पंप मालिक जानबूझकर मज़दूरों को बिना सुरक्षा के टैंक में उतारते हैं, तो फिर इसे हत्या का मामला क्यों न माना जाए”?
Workers die in Indian oil

दिल्ली के मॉडल टाउन में गुरुवार की रात करीब 8: 30 बजे इडियन आयल पेट्रोल पंप पर पेट्रोल के टैंकर की सफाई के लिए नीचे उतरे दो कार्मचारियों की दम घुटने से मौत हो गईI पुलिस ने ठेकदारों पर लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया हैं और अभी पवन नाम का ठेकेदार पुलिस हिरासत में हैI

परन्तु मामला इतना साफ नहीं है सफाई मज़दूरों की मौत का कोई यह पहला मामला नहींI चंद रूपये बचाने के लिए मज़दूरों को बिना किसी सुरक्षा के इतने गहरे टैंको में उतरा जाता है और कई बार उनकी मौत जाती हैI इससे पहले भी गाज़ियाबाद में 40 फुट गहरे मुख्य पंपिंग स्टेशन संयंत्र (एम पी एस) में सफाई के लिए नीचे उतरे तीन सफाईकर्मियों की दम घुटने से मौत हो गई थीI

दिल्ली में कल रात पेट्रोल पंप पर कर्मचारियों की मौत के मामले में पुलिस ने बताया कि जब वो घटना स्थल पर पहुँचे तो 20 फीट गहरे टैंक से मज़दूरों को निकालने के लिए दमकल कर्मियों को बुलाया थाI काफी देर की मेहनत के बाद दोनों मज़दूरों को बाहर निकालकर सीधे बाबू जगजीवन राम अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डाक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

मृतक मज़दूरों की पहचान राजीव (37) और बिट्टू (27) के रूप में हुई है। दोनों लालबाग झुग्गी के रहने वाले थे। पुलिस ने बताया कि दोनों मज़दूरों को ठेकेदार दो लाख लीटर वाले टैंक की सफाई के लिए लेकर आया था।

यह टैंक बहुत ही गहरा हैं इसमें ऐसे ही बिना किसी सुरक्षा गार्ड के उतरना जोखिम से खाली नहीं हो सकता हैI मौके पर गए फायर अफसर का कहना था कि यह लापरवाही की इन्तिहाँ हैI जिस टैंक में मास्क के साथ भी जाना मुशिकल है, उस टैंक में दोनों कर्मचारियों को बिना मास्क और बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के नीचे उतार दिया गयाI

टैंक में जाने के लिए ज़रूरी सुरक्षा इन्तज़ाम क्या होना चाहिए?

टैंक में उतारने के लिए मज़दूरों को क्या–क्या सुरक्षा के इंतज़ाम होने चाहिएI इसको लेकर उत्तरी दिल्ली के चीफ फायर ऑफिसर ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बताया जो मुख्यत: इस प्रकार से हैं :-

1.     ऐसे टैंक की सफाई के लिए केवल एक्सपर्ट कर्मचरियों को ही भेजाना होता हैI जो इस काम को करने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित हों, बिना प्रशिक्षण व्यक्ति को भेजने से उसकी जान का खतरा बना रहता हैI

2.     पहले टैंक का Decontamination करना चाहिएI इसका अर्थ है कि जहाँ मज़दूरों को सफाई करने जाना है, वहाँ के वातावरण को कम से कम साँस लेने लायक बनाया जाएI क्योंकि ऐसे टैंको में कोई न कोई ऐसी गैस रह जाती है जिससे साँस लेने में परेशानी होती हैI

3.     जब मज़दूर टैंक में सफाई के लिए उतरे उससे पूर्व टैंक में ऑक्सीजन सप्लाई करना ज़रूरी है जिससे उसे साँस लेने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होI

4.     मज़दूरों को सेफ्टी हार्नेस देना सबसे महत्वपूर्ण है जिससे गर कोई अप्रिय घटना हो तो उन्हें तुरंत बाहर निकाला जा सकेI

5.     मज़दूरों को ऑक्सीजन मास्क भी लगा होना चाहिएI

6.     बहार से कुछ लोगों का सुपरविजन करने के लिए रहना चाहिए, अंदर क्या हो रहा है इसकी जानकारी मिलती रहेI

7.     इस तरह की पूरी तैयारी के साथ कम से कम दो अन्य लोगों को बैकअप के लिए रखे, अगर कोई अंदर दुर्घटना हो तो तुरंत अंदर जा कर उनकी मदद कर सकेI

8.     जैसे कुंए से पानी निकालने के लिए पुली होता है जिसके सहारे रस्सी खिंची जाती है उसका होना भी आवश्यक क्योंकि उससे अंदर फंसे आदमी को आसानी से खींचा जा सकेI

चीफ फायर ऑफिसर ने आगे कहा कि “ये सभी किसी भी टैंक में जाने वाले मज़दूरों के लिए आधारभूत ज़रूरते हैं, परन्तु हम देखते हैं कि अधिकतर मामलों में इनमें से किसी भी तरह की कोई भी सुरक्षा बंदोबस्त के बिना ही मज़दूरों को टैंको और सीवर में उतार दिया जाता है और वही उनके मौत का कारण बनता है”I फिर वो कहते हैं कि “इस मामले में भी ऐसा ही हुआ होगा कि मज़दूर अंदर गए हों, वहाँ साँस न मिलने और जहरीली गैस के कारण उनकी मौत हो गयी”I

सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि जिन मज़दूरों को टैंक में उतरा गया था वो इस कम के लिए प्रशिक्षित नहीं थे साथ ही उन्हें किसी भी प्रकार का कोई भी सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराया गया था I

टैंक की हालत ऐसी थी कि फायर कर्मचारी जो उस टैंक में नीचे उतरे थे, उन्हें भी खतरा लग रहा थाI जबकि फायरकर्मियों के पास ऑक्सीजन मास्क था, फिर भी उन्हें दो बार बाहर आना पड़ाI काफी मुशक्कत के बाद रस्सी से बांधकर शवों को बाहर लाना संभव हो पायाI

चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि दिल्ली में पेट्रोल पंप पर सुरक्षा संबंधी उपाय बार बार पर बताये जाते हैंI ऐसे में बड़ा सवाल है कि कैसे इन मज़दूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के मौत के टैंकर में झोंक दिया जाता है?

अंत में जब हमने इस मामले को देख रहे जाँच अधिकारी चाँद सिंह से बात की तो उन्होंने केवल इतना कहा कि मामले की जाँच जारी है और उचित कार्यवाही की जाएगीI परन्तु जब हमने उनसे ये पूछने की कोशिश की कि बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के मज़दूरों को टैंक में उतारने वाले पेट्रोल मालिक के खिलाफ कार्यवाही कब तक होगी, तो उन्होंने बिना जवाब दिए कोई बहाना बनाकर फ़ोन काट दियाI

यहाँ ये भी समझना ज़रूरी है कि किसी पेट्रोल पंप पर मज़दूरों की सुरक्षा व्यवस्था ठीक है या नहीं इसकी जाँच करने की ज़िम्मेदारी भी कुछ अन्य सरकारी विभाग के साथ पुलिस की भी हैI

एक सामाजिक कार्यकर्ता ने एक गंभीर प्रश्न किया “ऐसी घटना अनजाने में नहीं होती, बल्कि ये पंप मालिक जानबूझकर मज़दूरों को बिना सुरक्षा के टैंक में उतारते हैं, तो फिर इसे हत्या का मामला क्यों न माना जाए”?

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