यमन में यूएन के विशेष दूत ने बुधवार के सऊदी हमले में लोगों की मौत पर जांच की मांग की
यमन में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत मार्टिन ग्रिफिथ ने गुरुवार 16 जुलाई को सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा रिहायसी क्षेत्र में किए गए हवाई हमले की जांच के लिए कहा है। इस हमले में बुधवार 15 जुलाई को कई लोग मारे गए थे। मृतकों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। हमले के दौरान कई अन्य लोग भी घायल हो गए।
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के ह्यूमनिटैरियन को-ऑर्डिनेशन कार्यालय के अनुसार बुधवार के हमले में मरने वालों की संख्या 11 है उधर हौथी के नेतृत्व वाले प्रशासन ने दावा किया कि एक रिहायसी घर पर हुए हमले में 24 लोगों की मौत हो गई है।
उत्तरी अल-जवाफ प्रांत में अल-हज्म शहर में एक घर पर बमबारी की गई जहां लोग एक लड़के का सुन्नत (circumcision) करने के लिए इकट्ठा हुए थे। स्थानीय लोगों के हवाले से मिडिल ईस्ट आई ने लिखा, इस क्षेत्र में स्पष्ट रूप से इसके आस पास कोई सैन्य ठिकाना नहीं है।
बुधवार को हुआ हमला इस सप्ताह में दूसरा हमला था। रविवार को इसी तरह के हवाई हमले में उत्तरी प्रांत हज्जाह में सात बच्चों और दो महिलाओं सहित 9 लोग मारे गए थे। युद्ध विराम की समाप्ति के बाद बुधवार का हवाई हमला तीसरा ऐसा हवाई हमला था जिसे COVId-19 के प्रकोप के बाद घोषित किया गया। ये सीजफायर जून में समाप्त हुआ था।
राजधानी सना में हौथी की अगुवाई वाली सरकार ने सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन पर बुधवार के हमले को "युद्ध अपराध" क़रार दिया है। इसने सऊदी अरब पर 2015 से हवाई हमलों में इसके नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाने का आरोप लगाया है जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं। सऊदी गठबंधन ऐसी मौतों को अक्सर "आकस्मिक" कहा है।
सऊदी नेतृत्व वाला गठबंधन अब्द रबूह मंसूर हादी के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन कर रहा है जो 2014 से निर्वासित है जब हौथी के नेतृत्व वाली सेना ने भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन में लिप्त होने का आरोप लगाकर राजधानी सना पर क़ब्ज़ा कर लिया था।
इस बीच गठबंधन सेना और हौथी सेना के बीच यमन के मारिब प्रांत में जारी लड़ाई ने COVID-19 के प्रकोप के समय गंभीर चिंताओं को खड़ा किया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार गुरुवार 16 जुलाई को यमन में 1,530 मामले सामने आए थे जिनमें से 434 की मृत्यु हो गई थी जिससे यह दुनिया में सबसे अधिक मृत्यु दर (प्रति संक्रमित लोगों के अनुसार) वाला देश बन गया।
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