अब उदित राज पर एफ़आईआर
उन्नाव/ लखनऊ: उन्नाव जिले की पुलिस ने असोहा थाने के बबुरहा में दलित लड़कियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में ट्विटर पर ‘भ्रामक और अफवाह फैलाने’ वाली पोस्ट करने के आरोप में पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता उदित राज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
इस मामले में उदित राज ने 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में सरकार पर दमन करने और सच की आवाज दबाने का आरोप लगाया है। उल्लेखनीय है कि उदित राज 2014 से 2019 तक दिल्ली से भाजपा के सांसद रह चुके हैं और इस समय कांग्रेस के सदस्य हैं।
आपको मालूम है कि असोहा थाना इलाके के बबुरहा गांव में गत 17 फरवरी की शाम खेतों पर घास लेने गईं तीन दलित किशोरियों के एक खेत में संदिग्ध अवस्था में बेसुध पाए जाने के बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। चिकित्सकों ने दो लड़कियों को मृत घोषित कर दिया था, जबकि एक लड़की को गंभीर हालत में उन्नाव अस्पताल ले जाया गया और बाद में कानपुर रेफर कर दिया गया।
उन्नाव पुलिस द्वारा शनिवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक जिले के असोहा थानांतर्गत बबुरहा में 17 फरवरी की घटना के संबंध में उदित राज नामक ट्विटर हैण्डल से गलत, भ्रामक और आम जनमानस में आक्रोश फैलाने वाली कथित पोस्ट की गई थी। इस मामले को लेकर पुलिस ने मामला पंजीकृत किया है।
उन्नाव के पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने दावा किया, ‘‘उदित राज नामक ट्विटर अकाउंट से वास्तविक तथ्यों से परे पोस्टमार्टम आदि साक्ष्यों की उपेक्षा करते हुए मृत लड़कियों के साथ बलात्कार होने तथा उनके शवों को घर वालों की मर्जी के खिलाफ जला दिये जाने संबंधी अफवाह से आम जनमानस में आक्रोश उत्पन्न करने का प्रयास किया गया था।’’
कुलकर्णी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों लड़कियों के साथ किसी प्रकार के बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है एवं परिजनों द्वारा बिना किसी दबाव के लड़कियों का अंतिम संस्कार किया गया है।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त कथित ट्वीट द्वारा जानबूझकर मनगढ़ंत एवं फर्जी खबरों को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया, जिसके चलते ही ट्वीटकर्ता (उदित राज) के विरुद्ध थाना कोतवाली में भारतीय दंड विधान और आईटी अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत अभियोग पंजीकृत करके विधिक कार्रवाई की जा रही है।
इस बीच कांग्रेस के प्रवक्ता एवं पूर्व सांसद डा. उदित राज ने कहा, ‘‘पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले वहां गई थी और उनसे बातचीत के बाद हमने ट्वीट किया। हमने अपने ट्वीट में पूर्व सांसद का हवाला भी दिया है।' उदित राज ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में जो भी आवाज़ उठाये, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। हाथरस में अधिकारियों ने अफ़वाह फैलाई तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन हम सच के साथ खड़े हैं और हमारी आवाज कोई दबा नहीं सकता है।'
आपको बता दें कि हाथरस में दलित युवती से बलात्कार और हत्या के मामले में भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे थे। उस दौरान पुलिस-प्रशासन ने रात के अंधेरे में लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया था, जिसकी काफी आलोचना हुई थी। परिवार जनों का कहना था कि उनकी सहमति और उपस्थिति के बिना ही उनकी लड़की को जला दिया गया। अब इस पूरे मामले की सीबीआई जांच चल रही है। लेकिन उस समय इस मामले के तूल पकड़ने पर अंतर्राष्ट्रीय साज़िश तक की बात कही गईं। यही नहीं केरल के एक पत्रकार सिद्दीक कप्पन को भी पुलिस ने हाथरस जाते समय रास्ते में गिरफ्तार किया था। पीएफआई के साथ कथित जुड़ाव के आरोप में कप्पन को पिछले साल पांच अक्टूबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। अब जाकर उच्चतम न्यायालय से उन्हें अपनी बीमार मां से मिलने जाने के लिए सोमवार को पांच दिन की जमानत मिली।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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