चिंता : दिल्ली के निज़ामुद्दीन में तबलीगी जमात के 24 लोग कोरोना संक्रमित
दिल्ली में निज़ामुद्दीन के मरकज़ बिल्डिंग में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन को लेकर मामला चर्चा में है। इस आयोजन में कुछ ऐसे लोगों के शामिल होने की ख़बर है जो कोरोना वायरस से संक्रमित थे।
अब तक इस मरकज़ से 1033 लोगों को निकाला जा चुका है और जिसमें से 24 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। मरकज़ से निकाले गए लोगों में से 334 लोग अस्पताल में भर्ती हैं और बाकी के करीब 700 लोगों को क्वारेंटाइन में रखा गया है।
क्या है मामला?
दक्षिण दिल्ली के निज़ामुद्दीन पश्चिम इलाके में एक से 15 मार्च के बीच तबलीग-ए-जमात के इज्तिमे यानी सम्मेलन या सत्संग जिसमें मज़हबी मकसद से एक ख़ास जगह लोग जमा होते हैं, में दो हज़ार से ज्यादा लोगों ने शिरकत की थी। इनमें इंडोनेशिया और मलेशिया के लोग भी शामिल थे।
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि कुछ लोगों के कोरोना वायरस से संपर्क में आने की आशंका के बाद इलाके को सील कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों में बीमारी के लक्षण दिखने की रिपोर्टों के बाद दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के अफसरों और मेडिकल टीमें रविवार रात इलाके में गई थी। कम से कम 100 लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है।
मुस्लिम संगठन तबलीग-ए-जमात के मुख्यालय और घरों समेत पूरे इलाके को काट दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस–सीआरपीएफ की मेडिकल टीमें लोगों की जांच कर रही हैं और उन्हें पृथक रखने के लिए निर्धारित अस्पतालों में भेज रही हैं।
पिछले हफ्ते श्रीनगर में करीब 60 वर्षीय व्यक्तित की संक्रमण से मौत होने के बाद फिक्र होना शुरू हुई। इस शख्स ने इज्तिमे में शिरकत की थी। अधिकारियों के मुताबिक, संगठन के मुख्यालय में बड़ी सभा के बाद छोटी-छोटी मंडलियों में भी लोग बैठते हैं।
कई देशों के लोग हुए थे शामिल
आपको बता दें कि संगठन का मुख्यालय निज़ामुद्दीन थाने के बराबर में है और ख़्वाजा मुईनुद्दीन औलिया की दरगाह के पास है।
इस इज्तिमे में सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दुबई, उज्बेकिस्तान और मलेशिया सहित कई देशों के प्रचारकों ने हिस्सा लिया। भारत के अलग अलग हिस्सों से आए करीब 600 लोगों ने भी इसमें हिस्सा लिया।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नागरिक तो ट्रेनों और उड़ानों के जरिये वापस चले गए। देश के कई हिस्सों में सामने आए कुछ मामलों के संपर्क खंगाले गए तो उनका संबंध इस इज्तिमे से निकाला।
लोगों को पृथक केंद्र में भेजने के लिए बसों को तैयार रखा गया है। इज्तिमे में शिरकत करने वालों के लिए रहने की व्यवस्था जिन हॉस्टलों की जाती थी, उन्हें भी सील कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस इलाके में नज़र रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है।
मौलाना के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दक्षिणी दिल्ली के निज़ामुद्दीन पश्चिम में तब्लीगी जमात का नेतृत्व करने के लिए एक मौलाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का सोमवार को आदेश दिया। यह जानकारी सूत्रों ने दी।
सूत्रों ने कहा कि दिल्ली सरकार कोरोना वायरस के मामलों का पता लगाने के लिए मंगलवार को पास की कॉलोनियों में घर-घर एक अभियान शुरू करेगी। अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने सोमवार को ही निजामुद्दीन पश्चिम के एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी कर दी है।
टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली सरकार को 24 मार्च को ही ये जानकारी मिल गई थी कि मरकज़ में बहुत सारे लोग जमा हैं, लेकिन उन्हें वहां से निकालने में दिल्ली सरकार की ओर से उन लोगों को वहां से निकालने में देरी हुई।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि सरकार ने पिछले 3 दिन से कार्रवाई शुरू कर दी है। उनके अनुसार मरकज़ में करीब 1500-1700 लोगों के होने की सूचना है, जिनमें से करीब 1000 लोग निकाले जा चुके हैं।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि पूरे देश में लॉकडाउन है, दिल्ली में डिजास्टर एक्ट और कंटीजियश डिसीज एक्ट लागू है, जिसमें 5 से अधिक लोगों के एक जगह जमा होने पर रोक है, लेकिन फिर भी इतना बड़ा आयोजन हुआ है।
वह बोले कि आयोजकों ने घोर अपराध की श्रेणी का काम किया है। मैंने एलजी को भी एक पत्र लिखा है, जिसमें इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ )
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