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#PadWaliTrain : महिला यात्रियों के लिए ट्रेनों में हो सैनेटरी पैड वेंडिंग मशीन और अलग शौचालय

14 घंटे लंबी उस ट्रेन यात्रा में अचानक मेरी पीरियड (माहवारी) शुरू हो गई। मैं इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी, मेरे पास पैड भी नहीं था। मैं नहीं चाहती थी कि मेरे कपड़ों पर दाग लगे।
सांकेतिक तस्वीर
Image Courtesy: Change.org

दीदी, आपके पास पैड होगा क्या?”

मेरे पास तो नहीं है, तुम्हें लेकर चलना चाहिए ना!”

लेकर चलती हूँ पर…”

ट्रेन में पैड कहाँ मिलेगा तुम्हें! ये टिशू पेपर रख लो।”

मुझे आज भी वो छोटा सा संवाद और वो ट्रेन की यात्रा याद है। एक यात्रा, जिसमें मैं एक बोरी की तरह ट्रेन सीट के कोने में जाकर दुबक गई थी। अपने पूरे जीवन में मैं कभी इतनी असहाय और मजबूर नहीं हुई, जितनी उस ट्रेन में हुई थी।

14 घंटे लंबी उस ट्रेन यात्रा में अचानक मेरी पीरियड (माहवारी) शुरू हो गई। मैं इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थीमेरे पास पैड भी नहीं था। मैं नहीं चाहती थी कि मेरे कपड़ों पर दाग लगे।

उस ट्रेन में सैनेटरी पैड वेंडिंग मशीन भी नहीं थी, जिससे मैं उस स्थिति से निपट सकती। मैंने किसी तरह रुमाल और उन कुछ टिशू पेपरों की मदद से खून रोका, और चुपचाप जाकर सीट के कोने में बैठ गई।

ट्रेन किसी स्टेशन पर रूकती तो मेरी साँस रुक जाती। मैं बस यही दुआ कर रही थी कि कितनी जल्दी ये सफर खत्म हो, सब लोग ट्रेन से निकलें और मैं अपनी सीट से उठ सकूँ।

मैं जानती हूँ कि अनगिनत महिलाएं मेरी स्थिति को समझ रही होंगी, वो मेरा दर्द समझ रही होंगी। महिलाएं अपनी पीरियड का समय नहीं तय कर सकतीं, काश हम कर सकते पर ये संभव नहीं। लेकिन हम पीरियड के लिए तैयार तो रह सकते हैं।

पीरियड के लिए तैयार रहना संभव है, खासकर ट्रेन यात्राओं के दौरान, अगर भारतीय रेलवे हमारी थोड़ी सी मदद कर दे। रेलवे को कुछ बड़ा नहीं करना, बस महिलाओं के हितों के लिए कुछ फैसले लेने हैं। रेलवे के एक कदम से लाखों-करोड़ों महिला यात्री राहत की साँस लेंगी।

मैंने उन लाखों-करोड़ों महिलाओं को राहत की सांस दिलाने के लिए ये पेटीशन शुरू किया है। इसपर हस्ताक्षर करें और आइये मौजूदा रेल मंत्रालय या चुनावों के बाद बनने वाले रेल मंत्रालय से कहें कि महिला यात्रियों के लिए:

  • सभी ट्रेनों में सैनेटरी पैड वेंडिंग मशीन हो।
  • ट्रेनों में अलग से शौचालयों की व्यवस्था की जाए।
  • शौचालयों में पैड बदलने और फेंकने की साफ-सुथरी व्यवस्था हो।
  • इन सारी सुविधाओं के बारे में विज्ञापन जारी किए जाएं ताकि पीरियड (माहवारी) के प्रति जागरुकता फैले।

आप खुद को मेरी जगह पर रखिए, सोचिए कि बिना हिले-डुले, डर से सहमकर एक जगह बैठना कैसा होता है। एक यात्री के रूप में महिलाओं से जुड़ी ये समस्या हज़ार गुना बड़ी हो जाती है।

हम स्टेशन पर उतरकर पैड तो खरीद नहीं सकते। अगर किसी भी महिला को ट्रेन में पीरियड आती है और ट्रेन में पैड की सुविधा हो तो देश की कितनी महिलाओं को इससे लाभ होगा।

ट्रेन के शौचालय भी महिलाओं के लिए कम समस्या नहीं हैं। कई बार तो शौचालय इतने गंदे होते हैं कि महिलाएं उसमें जाने से कतराती हैं। और मैंने कितनी महिलाओं को देखा है कि वो शौच को रोककर रखती हैं क्योंकि शौचालयों के पास पुरुषों की भीड़ होती है।

महिलाओं के लिए अलग शौचालय की सुविधा हमें एक सुरक्षा और प्रइवेसी का एहसास देगीये हमारे लिए बहुत बड़ी राहत होगी।

मैं जानती हूँ कि बहुत सारी महिलाएं अपना सिर हिला रही होंगी कि मैंने जो लिखा है वो बिल्कुल होना चाहिए। पर अब सिर हिलाने से नहीं, व्यवस्था को हिलाने से काम होगा। मेरी पेटीशन पर हस्ताक्षर करें और इसे शेयर कर इस जन अभियान का हिस्सा बनें।

2019 के चुनाव सामने हैं और महिला सशक्तिकरण का नारा गली-गली में लगेगा। हम और आप मिलकर सुनिश्चित करें कि ये नारा, हकीकत में बदले। आइये साथ मिलकर कोशिश करें कि इस सरकार या आने वाली सरकार के लिए महिलाओं से जुड़ा ये मुद्दा प्राथमिकता बने।

समस्या ये भी है कि चुनावों के समय महिला सशक्तिकरण का खूब नारा लगता है और बाद में सारे वादे और इरादे हवा हो जाते हैं। इसबार ऐसा ना हो इसलिए हम सबको मिलकर, महिला हो या पुरुष, सबको साथ आना होगा।

आप किसी भी महिला से पूछिए कि मेरी मांग पूरी होनी चाहिए तो वो हाँ ही कहेगी। मेरी पेटीशन पर हस्ताक्षर करें और इसे नेताओं से शेयर करें ताकि वो भी कहें कि ये होना चाहिए।

मैं तो सपने में भी नहीं सोच सकती कि जो मेरे साथ हुआ वो मेरी किसी बहन के साथ हो।

मेरा साथ दें ताकि भारतीय रेल और सभी दलों के नेता हमारी मांगों के प्रति संवेदना दिखाएं और इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाएं।

#PadWaliTrain ताकि ट्रेन से यात्रा करने वाली हर महिला सशक्त हो। वो बिना किसी दाग के डर के, खुशी से और चैन और सुकून से अपना सफर पूरा करे।

#SheVotes2019

(तन्वी मिश्रा ने रेल मंत्री पीयूष गोयल और पांच अन्य को संबोधित करते हुए ये ऑनलाइन पेटीशन शुरू की है।)  

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