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पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों 10 सितम्बर को भारत बंद

10 सितम्बर को विपक्षी दलों ने बढ़ती महँगाई और पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है। वामपंथी दलों ने इस बंद के आह्वान की घोषणा 6 सितम्बर को की थी, इसके बाद कांग्रेस, डीएमके और आरजेडी, एनसीपी, जेडी(एस), जेवीएम ने भी भारत बंद का आह्वान किया।

10 सितम्बर को भारत बंद
Image Courtesy: पत्रिका .कॉम

विपक्ष का कहना है कि उन्हें काफी समर्थन मिलने की उम्मीद है। उम्मीद की जा रही है कि इसका व्यापक असर तमिलनाडु, बिहार, बंगाल,राजस्थान, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में देखा जायेगा। 

 

वामपंथी पार्टियों ने अपने प्रेस स्टेटमेंट में बताया कि बहुत से मुद्दे हैं जिनकी वजह से यह बंद किया जा रहा है। इसमें न्यूनतम वेतन, किसानों की क़र्ज़ माफ़ी, उपज के डेढ़ गुना दाम,जैसी माँगों के साथ-साथ और भी मुद्दों का ज़िक्र है। लेकिन भारत बंद का मुख्य मुद्दा पेट्रोल और डीज़ल के आसमान छूते दाम हैं। इस वजह से ज़रूरी चीज़ों के दामों में इज़ाफा हुआ हैI इससे खेती की लागत में खासतौर से बढोत्तरी हुई है। पहले ही किसान बीज, खाद, बिजली के दामों से परेशान हैंI अब पेट्रोल-डीज़ल के दामों में बढोत्तरी से इन चीज़ों के दाम और बढ़ रहे हैं, जिससे किसानों पर बोझ बढ़ रहा है। 

                        

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक फिलहाल बंगलौर में एक लीटर पेट्रोल का दाम 82 .6 रुपये है और डीज़ल का 74 रुपये, दिल्ली में पेट्रोल का दाम 80 रुपये  है और डीज़ल के 72 रुपये, मुंबई में पेट्रोल का दाम 87.4 रुपये  और डीज़ल के 77 रुपये, चेन्नई में पेट्रोल का दाम 83.1 रुपये है और डीज़ल का 76 रुपये और कोलकत्ता में  82.9 रुपये है और  डीज़ल का दाम 75 रुपये है। मिंट अख़बार की रिपोर्ट के हिसाब से 15 अगस्त से अब तक पेट्रोल के दामों में 2.85 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल के दामों में 3.35 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बढोत्तरी हुई है। जनवरी 2018 से अब तक दामों में 14 % की बढ़त आई है। इंधन पर लगाये गए भारी कर भी पेट्रोल और डीज़ल के दामों को बढ़ाने का एक मुख्य कारण बताए जा रहा है। 

 

इसके साथ ही एक और मुद्दा है जो उभरकर सामने आया है। भारतीय रुपये की अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में मूल्य गिरा है।

 

भारत बंद के मुद्दे पर बात करते हुए माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली ने कहा "मुझे लगता है आज इस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की एक पूरी श्रंखला खड़ी हो गयी है पहले महिलाओं ने अपने मुद्दे पर विरोध किया, फिर मज़दूर और किसान अपनी माँगे लेकर लाखों की संख्या में दिल्ली आये और अब सरकार की नीतियों के खिलाफ भारत बंद किया जा रहा है। इससे देश भर में सरकार के खिलाफ एक विरोध का माहौल बन रहा है जिसे हम एक जगह केंद्रित करना चाह रहे हैं, खासकर तब जब कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। आज जिस मुद्दे ने सबसे ज़्यादा असर डाला है वो है ईंधन के दाम में बढोत्तरी। जब दुनिया में तेल के दाम कम थे तब भी जनता को फायदा नहीं हुआ और अब जब कुछ बढ़े हैं तो हमारे देश में ये बहुत ही ज़्यादा बढ़ गए हैं। हम यह सवाल भी कर रहे हैं कि जब हमारा देश ईरान से कम कीमत पर तेल खरीद सकता है तो फिर अमरीका के दबाव में हम महंगा तेल क्यों ले रहे हैं। महंगाई के मुद्दे पर लोगों में बहुत गुस्सा और यह प्रदर्शन उसी का नतीजा है। "

 

 

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