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पंजाबी यूनिवर्सिटी में महिला छात्रों की 24 घंटे हॉस्टल एंट्री की माँग को लेकर प्रदर्शन जारी

पिछले 20 दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन में कई मोड़ आये हैं। फिलहाल छात्र अपनी माँगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं और साथ ही छात्र संगठनों द्वारा दिन महिला मुद्दों पर लेक्चर सीरीज़ आयोजित की जा रही है। 
punjabi university

18 सितम्बर से पटिलाया की पंजाबी यूनिवर्सिटी में छात्रों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि छात्रों के दबाव में जल्द ही छात्रों की सभी माँगों मान ली जाएँगी। पिछले 20 दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन में कई मोड़ आये हैं। फिलहाल छात्र अपनी माँगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं और साथ ही छात्र संगठनों द्वारा दिन महिला मुद्दों पर लेक्चर सीरीज़ आयोजित की जा रही है। 

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दबाव में ज़्यादतर माँगे मान ली हैं, लेकिन अब भी महिला छात्रों के लिए 24 घंटे हॉस्टल खुले रखने की माँग को नहीं माना गया है। छात्रों की चार मुख्य माँगे हैं। छात्र माँग कर रहे थे कि परीक्षाओं में कोड़ ऑफ़ कंडक्ट लागू किया जाए क्योंकि परीक्षा के परिणाम समय पर नहीं आ रहे थे। यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने समझाया कि अगर दिसंबर में परीक्षा होती है तो उसका परिणाम इतना देर से आता है कि तब तक दूसरा अकादमिक सेशन शुरू हो जाता है। तब छात्रों को जल्दी रिजल्ट पाने के लिए 800 से 900 रुपये फीस देनी पड़ती थी। इसी तरह परीक्षा के परिणामों के बाद जो छात्र रिवैलुएशन का फॉर्म  भरते हैं उनका भी परिणाम नहीं आता था और उससे पहले ही रीअपीयरिंग की तारीख आ जाती थी। इस वजह से छात्रों  फॉर्म भरने पड़ते थे दोनों में ही 800 से 900 रुपये लगते थे। किसी छात्र से ज़्यादा फीस ली जा रही थी किसी से कम। 

छात्रों की दूसरी माँग थी कि परीक्षा के कंट्रोलर की पोस्ट ऐसे व्यक्ति को दी जाए जो और किसी पद पर न हो। बताया जा रहा है कि फिलहाल इस पद पर बैठे व्यक्ति कई और विभागों के पद भी संभाल रहे हैं। इस वजह से उन्हें परीक्षा की समस्याओं पर ध्यान देने का समय नहीं मिलता। तीसरी माँग थी कि लड़कियों का हॉस्टल 24 घँटे के लिए खुले होने चाहिए। लेकिन फिलहाल जिस माँग पर सबसे ज़्यादा विवाद है वह इसी माँग को लेकर है। 

18 सितम्बर को डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ओर्गनाइजेशन नामक एक वामपंथी संगठन ने इन्ही माँगों को लेकर यूनिवर्सिटी कैंपस एक मार्च निकाला। इस मार्च में करीब 70 छात्र शामिल थे। स्टूडेंटस फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के यूनिवर्सिटी यूनिट सेक्रेटरी गुरमीत रोहाना ने बताया कि इस मार्च के आस-पास 3 स्टूडेंट्स असोसिएशन ऑफ़ पंजाब के लड़के बाइक पर घूमने लगे। वह महिला छात्रों को छेड़ने लगे और छात्रों ने इसका विरोध किया। इसके बाद दोनों गुटों में झड़प हो गयी और एसएपी के तीनो छात्र वहाँ से भाग गए। 

बाद में जब छात्र कुलपति के ऑफिस के सामने धरने पर बैठे थे। तब करीब 60 से 70 एसएपी के छात्रों ने विरोध पर रहे छात्रों पर हमला किया। बताया जा रहा है कि वह कृपाण और डंडे लेकर आये थे। महिला छात्र दहशत में भाग गयीं और वहाँ बचे हुए छात्रों को बहुत चोटें आयीं। इसके बाद पंजाबी यूनिवर्सिटी में मौजूद बाकी वामपंथी छात्र संगठनों जैसे एसएफआई, पीएसयू, एआईएसफ और बाकी संगठनों ने अगले दिन हिंसा के खिलाफ मार्च निकाला। इस मार्च में करीब 400 लोग मौजूद थे इसके साथ ही वामपंथी संगठनों ने गुंडागर्दी के खिलाफ एक यूनाइटेड फ्रंट भी बनाया।  

18 सितम्बर के बाद से वामपंथी संगठन लगातार यूनिवर्सिटी में महिला मुद्दों पर लेक्चर सीरीज़ करवा रहे हैं। यह कुलपति के ऑफिस के सामने या महिला हॉस्टलों में करवाये जा रहे हैं। स्टूडेंटस फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के यूनिवर्सिटी यूनिट सेक्रेटरी गुरमीत रोमाना का कहना है कि इन लेक्चरों में हर रोज़ 300 से 350 छात्र मौजूद रहते हैं। इसके आलावा पिछले 7 दिनों से छात्र अपनी माँगों को लेकर भूख हड़ताल भी कर रहे हैं। 

इस सब को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन भी दबाव में आ गया है और छात्रों की मुख्य माँगों को मान लेने का दवा कर रहा है। लेकिन सब भी 24 हॉस्टल एंट्री के मुद्दे पर पेंच अटका हुआ है। सूत्र बताते हैं कि इसकी वजह है एसएपी और दूसरे सामंती सोच वाले छात्र संगठन। बताया जा रहा है कि अकाली दाल से जुड़ा संगठन स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइसेशन ऑफ़ इंडिया और बाकी दक्षिणपंथी संगठन भी लड़कियों के 24 घंटे हॉस्टल एंट्री के खिलाफ हैं। बताया यह भी जा रहा है कि इन संगठनों को प्रशासन के एक धड़े का समर्थन है। 

यूनिवर्सिटी में लगातार बैठकों के दौर चल रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कोई बीच का रास्ता निकाले जाने की उम्मीद है। फिलहाल जहाँ महिलाओं के लिए श्याम 8 बजे तक एंट्री बंद हो जाती है। वहीं यह हो सकता है कि इसकी समय सीमा 12 बजे या रात 10 बजे तक बढ़ जाए। फिलहाल प्रशासन ने पीएचडी और एमफिल की छात्राओं के लिए 24 घंटे हॉस्टल एंट्री की माँग को मान लिया गया है I 

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