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पत्रकार खाशोग्गी हत्याकांड : एर्दोगन-ट्रंप में बात, जर्मनी ने सऊदी को हथियार की ब्रिकी रोकी

पत्रकार खाशोग्गी की मौत के बाद सऊदी अरब लगातार बैकफुट पर है। इस मामले में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप में बात हुई है। उधर जर्मनी ने सऊदी को की जाने वाली हथियारों की बिक्री रोक दी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तइप एर्दोगन। (फाइल फोटो)

पत्रकार जमाल खाशोग्गी की हत्या पर पूरी दुनिया में हलचल है। जर्मनी ने सऊदी को की जाने वाली हथियारों की बिक्री रोकने का ऐलान किया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तइप एर्दोगन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस मसले पर बात की है और सभी पहलुओं को उजागर करने पर सहमति बनी। उधर सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने भी माना है कि पत्रकार खाशोग्गी की मौत एक बड़ी गलती थी। 

खाशोग्गी पत्रकार और 'वाशिंगटन पोस्ट' के स्तंभकार थे। खाशोग्गी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आलोचक कहे जाते थे। वह दो अक्टूबर को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास गए थे और तभी से लापता हो गए थे। बाद में (शनिवार) को सऊदी अरब ने स्वीकार किया कि खाशोग्गी की दूतावास के भीतर संघर्ष की दौरान मौत हो गई। हालांकि, सऊदी अरब ने मौत के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। 

जर्मनी ने सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री रोकी 

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने सऊदी अरब को की जाने वाली हथियारों की बिक्री रोकने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वह मौजूदा परिस्थितियों में सऊदी अरब को हथियार बेचना जारी नहीं रख सकते।

मर्केल ने बर्लिन में पार्टी के शीर्ष अधिकारियों की बैठक के बाद कहा, "हथियारों के निर्यात के फैसले के कोई आधार प्रतीत नहीं होता।"

मर्केल ने इससे पहले उनकी पार्टी सोशल डेमोक्रेटिक के विदेश मंत्री मेको मास के साथ संयुक्त बयान जारी कर खाशोग्गी की हत्या की निंदा की थी।

इस बयान में कहा गया, "हम खाशोग्गी की मौत के संबंध में सऊदी अरब से पारदर्शिता की उम्मीद करते हैं कि वह इस संबंध में पूरा सच दुनिया के सामने रखे और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कठघरे में खड़ा करे।"

इस दौरान मास ने जर्मनी के चैनल 1 से कहा कि खाशोग्गी की मौत के बाद हम सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री करने जारी नहीं रख सकते। 

एर्दोगन, ट्रंप में चर्चा 

उधर अंकारा से खबर है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तइप एर्दोगन और उनके अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार रात को पत्रकार जमाल खाशोग्गी की मौत पर चर्चा की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच सहमति बनी कि पत्रकार की मौत के सभी पहलुओं को उजागर किया जाना चाहिए।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने इसकी जानकारी दी।

एर्दोगन ने इससे पहले कहा था कि वह मंगलवार को संसद में पार्टी की बैठक के दौरान खाशोग्गी मामले में बयान देंगे। 

सुल्तान और क्राउन प्रिंस ने खाशोग्गी के बेटे को फोन किया 

रियाद से खबर है कि सऊदी अरब के सुल्तान और क्राउन प्रिंस ने पत्रकार जमाल खाशोग्गी के बेटे के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) ने रविवार को कहा कि सुल्तान सलमान बिन अब्दुल्लाजीज और उनके बेटे मोहम्मद बिन सलमान ने खाशोग्गी के बेटे सलाह जमाल को फोन कर उनसे सहानुभूति जताई।

एसपीए द्वारा अलग से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सलाह ने सुल्तान का आभार जताया और क्राउन प्रिंस द्वारा फोन करने को लेकर उनका शुक्रिया अदा किया। 

पत्रकार खाशोग्गी की मौत गलती थी : सऊदी अरब 

उधर सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल अल-जुबेर ने फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा कि क्राउन प्रिंस को खाशोग्गी की मौत की कोई जानकारी नहीं थी।

इस साक्षात्कार में अल-जुबेर ने खाशोग्गी की मौत को एक भारी गलती करार देते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कठघरे में खड़ा किया जाएगा।

अल जुबेर ने कहा, "उन्होंने गलती की और दूतावास में खाशोग्गी की मौत हो गई और उनकी मौत की खबर को ढकने की कोशिश की गई।"

(इनपुट आईएएनएस)

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