पुणे : एक और दीवार गिरी, 6 और मज़दूरों ने जान गंवाई
महाराष्ट्र में पुणे के अम्बेगांव इलाके में एक शैक्षणिक संस्थान की दीवार उसके पास बनीं अस्थायी झोंपड़ियों पर गिर गयी जिससे छह श्रमिकों की मौत हो गई और कम से कम दो लोग घायल हो गए।
इससे पहले शनिवार को भी पुणे में एक रिहायशी सोसायटी की दीवार गिर गई थी। इस घटना में 15 मजदूरों की मौत हो गई थी। केबल पुणे में ही भारी बारिश के बाद तीन दिन के अंदर दीवार गिरने की ये दूसरी घटना है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना की जांच आदेश दिए थे। इस घटना की जांच अभी पूरी भी नहीं हो पाई थी कि पुणे में ही दीवार गिरने की ये दूसरी घटना हो गई है।
दोनों घटनाओं में एक बात समान थी की इसमें मरने वाले लोग सबसे कमज़ोर तबके के थे। अधिकतर दिहाड़ी मज़दूर हैं। इनका अपना घर भी नहीं है। लेकिन ये दूसरों के घरों की दीवार के नीचे दबकर मर रहे हैं।
पुणे के अम्बेगांव की घटना
पुणे में सोमवार की आधी रात को एक कॉलेज की दीवार गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई और 4 लोग घायल हो बताए जा रहे।
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक सिंहगढ़ कॉलेज की दीवार गिरने से कई लोग चपेट में आ गए ये कॉलेज अम्बेगांव में स्थित हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक ये घटना सोमवार रात को 1 बजकर 15 मिनट के आसपास हुई थी। एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
अधिकारियों ने कहा, ‘‘सिंहगढ़ संस्थान की दीवार श्रमिकों के अस्थायी आवास पर गिर गई जिसके कारण छह लोगों की मौत हो गई और दो-तीन अन्य लोग घायल हो गए।’’
जिला कलेक्टर नवल किशोर राम ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या ऐसा लगता है कि कॉलेज की दीवार पर पेड़ गिर गया और इसके बाद दीवार उन झोंपड़ियों पर गिर गईं जो निर्माणाधीन स्थल पर बनाई गई थीं। उन्होंने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि निर्माणाधीन स्थल का मालिक कौन है।
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शनिवार को 15 मज़दूरों की गई थी जान
पुणे में शनिवार को भारी बारिश के कारण एक आवासीय परिसर की दीवार के उसके पास बनी झोपड़ियों पर गिरने से उनमें सो रहे चार बच्चों सहित 15 भवन निर्माण श्रमिकों की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने दो भवन निर्माता कंपनियों के निदेशकों के खिलाफ गैर इरादातन हत्या का मामला दर्ज करके दो बिल्डरों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुणे नगर निगम के आयुक्त सौरभ राव ने कहा कि प्रथम दृष्टया, यह प्रतीत होता है कि मिट्टी की खुदाई के काम में भारी बारिश से दीवार की जमीन की पकड़ ढीली हो गयी। खुदाई का काम उस दीवार के करीब ‘‘गैर-जिम्मेदाराना’’ तरीके से किया जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि हादसा तब और भी भयावह हो गया जब परिसर के अंदर दीवार से सटी खड़ी कई कारें भी झोपड़ियों पर गिर गई। पुणे में शुक्रवार को 73.1 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 2010 के बाद से जून में हुई दूसरी सबसे अधिक बारिश है।
बता दें कि पुणे सहित महाराष्ट्र में इस वक्त मानसून पूरे जोर पर है। यहां पर इस वक्त तेज बारिश हो रही है। बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। बारिश और रात होने की वजह से अधिकारी और राहत की अन्य टीमें को घटना स्थल पर पहुंचने में देर लगी थी।
लेकिन इन सभी हादसों में प्रशासन की भरी लापरवाही नज़र आ रही है। अभी तक बारिश के बाद से मुंबई और पुणे में कुल मिलाकर 22 लोगो ने अपनी जान गंवाई है।
(भषा इनपुट के साथ )
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