Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

प्रधानमंत्री मोदी की फिरोज़पुर रैली रद्द होने पर राजनीति तेज़, वार और पलटवार

भाजपा ने इसे मुद्दा बनाने की कोशिश करते हुए प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक और एक साज़िश कहा है। उधर कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री की रैली में भीड़ नहीं जुटी तो सुरक्षा में चूक का बहाना बनाया गया।
modi
फोटो साभार : अमर उजाला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब के फिरोज़पुर में आज बुधवार को होने वाली रैली रद्द होने पर राजनीति तेज़ हो गई है और आरोप-प्रत्यारोप, वार-पलटवार का दौर है। भाजपा ने इसे मुद्दा बनाने की कोशिश करते हुए इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक और एक साज़िश कहा है। उधर कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री की रैली में भीड़ नहीं जुटी तो सुरक्षा में चूक का बहाना बनाया गया।

इसी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि हमें खेद है कि प्रधानमंत्री को रास्ते में व्यवधान के कारण लौटना पड़ा।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी आज पंजाब के दौरे पर थे, जहां उन्हें फिरोजपुर में एक कार्यक्रम में कई विकास योजनाओं का शिलान्यास करना था तथा उसके बाद एक रैली को संबोधित करना था।

सड़क मार्ग से जाते समय उस समय कथित तौर पर ‘‘सुरक्षा में गंभीर चूक’’ हुई जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनके आगे के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया था। इसके चलते, प्रधानमंत्री एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे और बाद में उनके काफिले को वापस लौटना पड़ा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ANI से बात करते हुए अधिकारियों ने बताया है कि पीएम मोदी इस घटना से खासा नाराज़ हैं। उन्होंने सीएम चन्नी पर निशाना साधते हुए कहा है कि “अपने सीएम को थैंक्स कहना कि मैं एयरपोर्ट जिंदा लौट पाया”।

इस घटना पर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पंजाब सरकार से इस चूक के लिए एक रिपोर्ट मांगी है और इसके लिए जिम्मेदार रहे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई को कहा है।

इधर, दिल्ली में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली पंजाब की कांग्रेस सरकार से सवाल किया कि राज्य की पुलिस ने क्या जानबूझकर प्रधानमंत्री के सुरक्षा दस्ते को झूठा आश्वासन दिया, कैसे प्रदर्शनकारी उनके काफिले तक पहुंचे और जब सुरक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क साधने की कोशिश की तो क्यों कोई संवाद नहीं किया गया?

ईरानी के साथ संवाददाता सम्मेलन में मौजूद भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि आज एक ऐसी घटना हुई है जो कि भारत के इतिहास में अभूतपूर्व है।

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद के गंभीर दौर में, आतंकवाद से गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में भी कभी इस प्रकार की सुरक्षा की चूक नहीं हुई या यूं कहूं  सुरक्षा के साथ ऐसा मजाक नहीं हुआ, जैसा आज प्रधानमंत्री के साथ हुआ।’’

उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि चाहे राष्ट्र का विकास हो, राष्ट्र का हित हो या राष्ट्रीय सुरक्षा... सभी को अपनी निजी राजनीति की तराजू पर तौलते-तौलते आज वह इस सीमा तक आ गए कि मोदी के प्रति ईर्ष्या, वैमनस्य और घृणा... सरकार के रूप में अपना संवैधानिक दायित्व, राजनीतिक दल की मर्यादा और मानव जीवन का मूल्य... तीनों को तार-तार कर दिया।’’

उन्होंने कहा कि पंजाब की गरिमा को भी पूर्णत: धूल धूसरित कर दिया गया आज।

इससे पहले, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पंजाब की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि आगामी विधानसभा चुनाव में हार के डर से उसने प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को विफल करने के लिए हरसंभव कोशिश की।

प्रधानमंत्री की रैली में भीड़ नहीं जुटी तो सुरक्षा में चूक का बहाना बनाया गया: कांग्रेस

कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भीड़ नहीं आई तो सुरक्षा में चूक का बहाना बनाकर इस जनसभा को रद्द किया गया।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि आरोप-प्रत्यारोप करने की बजाय भाजपा और प्रधानमंत्री को अपने ‘किसान विरोधी रुख’ पर आत्ममंथन करना चाहिए और प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को धूमिल नहीं करना चाहिए। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि सड़क मार्ग का उपयोग करना प्रधानमंत्री के पहले से तय कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था और खुद मोदी ने सड़क मार्ग से जाने का फैसला अचानक किया।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा पंजाब और अन्य राज्यों में हार तय देखकर ऐसे हथकंडे अपना रही है जो प्रधानमंत्री पद को शोभा नहीं देता। आज पंजाब में कुर्सियां खाली थीं, लोग नहीं पहुंचे थे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा को लेकर किसानों और आम लोगों में विरोध है। ऐसे में भाजपा की ओर से ऊल-जलूल बातें की जा रही हैं।’’

इस बाबत उन्होंने ट्वीट भी किया

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को बठिंडा से फिरोजपुर तक हेलीकॉप्टर से जाना था। उनका सड़क मार्ग से जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था। जब प्रधानमंत्री को पता चला कि भीड़ नहीं आई, तो उन्होंने अचानक से सड़क मार्ग से जाने का निर्णय कर लिया। ऐसे में वहां आनन-फानन में सुरक्षा को लगाया गया। वैसे भी, बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी पहले से ही रैली के लिए तैनात थे।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘कुछ सौ किसान प्रदर्शन कर रहे थे तो क्या उन्हें गोली मार देनी चाहिए थी?’’

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई। प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने में 15 मिनट का समय लग गया। ऐसे में प्रधानमंत्री को बहाना मिल गया... रैली में भीड़ नहीं आई तो सुरक्षा में चूक का बहाना बनाकर रैली को रद्द कर दिया गया।’’

उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने सड़क मार्ग से जाने का फैसला अचानक किया तो इसका दोष पंजाब सरकार पर नहीं डाला जा सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘आप रैली करिये, लेकिन जब भीड़ नहीं आए तो बहाना बनाकर आरोप मत लगाइए। उत्तर प्रदेश में हार तय देखकर फायदा उठाने का प्रयास मत करिये।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने अपने दो प्रधानमंत्री खोए हैं। हमें प्रधानमंत्री की सुरक्षा का पूरा ध्यान है। हम प्रधानमंत्री जी से कहते हैं कि आप रैली करिये। हमारी राज्य सरकारें पूरा सहयोग देंगी। लेकिन आधारहीन आरोप नहीं लगाया जाए।’’

उन्होंने कहा ‘‘प्रधानमंत्री की रैली में 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे, एसपीजी एवं दूसरी एजेंसियों के साथ समन्वय करते हुए सुरक्षा के पूरे प्रबंध किए गए थे, हरियाणा/राजस्थान से आने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं की सभी बसों के लिए भी रूट बनाया गया था।’’

इस सिलसिले में उन्होंने जेपी नड्डा को संबोधित करते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए।

उन्होंने कहा, ‘‘किसान मजदूर संघर्ष समिति प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर विरोध कर रही थी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनके साथ दो दौर की बातचीत भी की थी।’’

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘क्या आप (नड्डा) जानते हैं कि किसान प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? उनकी मांग है कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए, किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिये जाएं, आंदोलन में जान गंवाने वाले 700 किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर जल्द फैसला हो।’’

आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इसे लेकर प्रधानमंत्री पर प्रहार किया। उन्होंने लिखा- "सम्मान देने से सम्मान मिलता है" प्रधानमंत्री जी एक रैली रद्द होने की वजह से आप इतने गुस्से में है, जरा उन 750 किसान परिवारों के बारे में सोचिए, जो आपकी ज़िद की वजह से किसान आंदोलन में शहीद हो गए, आपने तो यहां तक कह दिया कि "किसान मेरे लिए थोड़े ही मरे हैं"

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest