Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

राजस्थान और महाराष्ट्र के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी सडकों पर उतरेंगे किसान

किसान नेताओं का दावा है कि 15 मार्च को होने वाले इस विरोध प्रदर्शन में करीब 15,000 किसान हिस्सा लेंगे I
किसान आन्दोलन

महाराष्ट्र के ऐतिहासिक किसान आन्दोलन के बाद अब उत्तर प्रदेश के किसान लड़ने की तैयारी में हैं I उत्तर प्रदेश के किसान उत्तर प्रदेश किसान सभा (जो अखिल भारतीय किसान सभा की उत्तर प्रदेश इकाई है) के झंडे तले हज़ारों की संख्या में 15 मार्च को राजधानी लखनऊ पहुँचेंगे I ये विरोध प्रदर्शन उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा कर्ज़ माफ़ी के वादे से पीछे हटने और बिजली की कीमतों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ है I किसान नेताओं का दावा है कि 15 मार्च को होने वाले इस विरोध प्रदर्शन में करीब 15,000 किसान हिस्सा लेंगे I

राजस्थान और महाराष्ट्र के किसानों की तरह ही उत्तर प्रदेश के किसान भी कर्ज़ माफ़ी, न्यूनतम समर्थन मूल्य, बिजली की कीमतों को कम करने, पेंशन दिए जाने, आवारा पशुओं की समस्या का निवारण और स्वामीनाथन कमीशन की बाकि सिफारिशों को लागू करने की माँग कर रहे हैं I पिछले साल किसानों की कर्ज़ माफ़ किये जाने के नाम पर प्रदेश के हज़ारों किसानों के सिर्फ कुछ रुपये माफ़ किये गए थे, उदाहरण के तौर पर कुछ किसानों के 90 पैसे तो कुछ के 50 रुपये माफ़ किये गए थे I किसानों के साथ किये गए इस भद्दे मज़ाक से ज़ाहिर है कि किसान नाराज़ हैं I 

इस मुद्दे पर न्यूज़क्लिक से बात करते हुए उत्तर प्रदेश किसान सभा के राज्य सचिव मुकुट सिंह ने कहा “उत्तर प्रदेश सरकार ने 2016 के बाद से बिजली की कीमतों में लगातार वृद्धि की है  और अब तो 7 ज़िलों में बिजली को निजी हाथों में दिया जा रहा है I इससे बिजली की कीमतें इतनी बढ़ गयी हैं कि खेती की लागत अब आसमान छूने लगी है I देहातों में तो बिजली की कीमतों में 150 गुना की वृद्धि हो गयी है I खेती के लिए ज़रूरी चीज़ों जैसे खाद, डीज़ल और बाकि चीज़ों से खेती की लागत बढ़ती ही जा रही है और दूसरी तरफ़ उपज पर सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दे रही है I यही वजह है कि किसानों को कर्ज़ लेना पड़ता है इसके आलावा किसान पशु को बाज़ार में बेचे जाने पर रोक लगाने की वजह से आवारा पशुओं की समस्या भी बढ़ गयी है, क्योंकि ये पशु खेती को बर्बाद कर देते हैं I केंद्र सरकार ने इस बजट में कहा है कि वह कर्ज़ माफ़ कर रहे हैं पर ज़मीन पर ये रत्ती भर भी दिखाई नहीं दे रहा है I”

हमारे ये पूछने पर कि योगी आदित्यनाथ ने जो कर्ज़ माफ़ी का वादा किया था उसके क्या हालात है पर मुकुट सिंह जी ने कहा “वो सरासर धोखा था सरकार ने अपने संकल्प पत्र में कहा था कि वह सभी किसानों का पूरा कर्ज़ माफ़ करेगी पर बाद में कहने लगी कि ये लघु और समान्त किसानों के लिए किया जायेगा I लेकिन उत्तर प्रदेश में 3 करोड़ 80 लाख़ लघु और सीमान्त किसान हैं जिनमें से सिर्फ 7000000 किसानों का कर्ज़ माफ़ किया गया और वो भी बहुत कम I उनमें से भी कई हज़ार किसानों के 1 रुपये किसी के 50 रुपये माफ़ किये गए I ये तो किसानों के साथ एक मज़ाक है और किसानों का अपमान है I”

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार के कर्ज़ माफ़ी और समर्थन मूल्य की सभी वादों की तब पोल खुल गयी जब जनवरी में आलू की खेती करने वाले किसानों ने विधानसभा मार्ग पर आलू फेंक दिए I किसान नेताओं ने बताया कि ऐसा इसीलिए किया गया था क्योंकि आलू की कीमतें बाज़ार में बहुत ज़्यादा गिर गयी थी और किसानों के पास और कोई चारा नहीं बचा था I एक क्विंटल उत्पादन पर करीब 1,000 से 1,100 रुपये की लागत लगती है और सरकार इसपर सिर्फ 559 रुपये दे रही थी, ऊपर से सरकार ये दावा कर रही थी कि वह लागत का डेढ़ गुना दे रही है I

सरकार के इस झूठ और वादा खिलाफी के विरोध में ही प्रदेश भर से आ रहे किसान 15 मार्च को लखनऊ में विरोध प्रदर्शन करेंगे I ये प्रदर्शन अखिल भारतीय किसान सभा के झंडे तले होगा और उसमें मुख्य वक्ता के तौर पर AIKS के महासचिव हनन मौला, AIKS के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक धावले और CPI(M) की बड़ी नेता सुभाषिनी अली शमिल होंगे I किसान नेताओं को उम्मीद है कि इस आन्दोलन से राजस्थान और महाराष्ट्र की तरह ही किसानों की एकता बनेगी I

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest