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सोनभद्र : पुलिस हिरासत में युवक की मौत, थानाध्यक्ष निलम्बित

मृतक के पिता उमापति शुक्ला ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि हिरासत में पुलिसकर्मियों ने उसके बेटे को बेइंतहा पीटा, जिससे उसकी मौत हो गयी। उन्होंने पन्नूगंज के थानाध्यक्ष राम नारायण राम पर हत्या का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
 पुलिस हिरासत में युवक की मौत, थानाध्यक्ष निलम्बित
Image Credit : newindianexpress

उत्तर प्रदेश पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में खड़ी है। सोनभद्र के पन्नूगंज क्षेत्र में चोरी के आरोप में गिरफ़्तार एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में थाना परिसर में मौत का मामला सामना आया है। भाषा की खबर के अनुसार इस मामले में सम्बन्धित थानाध्यक्ष को बुधवार को निलम्बित कर दिया गया।

अपर पुलिस अधीक्षक ओ पी सिंह ने बुधवार को बताया कि पुलिस ने शिवम (25) को सोमवार को सरसों की बोरी चोरी करने के आरोप में गिरफ़्तार किया था। मंगलवार की शाम उसकी अचानक तबीयत खराब हो गयी। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गयी।

मृतक के पिता उमापति शुक्ला ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि हिरासत में पुलिसकर्मियों ने उसके बेटे को बेइंतहा पीटा, जिससे उसकी मौत हो गयी। उन्होंने पन्नूगंज के थानाध्यक्ष राम नारायण राम पर हत्या का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

शुक्ला का कहना है कि मंगलवार को परिजन शिवम से मिलने के लिए थाने पर गए थे और शाम पांच बजे तक वह बिल्कुल ठीक था। शाम करीब सात बजे परिजन को ग्राम प्रधान के ज़रिए शिवम की तबीयत खराब होने की सूचना मिली।

सिंह ने बताया कि इस मामले में पन्नूगंज के थानाध्यक्ष राम नारायण राम को निलम्बित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि अभी दो दिन पहले ही अमेठी में एक युवक की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। अगर हम पूरे देश के स्तर पर बात करें तो यह आंकड़ा और भी भयावह नजर आता है। पिछले साल जून में जारी एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स (एसीएचआर) की रिपोर्ट के मुताबिक1अप्रैल 2017 से लेकर 28 फरवरी 2018 के बीच में हिरासत में 1,674लोगों की मौत हुई। इसमें से न्यायिक हिरासत में 1,530 और पुलिस हिरासत में 144 लोगों की मौत हुई। यानी इस समय काल के दौरान भारत में हर दिन पांच लोगों की मौत हिरासत में हुई थी ।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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