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तमिलनाडु में सीएए-एनपीआर-एनआरसी के ख़िलाफ़ हजारों लोग सड़कों पर उतरे

तमाम संगठन राज्य विधानसभा के मौजूदा सत्र में इस विवादित कानून के ख़िलाफ़ प्रस्ताव लाए जाने की मांग कर रहे हैं। सत्र का कल, गुरुवार को आख़िरी दिन है।
CAA-NRC

तमाम संगठन राज्य विधानसभा के मौजूदा सत्र में इस विवादित कानून के ख़िलाफ़ प्रस्ताव लाए जाने की मांग कर रहे हैं। सत्र का कल, गुरुवार को आख़िरी दिन है। न्यूज़क्लिक रिपोर्ट तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई समेत कई अन्य स्थानों पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), एनआरसी और एनपीआर के ख़िलाफ़ हज़ारों लोग बुधवार को सड़कों पर उतरे। उन्होंने हाथों में तख्तियां और तिरंगा झंडा ले रखा था। इनमें महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल थीं। कई संगठनों ने इस प्रदर्शन का आह्वान किया था।

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ये सभी संगठन राज्य विधानसभा के मौजूदा सत्र में इस विवादित कानून के ख़िलाफ़ प्रस्ताव लाए जाने की मांग कर रहे हैं। सत्र का कल, गुरुवार को आख़िरी दिन है। प्रदर्शनकारी तमिलनाडु विधानसभा की घेराबंदी करना चाहते थे, लेकिन मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुस्लिम संगठनों के इस कदम पर रोक लगा दी थी। बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने चेन्नई के चेपौक में बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का विरोध किया। राज्य में मदुरै और तिरुनेलवेली सहित अन्य स्थानों पर भी विरोध प्रदर्शन हुए।

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इंदौर नगर निगम के सम्मेलन में सीएए पर पार्षदों में तीखी नोक-झोंक

इंदौर (मध्यप्रदेश): संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को लेकर इंदौर नगर निगम परिषद के सम्मेलन में बुधवार को सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के पार्षदों के बीच तीखी नोक-झोंक देखने को मिली। इस दौरान आपत्तिजनक नारे भी लगाये गये। सदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस पार्षदों ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर विरोध जताया, तो भाजपा पार्षद बुरी तरह भड़क गये। बात इतनी बढ़ गयी कि दोनों धुर विरोधी दलों के पार्षद अपनी कुर्सियों से उठकर तैश में एक-दूसरे के पास पहुंच गये और तीखी बहस करने लगे। कांग्रेस के दो पार्षद सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में बैज लगाकर सदन में पहुंचे थे।

भाजपा पार्षदों ने इस बात पर आपत्ति जताते हुए उनसे ये बैज हटाने को कहा। लेकिन दोनों कांग्रेस पार्षदों ने ये बैज हटाने से साफ इंकार कर दिया और वे सदन से बाहर निकल गये। सदन में विपक्षी कांग्रेस पार्षदों ने सीएए को "संविधान विरोधी" बताते हुए कहा कि वे हर मंच पर इसका विरोध करते रहेंगे। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ भाजपा के पार्षदों ने कहा कि सीएए पर संसद के दोनों सदनों की मंजूरी की मुहर लग चुकी है, लिहाजा इस कानून का विरोध सरासर गलत है।

नगर निगम परिषद सम्मेलन के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आये हैं जिनमें शोर-शराबे के बीच आपत्तिजनक नारा सुनायी पड़ रहा है-"देश के गद्दारों को, बाहर निकालो ** को।" भारी हंगामे के बीच भाजपा पार्षदों ने "वंदे मातरम" और "भारत माता की जय" के नारे भी लगाये। हंगामे की भेंट चढ़ा नगर निगम परिषद सम्मेलन इस शहरी निकाय के 85 पार्षदों की आखिरी औपचारिक बैठक थी क्योंकि इन निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का पांच वर्षीय कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो चुका है। प्रदेश सरकार ने अगले नगर निगम चुनावों तक इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) आकाश त्रिपाठी को इस शहरी निकाय का प्रशासक नियुक्त किया है। (समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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