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स्मार्ट सिटी मिशनः प्रोजेक्ट कैटेगरी में चयनित 34 शहरों में बिहार के एक भी शहर नहीं

पिछले दो साल के दौरान प्रोजेक्ट कैटेगरी में चयनित हुए 34 शहरों में राज्य की राजधानी पटना के साथ-साथ राज्य के अन्य तीन शहर भागलपुर, मुज़फ़्फ़रपुर और बिहारशरीफ़ का नाम नहीं है।
स्मार्ट सिटी मिशनः प्रोजेक्ट कैटेगरी में चयनित 34 शहरों में बिहार के एक भी शहर नहीं

बिहार की राजधानी पटना के साथ-साथ राज्य के चारों स्मार्ट सिटी तय समय पर अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने में नाकाम रहे हैं जिससे स्मार्ट सिटी मिशन की राष्ट्रीय रैंकिंग में बिहार को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो साल के दौरान प्रोजेक्ट कैटेगरी में चयनित हुए 34 शहरों में राज्य की राजधानी पटना के साथ-साथ राज्य के अन्य तीन शहर भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ का नाम नहीं है। चुने गए इन 34 शहराें काे 18 से 20 अप्रैल तक गुजरात के सूरत में हाेने वाले समाराेह में अवाॅर्ड मिलेगा।

ज्ञात हो कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत वर्ष 2018 से रैंकिंग के जरिए स्मार्ट शहरों के आकलन का सिस्टम शुरू किया गया था। कोरोना काल के बाद से प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। लोगों को सुविधा मुहैया कराने तथा तय समय में प्रोजेक्ट को पूरा करने वाले शहरों का मूल्यांकन किया जा रहा है।

पटना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की स्थिति

40 प्रोजेक्ट -  1954 करोड़ -  टेंडर फाइनल

14 प्रोजेक्ट- 707 करोड़ - काम पूर्ण

35 प्रोजेक्ट - 1652 करोड़ - वर्क ऑडर के साथ काम शुरू

बजट की स्थिति

194 करोड़ - भारत सरकार द्वारा दी गई राशि

194 करोड़- भारत सरकार का फंड एसपीवी को ट्रांसफर

189 करोड़ - राज्य सरकार द्वारा साझा की गई राशि

146 करोड़ - भारत सरकार का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट

3 करोड़ - राज्य सरकार का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट

रियल टाइम रैंकिंग में 71वां स्थान

शहर को सुंदर बनाने के लिए स्मार्ट सिटी मिशन की ओर से अब रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है और इसके आधार पर प्रतिदिन रैंकिंग तय हो रही है। रियल टाइम रैंकिंग के हवाले से भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को भी देश के 100 स्मार्ट सिटीज में पटना की रैंकिंग 71वीं रही। राज्य के अन्य तीन शहरों भागलपुर, बिहारशरीफ और मुजफ्फरपुर की रैंकिंग तो और भी नीचे है। पिछले दो साल में राज्य के चारों शहरों की रैंकिंग 50 से ऊपर नहीं रही है। यह रैंकिंग इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी आधार पर केंद्र सरकार की ओर से राशि मुहैया कराई जाती है।

20 शहरों का नाम पहले चरण में घोषित किया गया था जिनमें  भुवनेश्वर, पुणे, जयपुर, सूरत, कोच्चि, अहमदाबाद, जबलपुर, विशाखापट्टनम, सोलापुर, धवनगिरि, इंदौर, एनडीएमसी (न्यू दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन), कोयंबटूर, काकिनाडा, बेलगाम, उदयपुर, गुवाहटी, चेन्नै, लुधियाना और भोपाल शामिल हैं।

स्मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्य स्थानीय विकास को सक्षम करने और प्रौद्योगिकी की मदद से नागरिकों के लिए बेहतर परिणामों के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने तथा आर्थिक विकास को गति देने के लिए भारत सरकार द्वारा एक नई पहल है।

 

स्मार्ट सिटी में बुनियादी सुविधाओं के तत्व

 

  • पर्याप्त पानी की आपूर्ति

  • निश्चित विद्युत आपूर्ति

  • ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित स्वच्छता

  • कुशल शहरी गतिशीलता और सार्वजनिक परिवहन

  • किफायती आवास, विशेष रूप से गरीबों के लिए

  • सुदृढ़ आई टी कनेक्टिविटी और डिजिटलीकरण

  • सुशासन, विशेष रूप से ई-गवर्नेंस और नागरिक भागीदारी

  • टिकाऊ पर्यावरण

  • नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों की सुरक्षा, और

  • स्वास्थ्य और शिक्षा

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