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उन्नाव कांड का पूरा ब्योरा, जिसके बारे में हर किसी को जानने की ज़रूरत है

न्यूज़क्लिक ने जब माखी गांव का दौरा किया तो इस मामले के घटनाक्रम के साथ साथ पक्षों के आपराधिक इतिहास, स्थानीय लोगों के बयान और ज़मीनी स्थिति को लेकर पड़ताल की।
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Image Courtesy: The Economic Times

उन्नाव जागरुकता कार्यक्रम में ग्यारहवीं की एक छात्रा द्वारा ज़िला पुलिस प्रमुख से सवाल पूछने के बाद वायरल हुई वीडियो के चलते छात्रा के माता-पिता ने उसे बाराबंकी स्थित स्कूल भेजना बंद कर दिया है। ये वीडियो हाल ही वायरल हुई है। छात्रा ने पुलिस से पूछा था कि अगर कोई आरोपी व्यक्ति ताक़तवर और हाई प्रोफाइल नेता है तो उन्नाव रेप पीड़िता की तरह कोई लड़की कैसे आवाज़ उठाएगी।

वीडियो के वायरल होने के बाद छात्रा के माता-पिता को यह डर है कि उनके साथ या उनके बेटी के साथ किसी भी तरह की अप्रिय घटना हो सकती है। उन्हें अपनी बेटी को लेकर डर समाया हुआ है इसलिए उसे स्कूल जाने से रोक दिया है।

यह साफ़ है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य की क़ानून-व्यवस्था कितनी ख़राब है। लेकिन यहां की क़ानून-व्यवस्था को भारत के मॉडल कानून-व्यवस्था के रूप में पेश किया गया है।

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के डॉक्टरों के अनुसार 29 जुलाई को हुई दुर्घटना के बाद उन्नाव की रेप पीड़िता को फेफड़ों और कुछ अन्य महत्वपूर्ण अंगों में संक्रमण हो गया और कई जगह फ्रैक्चर के साथ सिर में चोट आई है। इस दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई और पीड़िता के वकील घायल हो गए जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

ट्रक के ड्राइवर और उसके मालिक को गिरफ्तार करके लखनऊ में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत के सामने पेश किया गया जहां उन्हें वकीलों द्वारा कथित तौर पर पिटाई की गई और अब सीबीआई ने उनसे पूछताछ के लिए तीन दिनों के रिमांड पर लिया है।

इसे भी पढ़ें उन्नाव कांड : पीडिता की हालत में मामूली सुधारसुप्रीम कोर्ट का दिल्ली लाने का आदेश

पीड़िता की मां की चिंता

इस बीच केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में मौजूद पीड़िता की माता ने न्यूज़़क्लिक से बात करते हुए कहा कि इस मामले में सीबीआई के सभी गवाहों की मौत उनके मामले को कमज़ोर कर सकती है।

उन्होंने कहा कि “मुझे नहीं पता कि आगे क्या होगा क्योंकि कुलदीप सिंह सेंगर के इशारे पर सभी गवाहों को मार दिया गया है। अब मैं केवल यही चाहती हूं कि मेरी बेटी जिंदा रहे और वह ठीक हो जाए तो मैं किसी दूसरे राज्य में चली जाऊंगी और उत्तर प्रदेश में नहीं रहूंगी

उन्होंने आगे कहा, "हमने एसपी, डीएम और यहां तक कि अदालत को अनगिनत पत्र भेजकर कहा कि हमारे ज़िंदगी को ख़तरा हैं लेकिन एक भी पत्र पर कभी भी किसी अधिकारी ने शायद ध्यान नहीं दिया। विधायक के लोग जब मामले को वापस लेने की धमकी देने के लिए मेरे पास आते तो वे मेरी छोटी बेटी से छेड़छाड़ करते और उनसे जबर्दस्ती करने की कोशिश करते थे। इसे मोबाइल फोन के कैमरे पर भी रिकॉर्ड कर लिया गया लेकिन दुर्घटना में फोन ख़राब हो गया। वे (विधायक के लोग) हमारे परिवार के हर गतिविधियों पर नज़र रखते हैं।”

रिपोर्टर ने गांव में जाते हुए सीसीटीवी कैमरा भी पाया जो विधायक के घर की पश्चिमी दीवार पर लगा हुआ है। ये कैमरा पीड़ित के घर तक जाने वाले रास्ते की निगरानी करता है।

विधायक के लोग

गांव के लोग इस मामले के लेकर ख़ामोश हैं ऐसा लगता है कि वे विधायक के समर्थन में हैं या वे भयभीत हैं। गांव में आने वाले किसी भी रिपोर्टर से वे बात करने को तैयार नहीं हैं।

माखी गांव पहुंचने के बाद न्यूज़क्लिक के इस रिपोर्टर ने पाया कि विधायक के घर के बाहर विधायक के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी के बावजूद विचित्र शांति का माहौल है। इस प्रदर्शन में विधायक के स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक भी शामिल हुए।

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पीड़िता के पिता की मौत

विधायक के घर पर देखे गए एक व्यक्ति राकेश सिंह ने इस रिपोर्टर को बताया कि सुरेंद्र सिंह (पीड़िता के पिता) को विधायक और उनके भाई अतुल सिंह सेंगर ने पीटा था।

सिंह ने घर लौटने से पहले ज़ोर से कहा, “वह नशे में था और हमें गाली दे रहा था। उसने अतुल भैया को गाली दी तो हमने उसे उसकी दवाई दी। उसे खेतों से लाया गया और माफी न मांगने पर पीटा गया। उसे कई लोगों की मौजूदगी में पीटा गया।” रिपोर्टर ने पाया कि गांव का कोई भी व्यक्ति विधायक के ख़िलाफ़ बोलने को तैयार नहीं था और ज्यादातर घरों के दरवाज़े बंद थे।

सीतापुर जेल

रिपोर्टर द्वारा देखे गए रिकॉर्ड के अनुसार पिछले एक साल में सीतापुर जेल में बंद आरोपी विधायक से सेंगर के परिवार ने छह बार मुलाकात की लेकिन अनाधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की कि उनके क़रीबियों में से किसी व्यक्ति ने उनसे हर एक दिन के बाद मुलाक़ात की है। हालांकि सीतापुर जेल प्रशासन ने इसे ग़लत बताया है और रिकॉर्ड दिखाने से भी इनकार कर दिया।

यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि पिछले एक महीने में उत्तर प्रदेश में जेल के कैदियों द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने और ऐश के साथ जेल में रहने की कई ख़बरें सामने आई हैं। इसलिए इस सड़क दुर्घटना के संदर्भ में संदेह की संभावना है कि यह पूर्वनियोजित है।

विधायक के बारे में

उन्नाव से चार बार विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर पहली बार 2002 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुने गए थे। वे 2007 में बांगरमऊ सीट से फिर से जीतने के लिए समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और 2012 में वे भगवंत नगर सीट से विधायक चुने गए।।

वे 2017 में बांगरमऊ से चुनाव जीतने के लिए फिर बीजेपी में शामिल हो गए।

सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर ज़िला पंचायत की अध्यक्ष है।

विधायक का मकान कई एकड़ में फैला हुआ है जिसमें तीन बड़े मंदिर और एक इंटर कॉलेज है। इस कॉलेज में 900 छात्र हैं। पीड़ित का घर विधायक के घर से महज़ 20 मीटर की दूरी पर है और एक छोटे से बरामदे के साथ दो कमरे हैं।

कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई अतुल सिंह दोनों का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। जब पुलिस अधिकारियों ने 2004 में इस क्षेत्र में विधायक के लोगों द्वारा अवैध खनन को रोकने की कोशिश की थी तब वे और उनके भाई कथित रूप से एडीएम राम लाल वर्मा पर गोली चलाने में शामिल थे।

विधायक और उनके भाई ने उन्नाव के दो पत्रकारों के साथ कथित तौर पर मारपीट की और उनके ख़िलाफ़ रिपोर्ट करने को लेकर पुलिस में मामला दर्ज कराया।

एक हिंदी दैनिक के साथ काम करने वाले पत्रकार ने खुलासा किया कि “जब मैंने कुछ साल पहले इस विधायक के ख़िलाफ़ ख़बर प्रकाशित की थी तो मुझे पहली बार फोन आया जिसमें उन्होंने मुझे गालियां दीं और बाद में उनके भाई ने मुझ पर हमला किया। उन्होंने मुझे बुरी तरह पीटा और मुझे गिरा दिया।”

उन्होंने आगे कहा कि "विधायक का संपर्क इतना बेहतर है कि कि कोई भी उनके ख़िलाफ़ जाने की हिम्मत नहीं करता है। कुछ साल पहले जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उन्नाव में अवैध खनन पर जांच करने का आदेश दिया था तो उनके आदमी ने गंगा नदी में बैराज के गेट को खुलवा दिया और जांच होने से पहले रात तक सभी खनन क्षेत्र में पानी भर गया।"

कालक्रम:

2017

* 4 जून: उत्तर प्रदेश (यूपी) के माखी गांव से 17 वर्षीय ये लड़की लापता हो गई। बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई अतुल सिंह और उनके गुर्गों द्वारा उसके साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था। लापता लड़की की शिकायत उसके परिजनों द्वारा दर्ज कराई जाती है।

* 21 जून: लड़की औरैया में मिली।

* 22 जून: भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण) और 366 (जबरन विवाह के लिए एक महिला का अपहरण करना) के तहत मामला दर्ज किया गया।

2018

*3 अप्रैल: लड़की के पिता को विधायक के भाई अतुल सेंगर और उसके गुर्गों ने कथित तौर पर पीटा। हालांकि दोनों पक्ष एक-दूसरे के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराते हैं हालांकि पुलिस केवल लड़की के पिता को गिरफ्तार करती है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाता है।

* 8 अप्रैल: उत्तर प्रदेश में सेंगर के खिलाफ कथित पुलिस की लापरवाही के विरोध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर पीड़िता ने खुद को आग लगाने की कोशिश की। पीड़िता ने कहा कि उसके परिवार को धमकी दी गई।

* 9 अप्रैल: उसके पिता की मौत पुलिस हिरासत में हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण "कॉलोन के छिद्र के कारण रक्त विषाक्तता" बताया गया है। उसके शरीर पर कई ज़ख़्म के भी निशान को रिपोर्ट में बताया गया।

* 11 अप्रैल: पीड़ित और उसके परिवार को कथित तौर पर पानी और बिजली के बिना संरक्षण के बहाने एक होटल के कमरे में रख दिया गया।

* अदालत की निगरानी में जांच के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल एस. चतुर्वेदी के अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनके पत्र को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया।

* 12 अप्रैल: सेंगर, अतुल सिंह और उनके साथियों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया।

* 13 अप्रैल: सेंगर के ख़िलाफ़ कार्रवाई में देरी पर गुस्से का सामना करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उनकी सरकार ने अपराध पर अपनी ज़ीरो टॉलेरेंस की नीति से ज़रा भी विचलित नहीं हुई है और यह अपराधियों के साथ सख़्ती से निपटेगी चाहे वे कितने भी प्रभावशाली हों।

* 14 अप्रैल: सीबीआई ने उन्नाव रेप मामले में दूसरी गिरफ्तारी की। इसने उस महिला को हिरासत में लिया जिसने कथित तौर पर अपराध के दिन लड़की को सेंगर के पास ले गई थी।

2019

* 2 जुलाई: अतुल सिंह द्वारा दर्ज कराई गई हत्या की कोशिश के 19 साल पुराने मामले में पीड़िता के चाचा को दोषी ठहराया गया। उसे ज़िला अदालत ने 10 साल जेल की सजा सुनाई।

* 28 जुलाई: रायबरेली में हुई ट्रक-कार की टक्कर में पीड़ित लड़की और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए। दुर्घटना में पीड़िता की चाची और मौसी मारी गईं। पीड़िता लखनऊ के एक अस्पताल ज़िंदगी और मौत से जूझ रही है और उसके वकील वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।

* 1 अगस्तबीजेपी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का कहना है कि सेंगर को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने निष्कासित कर दिया है जिसके बाद राज्य इकाई ने भी निष्कासित कर दिया।

* 2 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ में सीबीआई अदालत से पीड़िता और उसके परिवार के ख़िलाफ़ हुए अपराधों के पांच मामलों को दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया और राज्य सरकार को अंतरिम मुआवजे के रूप में उसे 25 लाख रुपये देने का आदेश दिया।

5 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए विमान से दिल्ली के एम्स में लाकर भर्ती करने का निर्देश दिया। इसके अलावा दिल्ली के सत्र न्यायालय ने अदालत ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल लाने का निर्देश दिया।
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