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UPPSC: पीसीएस के बाद अगले छह माह तक की सभी परीक्षाएं स्थगित

आयोग ने इस साल जुलाई से दिसंबर तक की प्रस्तावित परीक्षाओं का अर्धवार्षिक कैलेंडर स्थगित कर दिया है। इसके अलावा शुक्रवार को हुए प्रदर्शन के मामले में 12 नामजद और 200 अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
फाइल फोटो

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) प्रदेश की सबसे बड़ी भर्ती संस्था है, लेकिन पिछले काफी समय से वह भ्रष्टाचार, प्रदर्शन और धांधली के लिए चर्चा में है। पेपर लीक के मामले में परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को लोकसेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया था। इस मामले में पुलिस 12 नामजद और 200 अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा किया है। नामजद आरोपियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। इन पर रास्ता अवरुद्ध करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत अन्य आरोपों में रिपोर्ट दर्ज की गई है। 

हालांकि इसके बावजूद शनिवार को भी छात्रों का प्रदर्शन जारी है। वहीं, दूसरी ओर आयोग ने इस साल जुलाई से दिसंबर तक की प्रस्तावित परीक्षाओं का अर्धवार्षिक कैलेंडर स्थगित कर दिया है। जानकारों का कहना है कि ऐसी स्थिति में आयोग के लिए अगले एक साल तक किसी भी परीक्षा का आयोजन करा पाना मुश्किल होगा।

आपको बता दें कि नौ जून को एपीओ-2018 की प्रारंभिक परीक्षा, 28 जुलाई को प्रवक्ता राजकीय डिग्री कॉलेज स्क्रीनिंग परीक्षा 2017, 30 अक्टूबर को पीसीएस-2019 की प्रारंभिक परीक्षा, 13 नवंबर से सहायक वन सरंक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी मुख्य परीक्षा 2018, 22 दिसंबर को सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा 2019 समेत करीब दर्जन भर एग्जाम इस साल प्रस्तावित थे।

प्रियंका गांधी ने किया ट्वीट 

इस मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया,'UPPSC के पेपर छापने का ठेका एक defaulter को दिया गया। आयोग के कुछ अधिकारियों ने defaulter के साथ साँठ-गाँठ करके पूरी परीक्षा को कमीशन-घूसखोरी की भेंट चढ़ा दिया। सरकार की नाक के नीचे युवा ठगा जा रहा है, लेकिन UP सरकार defaulters और कमीशनखोरों का हित देखने में मस्त है।'

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रियंका जल्द ही आंदोलित प्रतियोगी छात्र-छात्राओं से मुलाकात के लिए प्रयागराज आ सकती हैं। आपको बता दें कि इससे पहले 18 मार्च को अपने चुनावी दौरे के दौरान इलाहाबाद पहुंची प्रियंका ने प्रतियोगी छात्रों से नाव पर चर्चा की थी। उन्होंने छात्रों को भरोसा दिलाया था कि प्रतियोगी परीक्षाओं में होने वाली धांधली से मुक्ति दिलाएंगी।

नहीं बदला आयोग 

अखिलेश सरकार में हुई दर्जनों भर्तियों में धांधली की सीबीआई जांच से दागदार हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का दामन अब भी साफ नहीं हो सका है। दो साल पहले योगी सरकार ने यूपीपीएससी में साक्षात्कार व परिणाम पर रोक लगाई थी इसके साथ ही यूपीपीएससी में पांच साल की भर्तियों की सीबीआई जांच कराने का ऐलान भी किया था। लेकिन डेढ़ साल तक पड़ताल होने के बाद भी जांच किसी नतीजे पर न पहुंच सकी।

आयोग की सीबीआई जांच एसपी राजीव रंजन की अगुवाई में शुरू हुई। लेकिन 17 नवंबर 2018 को उन्हें हटाकर गृह प्रदेश सिक्किम भेज दिया गया। इसके बाद से जांच बहुत ही धीमी गति से हो रही है। इस मामले में अब तक एक एफआईआर अज्ञात के खिलाफ हुई है।

पेपर लीक बड़ी समस्या

आपको बता दें कि यूपीपीएसी में पेपर लीक बड़ी समस्या रहा है। जुलाई 2018 में हुई एलटी ग्रेड परीक्षा और पीसीएस मुख्य परीक्षा के पेपर आउट होने से पहले भी कई महत्वपूर्ण परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं। इससे सबसे महत्वपूर्ण 2015 में पीसीएस परीक्षा का पेपर कुछ घंटे पहले लीक हो गया था। बाद आयोग ने इस प्रश्न पत्र की परीक्षा दोबारा कराई। यह आयोग की सबसे विवादित परीक्षाओं में एक मानी जाती है। इस मामले की एफआईआर लखनऊ के कृष्णानगर थाने में दर्ज करवाई गई थी। 

इससे बाद 27 नवम्बर 2016 को आरओ/एआरओ का पेपर परीक्षा से पहले ही वॉट्सऐप पर लीक हो गया था। इस मामले में 7 जनवरी 2017 को कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके बाद पीसीएस 2017 मेंस का पेपर भी प्रयागराज के जीआईसी सेंटर पर लीक हो गया था। इस मामले में आयोग ने कॉलेज को अगले 3 साल के लिए बैन कर दिया था। साथ ही आयोग ने पीसीएस मेंस 2017 परीक्षा के प्रश्न पत्र छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस को 2 वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया। 

सरकार की सफाई 

इस पूरे मामले पर यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि यूपी लोक सेवा आयोग पारदर्शिता के साथ काम करे योगी सरकार इसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। 

उन्होंने कहा कि योगी सरकार में पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से काम हो रहा है और भाजपा सरकार में ऐसे मामले के सामने आने के बाद कार्रवाई हो रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पिछली सरकारों में तो ऐसे मामलों में कोई कार्रवाई नहीं होती थी।

वहीं, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी ने कहा कि जहां तक प्रियंका के ट्वीट का सवाल है तो यूपीपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति कांग्रेस की ही सहयोगी रही समाजवादी पार्टी की सरकार में हुई थी। सरकार ने परीक्षा में कमीशनखोरी के आरोपों को गम्भीरता से लिया है। इसमें जिनकी भी संलिप्तता पायी जाएगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

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