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उत्तर प्रदेश, बिहार उपचुनाव:सभी तीनों लोकसभा सीटों पर भाजपा हारी

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में सपा-बसपा जीतीं और बिहार के अररिया में विपक्षी आरजेडी-कांग्रेस विजयी हुईं|

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समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (एसपी-बसपा) गठबंधन उत्तर प्रदेश के फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में विजयी हुई,जबकि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टीकी हार हुई , जबकि बिहार के अररिया निर्वाचन क्षेत्र में 11 मार्च को हुए उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस नेतृत्व वाली गठबंधन ने भाजपा-जेडी (यू) गठबंधन को हराया। वहीं बिहार के दो विधानसभा क्षेत्रों में, आरजेडी के उम्मीदवार ने जहानाबाद सीट जीती और भाजपा ने भभुआ सीट पर को बरकरार रखा।

गोरखपुर में ,सपा उम्मीदवार प्रवीण कुमार निषाद ने भाजपा के उपेन्द्र दत्त शुक्ला को 21,961 मतों के अंतर से पराजित किया |

फूलपुर में सपा उम्मीदवार नागेन्द्र सिंह पटेल ने भाजपा के कौसलेंद्र सिंह पटेल को 59,613 मतों से पराजित किया |

बिहार के अररिया लोकसभा क्षेत्र में ,आरजेडी उम्मीदवार सरफराज़ आलम को 5,09,334 मत प्राप्त किये उन्होंने भाजपा के प्रदीप सिंह को 61,998 मतों से पराजित किया |

गोरखपुर में 47.45 प्रतिशत, फूलपुर में 37.3 9 प्रतिशत और अररिया निर्वाचन क्षेत्र में 57 प्रतिशत मतदान हुआ।

फूलपुर और गोरखपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवारो की ज़मानत ज़ब्त हो गई ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पिछले साल सितंबर में राज्य विधान परिषद के चुनाव लड़ने के लिए क्रमश: गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों को खाली कर दिया गया था। आरजेडी सांसद मोहम्मद तस्लीमुद्दीन की मौत के बाद अररिया सीट के लिए उपचुनाव करवाना जरूरी था।

जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र में, आरजेडी के उम्मीदवार कुमार कृष्ण मोहन ने जेडी (यू) उम्मीदवार अभिराम  सिंह को 35,036 वोटों से हराया। भभुआ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार रिंकी राणी पांडे ने कांग्रेस उम्मीदवार शंभू पटेल को 15,000 से अधिक मतों से हराया।

बिहार के जहानाबाद और भभुआ विधानसभा क्षेत्रों में, आरजेडी के विधायक मुंडिका यादव की मौत और बीजेपी के विधायक आनंद भूषण पांडे की मौत के बाद इन विधानसभा क्षेत्रोँ में उपचुनाव करना जरूरी था | जहानाबाद में 50.06 प्रतिशत और भभुआ में 54.03 प्रतिशत मतदान हुआ।

बिहार में, विपक्षी आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन ने तीन सीटों में से दो में सत्ताधारी भाजपा-जेडी (यू) गठबंधन को हराया, इस परिणाम राज्य में सामान्य जनभावना के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह पिछले वर्ष मुख्यमंत्री और जेडी(यू) प्रमुख नितीश कुमार के राजद और काँग्रेस के गठबंधन से अलग होने और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने के बाद,राज्य में  ये पहली चुनावी लड़ाई थी |

सपा-बसपा गठबंधन का गठन उत्तर प्रदेश के सत्तारूढ़ भाजपा को हराने के लिए किया गया था। संभव है की, ये विजय होकर उभरने वाला चुनावी गठबंधन 2019 में भी जारी रहे |अकेले उत्तर प्रदेश में देश के कुल 545 लोकसभा सीटों में से 80 लोकसभा सीटें हैं।

इस बीच, यह बताया गया है कि, जैसे ही सत्तारूढ़ भाजपा सपा उम्मीदवार से रुझान में पिछड़ना शुरू हुई,तभी अधिकारियों ने मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया, जो गोरखपुर विधानसभा क्षेत्र की काउंटिंग सेंटर में उपस्थित थे | जिला मजिस्ट्रेट राजीव रौतेला(Rajeev Rautela )ने गिनती केंद्र में प्रवेश किया और मीडिया को जानकारी देने से चुनाव आयोग के अधिकारियों को रोक दिया। हालांकि, मीडिया ने विरोध प्रदर्शन करने के बाद ज़ानकारी हासिल कर ली। विपक्षी दलों द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा और लोकसभा में चल रहे सत्रों में इस घटना को उठाया । 

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