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क्यों अमेज़न अमेरिकी श्रमिकों के यूनियन बनने से भयभीत है

एक ऐसे दौर में जब श्रमिकों के बीच में असंतोष बढ़ता जा रहा हो, अपने अल्बामा वेयरहाउस में दूसरी दफा यूनियन के लिए मतदान के फैसले से अमेज़न निश्चित रूप से चिंतित है कि कहीं अमेरिकी श्रमिक भी यूरोप की तरह ही अपने श्रम अधिकारों के लिए सामूहिक सौदेबाजी की राह न पकड़ लें।
US amazon

नेशनल लेबर रिलेशंस बोर्ड (एनएलआरबी) ने अभी-अभी फैसला सुनाया है कि इस साल की शुरुआत में अल्बामा में बेसेमर अमेज़न वेयरहाउस के श्रमिकों के बीच रिटेल, होलसेल एवं डिपार्टमेंट स्टोर यूनियन (आरडब्ल्यूडीएसयू) द्वारा आयोजित ऐतिहासिक यूनियन वोट वैध नहीं पाया गया।

इस बहु प्रचारित वोट की प्रक्रिया को संपन्न करने में फरवरी और मार्च 2021 माह में कई हफ्तों का समय लगा था, जिसका अंत यूनियन की मांग को मिली शानदार हार के तौर पर हुआ था। इसमें हिस्सा लेने वालों में से 70% से अधिक लोगों ने यूनियन की सदस्यता के खिलाफ मतदान किया था।

आरडब्ल्यूडीएसयू के अध्यक्ष स्टुअर्ट एपेलबाम ने अमेज़न पर “अपने कर्मचारियों पर गैसलाइट करने के प्रयासों” में शामिल होने का आरोप लगाया था और इस मतदान को रद्द करने के लिए अप्रैल में एक याचिका दायर की थी। यूनियन के दावे की जांच करने के बाद एनएलआरबी ने फैसला किया कि अमेज़न ने अपने श्रमिकों की वोट डालने की क्षमता में इस हद तक हस्तक्षेप किया कि अब दूसरा चुनाव अवश्यंभावी है।

फैसले में विस्तार से बताया गया है कि किस प्रकार, एनएलआरबी द्वारा वेयरहाउस के प्रवेश द्वार के ठीक बाहर डाक संग्रह बॉक्स को स्थापित करने के अमेज़न के अनुरोध को अस्वीकार कर देने के बावजूद कंपनी ने वैसा ही काम किया, जिससे श्रमिकों को यह अहसास कराया गया कि मतों की गणना में कंपनी शामिल है। इसके अलावा, कंपनी ने प्रबंधकों की मौजूदगी में श्रमिकों को “नो वोट” सामग्री वितरित की, जिसके चलते उन्हें यूनियन के प्रति अपने समर्थन या विरोध की घोषणा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

इतना ही नहीं, अमेज़न ने श्रमिकों के छोटे-छोटे समूहों के साथ बैठकें आयोजित कीं जिसे एनएलआरबी ने “बंधक श्रोता बैठकें” करार दिया, जिसमें लगभग 6,000 कर्मचारियों को तोड़ने के लिए मतदान की अवधि के दौरान यूनियन विरोधी संदेश “सप्ताह के छह दिन, रोजाना 18 घंटे काम” के साथ वोट देने के योग्य थे।

एनएलआरबी की एक क्षेत्रीय निदेशक, लिसा हेंडरसन जिन्होंने दूसरी दफा वोट के लिए निर्णय लिया, ने अमेज़न के द्वारा निष्पक्ष चुनाव को सुनिश्चित किये जाने के प्रति “खुली अवहेलना” की भर्त्सना की और कहा है कि कंपनी ने “स्पष्ट तौर पर पूरी प्रकिया को अगवा कर लिया था और एक मजबूत संदेश दिया कि पूरी प्रक्रिया उसके नियंत्रण में है।”

इसलिए कोई आश्चर्य नहीं कि चुनाव में इतना कम मतदान हुआ और नतीजतन केवल 12% वैध मतदाताओं ने ही यूनियन बनाने के पक्ष में मतदान किया।

एनएलआरबी की ओर से दूसरी दफा मतदान किये जाने की अनुमति की संभावनाओं को भांपते हुए कंपनी ने पहले से ही एक बार फिर से हस्तक्षेप का मार्ग प्रशस्त करना शुरू कर दिया है। रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर की शुरुआत में “अमेज़न ने वेयरहाउस में अपने अभियान को तेज कर दिया है, जिसमें हजारों कर्मचारियों को बैठकों में भाग लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है, बाथरूमों में श्रमिक समूहों के बारे में आलोचनात्मक संकेत पोस्ट किये जा रहे हैं, और वेस्ट कोस्ट से कर्मचारियों को लाया जा रहा है।”

विश्व के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक के द्वारा जिस प्रकार से संयुक्त राज्य अमेरिका में एक वेयरहाउस में यूनियन बनाने के प्रयासों के खिलाफ आक्रामक और बार-बार अवरोध उत्पन्न करने वाला रवैय्या, श्रमिकों को अपने काम के हालात पर कुछ भी पकड़ बनाये रख पाने को नकार देने के अमेज़न के दृढ इरादे का संकेत देता है। कंपनी प्रवक्ता केली नैन्टेल ने कहा कि श्रमिकों को यूनियन बनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि अपने नियोक्ता के साथ “सीधा रिश्ता” बनाये रखने से वे लाभ की स्थिति में हैं – विशालकाय रिटेलर और इसके लगभग 10 लाख अमेरिकी कर्मचारियों में से किसी के भी बीच में इस असुंतलित शक्ति संतुलन पर विचार करना एक बेहद हास्यास्पद विचार है। 

यूनियन गतिविधियों से मुक्त कार्यस्थल को बनाये रखने की मुहिम में कंपनी इतनी जुटी हुई है कि एनएलआरबी ने एक अन्य फैसले में निर्धारित किया कि अमेज़न ने पिछले साल दो कर्मचारियों को अवैध तरीके से नौकरी से बर्खास्त कर दिया था क्योंकि वे अनुचित श्रम व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे।

संयुक्त राज्य अमेरिका में यूनियन के तौर पर संगठित होने के प्रयासों पर अमेज़न के इतने आक्रामक ढंग से प्रतिक्रिया देने का विकल्प चुनने के पीछे एक स्पष्ट कारण है। इसके यूरोपीय कर्मचारी यूनियन में संगठित हैं और सक्रिय रूप से बेहतर वेतन और काम की स्थितियों में सुधार की मांग कर रहे हैं। उदहारण के लिए, जर्मनी में संगठित अमेज़न कर्मचारियों ने नवंबर माह में जब हॉलिडे शॉपिंग सीजन अपने चरम पर था, उच्च वेतन के लिए अपनी नौकरियां छोड़ दीं थी। 

इसी तरह पिछले साल, महामारी के मद्देनजर बेहतर स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए इतालवी श्रमिक पांच मिनट का अतिरिक्त ब्रेक हासिल करने के लिए 11 दिनों की हड़ताल पर चले गए थे। और साथ ही, 2020 के वसंत में, फ़्रांस के श्रमिक संघों ने मांग की थी कि महामरी के शुरूआती महीनों के दौरान श्रमिकों की सुरक्षा के हित में अमेज़न को अपने वेयरहाउसों में सभी गतिविधियों को रोक देना चाहिए। एक फ़्रांसिसी अदालत ने इसके पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा था कि कंपनी को सभी गैर-आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के काम को फ़िलहाल के लिए स्थगित करना होगा।

इसके अलावा, कई यूरोपीय देशों के यूनियन नेताओं और संगठित मजदूरों ने पिछले साल एक दूसरे के साथ सहयोग करना शुरू कर दिया था, जिसे बिजनेस इनसाइडर ने आपस में “नोट्स साझा करने का प्रयास बताया... कि कैसे इस रिटेल दिग्गज पर उनके काम की स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए दबाव में लिया जा सके।”

इस प्रकार की यूरोपीय श्रमिक संघों की गतिविधि और सीमा-पार की श्रमिक एकजुटता ठीक वही परिदृश्य है जिसे अमेज़न संयुक्त राज्य अमेरिका में दुहराते हुए नहीं देखना चाहता है।

जब अमेज़न के संस्थापक जेफ़ बेज़ोस ने अप्रैल में बेसेमर के मतदान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि उनकी कंपनी “पृथ्वी के सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता और का करने के लिए पृथ्वी का सबसे सुरक्षित ठिकाना बने।” तो इस बात को आरडब्ल्यूडीएसयू ने अमेज़न की यह स्वीकारोक्ति माना कि यह वास्तव में अपने कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहा है।

असल में देखें तो दुर्व्यवहार का विवरण देने वाले अनेकों अध्ययन मौजूद हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा इस साल की शुरुआत में अमेज़न के न्यूयॉर्क के स्टेटन द्वीप पर मौजूद वेयरहाउस में एक जांच के दौरान पाया गया कि कंपनी उच्च कर्मचारी टर्नओवर वाले श्रमिक मंथन के जरिये गुजर रही थी। अखबार में यह भी पाया गया कि हालाँकि प्रबंधकों द्वारा करीब-करीब हर पहलू पर सावधानीपूर्वक नजर रखी जा रही थी कि कर्मचारी कितनी तत्परता से काम करते हैं, उनकी दक्षता और उत्पादकता पर पूरी नजर रखी जा रही थी, किंतु कर्मचारियों के कोविड-19 संक्रमण सहित उनके स्वास्थ्य के विषय पर शायद ही कोई इक्का-दुक्का रिकॉर्ड देखने को मिला हो।

जिस दौरान बेसेमर वेयरहाउस के कर्मचारियों पर यूनियन विरोधी प्रचार के साथ हमला किया जा रहा था, ठीक उसी समय कंपनी वस्तुतः महामारी के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग पर अधिक निर्भर रहते हुए रिकॉर्ड मुनाफा कमाते हुए नोट छापने में व्यस्त थी। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2021 की पहली तिमाही में मुनाफा उछलकर 220% हो गया था। 

बेसेमर वेयरहाउस में दोबारा मतदान के लिए एनएलआरबी का फैसला एक ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी श्रमिक खराब श्रम परिस्थितियों और कम वेतन के प्रति अधिकाधिक उग्र होते जा रहे हैं। इस सर्दी में हड़तालों की एक लहर और सामूहिक इस्तीफों ने भी अमेज़न की अधिक श्रमिकों को काम पर रखने की क्षमता को प्रभावित किया है। अब, आरडब्ल्यूडीएसयू के अलावा, इंटरनेशनल ब्रदरहुड ऑफ़ टीमस्टर्स ने भी अमेज़न के खिलाफ संगठित होने के प्रयासों में शामिल होने की कसम खाई है, और इस गर्मी में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया है कि कैसे “कैसे अमेज़न हमारे सदस्यों द्वारा लड़े और जीते गए अधिकारों और मानकों के खिलाफ एक अस्तित्व का खतरा बन गया है।’’

इस सबके बावजूद संयुक्त राज्य अमेरिका में यूनियन-मुक्त संचालन को बनाये रखने के अमेज़न के आक्रामक प्रयास कारगर सबित हो रहे हैं। अपने बेसेमर वेयरहाउस में दूसरी दफा मतदान से पहले और भी अधिक यूनियन विरोधी प्रयासों को जारी रखने के अलावा ऐसा लगता है कि अमेज़न, स्टेटन आइलैंड वेयरहाउस में एक और यूनियन बनाने के प्रयास के खिलाफ भारी पड़ा है, जैसा कि न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच से पता चला है। एनएलआरबी की सुनवाई से ठीक दो हफ्ते पहले क्या वहां पर यूनियन बनाए जाने को लेकर पर्याप्त दिलचस्पी है या नहीं, उससे पहले ही श्रमिकों ने रहस्यमय ढंग से अपनी याचिका वापस ले ली थी।

रिटेल उद्योग में 20 वर्षों के वेतन आंकड़ों के एक रायटर्स के अध्ययन में पता चला है कि गैर-संगठित श्रमिकों की तुलना में संगठित श्रमिकों को स्पष्ट और अधिक आर्थिक लाभ मिला है। दोनों समूहों के बीच साप्ताहिक वेतन में अंतर 2013 के 20 डॉलर से बढ़कर 2019 में 50 डॉलर हो चुका था। इस संस्था ने बताया कि “संगठित श्रमिकों को प्रति सप्ताह पूर्व निश्चित समय के लिए अधिक काम के घंटे उपलब्ध हुए, जबकि असंगठित श्रमिकों के पास अक्सर ‘परिवर्तनीय कार्यक्रम’ होता है जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि प्रबंधन के विचार में किस समय स्टोर में अधिक व्यस्तता रहती है।” दूसरे शब्दों में कहें तो, असंगठित श्रमिकों के अधिकार कंपनी की खुशहाली के अधीनस्थ हैं।

श्रमिकों के साथ “प्रत्यक्ष संबंध” रखने के फायदे से शायद नान्टेल का यही आशय रहा हो। उनका दावा था कि इस प्रकार का रिश्ता श्रमिकों के हितों में था, जबकि सच्चाई यह है कि यह अमेज़न जैसे नियोक्ताओं के हित में हैं जिसमें उन्हें किसी भी सामूहिक ताकत से दंगल में नहीं जाना पड़ता है। 

सोनाली कोल्हाटकर एक टेलीविजन और रेडियो शो “राइजिंग अप विद सोनाली” की संस्थापक और कार्यकारी निर्मात्री हैं जिसे फ्री स्पीच टीवी और पसिफिका स्टेशनों पर प्रसारित किया जाता है। आप इंडिपेंडेंट मीडिया इंस्टीट्यूट में इकॉनमी फॉर आल परियोजना की राइटिंग फेलो हैं।

साभार: इस लेख को इंडिपेंडेंट मीडिया इंस्टीट्यूट की एक परियोजना इकॉनमी फॉर आल के द्वारा तैयार किया गया था।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

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