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यूपी : सड़क और जल निकासी की उचित व्यवस्था के लिए धरना दे रही एक महिला की मौत

81 दिनों से धरना दे रही रानी देवी की आगरा के एक गाँव के धरनास्थल पर रविवार को मौत हो गई।
यूपी : सड़क और जल निकासी की उचित व्यवस्था के लिए धरना दे रही एक महिला की मौत
तस्वीर सौजन्य : हिंदुस्तान

उत्तर प्रदेश के आगरा के धनोली, अजीजपुरा और सिरोली गांवों में सड़क और जल निकासी की उचित व्यवस्था की मांग को लेकर 81 दिनों से धरना दे रही रानी देवी की धरना स्थल पर रविवार को मौत हो गई। वहीं रानी के बगल में सो रही एक अन्य महिला को बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया।

गल्फ न्यूज के मुताबिक स्थानीय लोग पिछले 81 दिनों से इलाके में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने जिला मुख्यालय पर नारेबाजी की और आगामी विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने के लिए पोस्टर लगाए, भूख हड़ताल किया और सड़कों पर लगे पानी और गड्ढों में बैठ गए। कुछ लोगों ने अपने-अपने घरों की दीवारों पर "फॉर सेल" के बैनर भी लगा दिए।

48 वर्षीय रानी मालपुरा थाना क्षेत्र के विकास नगर की रहने वाली थी। वह 13 अक्टूबर से सिरोली-धनोली रोड धरना स्थल पर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही थी। वह अपने 22 वर्षीय बेटे नीरज के साथ धरना स्थल के पास एक किराए के घर में रह रही थी।

जूता बनाने वाली एक फैक्ट्री में काम करने वाले नीरज ने कहा, 'मैं अपनी मां से रात में धरना स्थल पर न जाने के लिए कहता था लेकिन वह नहीं मानी थी। शनिवार को वह वहीं सोई थी। रविवार की सुबह जब मैं उन्हें चाय देने गई तो वह नहीं उठी। उसका शरीर ठंडा और कड़ा हो गया था। मैंने एक डॉक्टर को बुलाया जिसने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है।"

विरोध स्थल पर रानी की मौत की पुष्टि करते हुए एसडीएम लक्ष्मी एन. ने कहा, “हम परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से कुछ आर्थिक सहायता और अन्य सरकारी योजनाओं के तहत लाभ देने का प्रयास करेंगे।”

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बीच धरना स्थल पर बेहोश हुई दूसरी महिला 85 वर्षीय कीर्ति देवी है। 5 दिसंबर को कीर्ति ने चौधरी प्रेम सिंह नाम के एक व्यक्ति के साथ धरना स्थल के पास गड्ढा खोदा था और भूसमाधि की कोशिश की थी। तहसीलदार ने गड्ढ़े से दोनों को निकाला था और 24 घंटे के भीतर नाला निर्माण का आश्वासन दिया था।

विरोध का नेतृत्व कर रही सामाजिक कार्यकर्ता सावित्री चाहर ने कहा, “पिछले तीन वर्षों में हमने स्वच्छता की कमी, जलभराव और खराब सड़क और जल निकासी जैसे मुद्दों को उठाया है। हमने पिछले साल भी इन मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने हमसे कहा था कि वे जलभराव की समस्या का समाधान करेंगे, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है।”

जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह ने कहा, "धनोली और आसपास के क्षेत्रों के लिए 43 करोड़ रुपये का विकास कार्य होना है। स्थानीय लोगों की मांग के बाद सड़कों का निर्माण शुरू किया गया। इससे पहले जलजमाव को साफ करने के लिए अस्थाई व्यवस्था की गई थी। हम एक स्थायी जल निकासी व्यवस्था के लिए भी काम कर रहे हैं। मृतक महिला के परिवार को उचित मदद मुहैया कराई जाएगी।"

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