Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

ये दिन भी जाएंगे गुज़र, गुज़र गए हज़ार दिन : गौतम नवलाख

यह पूरा मामला इस कायर और बदले की मंशा से काम करने वाली सरकार द्वारा राजनीतिक असहमति के खिलाफ़ की गई राजनीतिक साजिश है ।
guatam navlakha

यह पूरा मामला इस कायर और बदले की मंशा से काम करने वाली सरकार द्वारा राजनीतिक असहमति के खिलाफ़ की गई राजनीतिक साजिश है । यह सरकार भीमा कोरेगांव के असली दोषियों को बचाने के लिए जी जान लगा रही है। इस तरह से यह सरकार अपने उन घोटालों और नाकामियों की ओर से ध्‍यान हटाने का काम कर रही है, जो कश्‍मीर से लेकर केरल तक फैली चुकी है। एक राजनीतिक मुकदमे को राजनीतिक तरीके से ही लड़ा जाना चाहिए। मैं इस अवसर को सलाम करता हूं। मुझे कुछ नहीं करना है। अपने राजनीतिक मालिकों के हुकुम पर काम कर रही महाराष्‍ट्र पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह मेरे खिलाफ और मेरे साथ गिरफ्तार हुए साथियों के खिलाफ अपना पक्ष साबित करे। हमने पीयूडीआर में रहते हुए बीते चालीस साल के दौरान साथ में  निडरता से   लोकतांत्रिक हक और हुकूक की लड़ाई लड़ी है और मैं, पीयूडीआर का हिस्‍सा होने के नाते ऐसे कई मुकदमों में शामिल रह चूका हूँ। अब मैं खुद किनारे खड़े रह कर एक ऐसे ही राजनीतिक मुकदमे का गवाह बनने जा रहा हूं।

तू ज़िंदा है तो ज़िदगी की जीत पर यक़ीन कर  
अगर कहीं है स्‍वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर
ये ग़म के और चार दिन सितम के और चार दिन
ये दिन भी जाएंगे गुज़र
गुज़र गए हज़ार दिन 
तू ज़िंदा है ..
गौतम नवलखा।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest