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ज्ञानवापी: ASI सर्वे में मिली वस्तुएं बनारस कोषागार के डबल लॉक में रखी गईं

वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के आदेश पर एएसआई सर्वे किया गया था। प्रशासन ने सभी साक्ष्य को सुरक्षित रखने का काम पूरा कर लिया है।
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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के दौरान मिली सभी वस्तुएं जिला प्रशासन के हवाले कर दी हैं, जिन्हें कोषागार के डबल लॉक में सुरक्षित रख दिया गया है। बनारस के जिलाधिकारी एस.राजलिंगम ने सामान की सूची बनाने और उसे कोषागार में रखने की जिम्मेदारी अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकॉल) बच्चू सिंह को सौंपी थी। जिला जज की अदालत ने इस साल सितंबर में ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने का निर्देश दिया था।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी कड़ी सुरक्षा के बीच सर्वे के दौरान मिलीं खंडित मूर्तियों, चिह्न, आकृतियों, दरवाजे और घड़े के टुकड़े आदि सामान लेकर कोषागार कार्यालय पहुंचे और वहां उन्हें डबल लॉक में रखा गया।
वाराणसी के जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश के आदेश पर एएसआई सर्वे किया गया था। प्रशासन ने सभी साक्ष्य को सुरक्षित रखने का काम पूरा कर लिया है। इस दौरान कोषागार परिसर में कड़ा पहरा था। एएसआई टीम के साथ-साथ पक्षकार, उनके अधिवक्ता और प्रशासनिक अफसर भी मौके  पर मौजूद थे।

सबसे पहले ज्ञानवापी परिसर में मिली वस्तुओं की क्रमवार सूची बनाई गई। बाद में उन्हें वाराणसी के कलेक्ट्रेट परिसर स्थित कोषागार के डबल लॉक में सुरक्षित रखा गया। अदालत ने एएसआई को आदेश दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के दौरान मिली सभी सामग्रियों की एक सूची बनाई जाए और उस सूची की एक प्रति अदालत में दाखिल की जाए और एक प्रति जिला मजिस्ट्रेट को सौंपी जाए। इस साल 14 सितंबर को वाराणसी जिला अदालत ने एएसआई को आदेश दिया था कि संबंधित स्थल से जो भी वस्तुएं और सामग्रियां प्राप्त हुई हैं, उन्हें जमा किया जाए।

अदालत ने कहा था कि मामले के तथ्यों से संबंधित या हिंदू धर्म और पूजा प्रणाली से संबंधित वस्तुएं और सामग्री या जो ऐतिहासिक या पुरातात्विक दृष्टिकोण से मामले के निपटारे में महत्वपूर्ण हो सकती हैं, उन्हें एएसआई के अधिकारी जिलाधिकारी को सौंप दें। जिला मजिस्ट्रेट या उसके द्वारा नामित एक अधिकारी जो उन वस्तुओं को सुरक्षित रखेगा और जब भी अदालत उन्हें बुलाएगी तो उन वस्तुओं को अदालत के सामने पेश करने होंगे।

अदालत ने श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में वादी राखी सिंह द्वारा दायर तीन आवेदनों पर आदेश पारित किया था। आवेदन इस साल अगस्त में दायर किए गए थे। कुछ दिन पहले, एएसआई ने सुप्रीम अदालत के आदेश द्वारा संरक्षित इसके क्षेत्र को छोड़कर, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण पूरा किया था। इसके बाद, एएसआई ने सर्वेक्षण के दौरान मिली वस्तुओं और सामानों की सूची बनाने के बाद जिला मजिस्ट्रेट एस.राजलिंगम से संपर्क किया और कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें कोषागार में रखवाया।

अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकॉल) बच्चू सिंह ने कोषागार का निरीक्षण किया और सभी वस्तुओं को वहां रखवाने का इंतजाम किया। उल्लेखनीय है कि एएसआई ने दो नवंबर को वाराणसी के जिला अदालत में एक अर्जी दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश करने के लिए 15 दिन का और समय मांगा था। एएसआई की ओर से, केंद्र के स्थायी सरकारी अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने आवेदन दायर किया और अदालत को सूचित किया कि एएसआई ने साइट पर वैज्ञानिक जांच/सर्वेक्षण पूरा कर लिया है।

पुरातत्वविदों, पुरातत्व रसायनज्ञों, पुरालेखविदों, सर्वेक्षणकर्ताओं, फोटोग्राफरों और अन्य तकनीकी व्यक्तियों की एक टीम डेटा का विश्लेषण करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए किए गए कार्यों और उनके नतीजों को लिपिबद्ध करने में जुटी है। सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करने और जमा करने के लिए एएसआई को कुछ और समय चाहिए। अदालत ने एएसआई का अनुरोध स्वीकार करते हुए ज्ञानवापी की सर्वेक्षण रिपोर्ट जमा करने के लिए एएसआई को 15 दिन का और समय दिया है। जिला जज ने एएसआई के सारनाथ सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद् को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि सर्वेक्षण रिपोर्ट 17 नवंबर तक अदालत में हर हाल में जमा कर दें।


 

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