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म्यांमार में 4,800 खदान कर्मचारियों की हड़ताल के छह महीने पूरे

माइनिंग वर्कर्स फ़ेडरेशन ऑफ़ म्यांमार से जुड़े ये खनिक फ़रवरी में सैन्य तख़्तापलट के बाद से हड़ताल पर हैं। उनकी लंबी हड़ताल ने सैन्य शासन के राजस्व को प्रभावित किया है।
म्यांमार
तस्वीर सौजन्य : mmciviliansnews/ट्विटर

लगभग छह महीने पहले हुए सैन्य तख्तापलट के बाद माइनिंग वर्कर्स फेडरेशन ऑफ म्यांमार (एमडब्ल्यूएफएम) से जुड़े कम से कम 4,800 खनिक मोनिवा टाउनशिप में हड़ताल पर हैं।

म्यांमार में कन्फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियनों के अध्यक्ष मौंग मौंग के अनुसार, खनिकों की हड़ताल ने तख्तापलट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के रूप में सैन्य शासन के राजस्व के हिस्से की प्रभावी ढंग से कटौती कर दी है। उन्होंने इंडस्ट्रीऑल (IndustriALL ) को बताया, “मैं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से 4,800 बहादुर खनिकों के संघर्ष का समर्थन करने का आग्रह करता हूं। उनका प्रतिरोध बहुत हद तक अविभाजित अंतरराष्ट्रीय एकजुटता पर निर्भर है।"

इस महीने की शुरुआत में, म्यांमार के सबसे बड़े श्रमिक संघ, कन्फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन ऑफ म्यांमार ने भी इस सैन्य शासन के खिलाफ व्यापक आर्थिक प्रतिबंधों का आह्वान किया था। यूनियनों के गठबंधन ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपने संसाधनों से इस शासन को अलग-थलग करने और मदद न करने का समर्थन करने का अनुरोध किया।

कर्मचारी सैन्य शासन को असंवैधानिक मानते हैं जिसके चलते हज़ारों लोगों ने म्यांमार से खनिजों के निर्यात को रोकने के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया।

इस हड़ताल में शामिल खनिक वानबाओ माइनिंग कॉपर, म्यांमार यांग त्से कॉपर, पे पॉक औक्शिन और साइनोहाइड्रो पावर चाइना में काम कर रहे हैं। इनमें से दो कंपनियों म्यांमार यांग त्से और वानबाओ माइनिंग कॉपर का सैन्य-स्वामित्व वाली म्यांमार इकोनॉमिक होल्डिंग लिमिटेड के साथ रेवेन्यू-शेयरिंग समझौता है।

इन खनिकों ने म्यांमार में खतरनाक कामकाजी परिस्थितियों और कम वेतन पर भी चिंता जताई है। कर्मचारियों के रहन-सहन की स्थिति को पहले अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संघों द्वारा घटिया करार दिया गया है।

जब से सेना ने तख्तापलट किया है तब से 900 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए हैं जिसमें एमडब्ल्यूएफएम के सदस्य चान म्याये क्याव शामिल हैं, जबकि 10,000 अन्य लोगों को सेना ने हिरासत में लिया है। प्रदर्शनकारियों पर प्रत्यक्ष हिंसा के अलावा देश में करीब 250,000 लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं।

26 जुलाई को ग्लोबल यूनियन इंडस्ट्रीऑल (Global Union IndustriALL) ने एक रिपोर्ट में बहुराष्ट्रीय ब्रांडों से "म्यांमार में मानव और श्रम अधिकारों के लिए गरिमा सुनिश्चित करने" का आह्वान किया। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने अपने सहयोगियों को वैश्विक स्ट्राइक फंड में योगदान करने के लिए लामबंद किया है और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) में सैन्य शासन की वैधता को चुनौती देने के लिए अन्य वैश्विक संघों के साथ काम किया है।

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