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उत्तराखंड के चमोली में पुरसाड़ी के पास ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग का 50 मी हिस्सा धंसा

राजमार्ग की खतरनाक स्थिति को देखते हुए चमोली पुलिस वाहनों की सुरक्षा के लिए मौके पर मुस्तैद है।
Rishikesh Badrinath
फ़ोटो साभार : Jagran

गोपेश्वर: उत्तराखंड में चमोली और नंदप्रयाग के बीच पुरसाड़ी गांव के समीप ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का करीब 50 मीटर हिस्सा एक बार फिर भूधंसाव की चपेट में आ गया है।

पुलिस ने बताया कि इससे राष्ट्रीय राजमार्ग की घाटी की तरफ वाली साइड अलकनंदा नदी की ओर धंसने लगी है, जिसके कारण यातायात को पहाड़ की ओर से धीरे—धीरे निकाला जा रहा है।

राजमार्ग की खतरनाक स्थिति को देखते हुए चमोली पुलिस वाहनों की सुरक्षा के लिए मौके पर मुस्तैद है।

चमोली के यातायात निरीक्षक प्रवीण आलोक और उनकी टीम ने धंसाव वाले स्थान पर वाहनों की सुरक्षा के लिए रिफ्लेक्टर टेप भी लगाए हैं, जबकि वाहन चालकों से इस स्थान पर सावधानी पूर्वक चलने का अनुरोध भी किया जा रहा है।

वर्ष 2013 में आयी केदारनाथ आपदा के समय पुरसाड़ी के पास भूधंसाव बहुत बढ़ गया था, जिसे रोकने के लिए बड़ी कंपनियों और विशेषज्ञों की मदद से सड़क स्थिरीकरण के लिए अलग से परियोजना संचालित की गयी थी।

करोड़ों रुपए की लागत से यहां अलग—अलग प्रकार के इंजिनियरिंग कार्य किए गए, जिसके बाद यहां भूधंसाव रुक गया था। लगभग छह—सात साल बाद फिर इसी स्थान पर भूधंसाव शुरू होने से राजमार्ग खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है।

हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अभियंताओं की ओर से प्रभावित इलाके में मिट्टी भर कर उसकी मरम्मत करने का प्रयास किया जा रहा है।

इस बार अतिवृष्टि के कारण राजमार्ग पर नए भूस्खलन क्षेत्र विकसित होने के साथ ही पुराने क्षेत्र भी सक्रिय हो गए हैं जिसके कारण यातायात बार—बार बाधित हो रहा है ।

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