सुरंग में फंसे श्रमिकों का पहला वीडियो सामने आया, परिवारों की भी उम्मीदें बढ़ीं
बचाव अभियान के दसवें दिन मंगलवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल होने का पहला वीडियो सामने आने के बाद उनके बाहर निकलने की बाट जोह रहे उनके परिवारों की उम्मीदें बढ़ गयी है।
अधिकारियों ने बताया कि छह इंच की पाइपलाइन के जरिए श्रमिकों तक खिचड़ी भेजने के कुछ घंटों बाद बचावकर्मियों ने उसी पाइप से तड़के उन तक एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा भेजा जिससे उनके सकुशल होने का वीडियो मिला। यह कैमरा सोमवार देर शाम दिल्ली से सिलक्यारा पहुंचा।
STORY | Be sensitive in reportage, avoid sensationalising tunnel rescue operations: Govt to TV channels
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— Press Trust of India (@PTI_News) November 21, 2023
उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे उसमें मलबे के दूसरी ओर श्रमिक फंस गए जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
हालांकि, बचावकर्मियों को पहली कामयाबी सोमवार को मिली जब उन्होंने मलबे के आरपार 53 मीटर लंबी छह इंच की पाइपलाइन डाल दी। इसी पाइपलाइन के जरिए सुरंग में एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा डाला गया।
वीडियो में पीले और सफेद रंग के हेलमेट पहने श्रमिक पाइपलाइन के माध्यम से भेजा गया भोजन प्राप्त करते हुए और एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इससे बचावकर्मियों के साथ ही इन श्रमिकों और उनके परिवारों का मनोबल भी बढ़ा है।
एक स्क्रीन पर श्रमिकों को देख रहे अधिकारियों को उन्हें निर्देश देते सुना जा सकता है। अधिकारी उन्हें लेंस साफ करने और उन्हें कैमरे पर देखने को कह रहे हैं। अधिकारी उनसे पाइपलाइन के मुंह के पास आने तथा वॉकी—टॉकी का प्रयोग करने के लिए भी कह रहे हैं।
श्रमिकों के रिश्तेदार अब तक उनसे चार इंच के पाइप के जरिए बात कर रहे थे जिससे उन्हें, खाना, पानी, दवाइयों और आक्सीजन की आपूर्ति भी की जा रही थी ।
लेकिन छह इंच की चौड़ी पाइपलाइन डाले जाने से संचार के बेहतर होने के साथ ही दलिया, खिचड़ी, कटे हुए सेब और केले जैसी खाद्य सामग्री भी बड़ी मात्रा में भेजी जा सकती है।
इस पाइपलाइन के जरिए सोमवार रात को श्रमिकों तक खिचड़ी भेजी गयी। खिचड़ी को चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की बोतलों में पैक कर श्रमिकों तक पहुंचाया गया। बचाव अभियान में जुटे सुरक्षा कर्मचारी निपू कुमार ने कहा कि संचार स्थापित करने के लिए पाइप लाइन में एक वॉकी-टॉकी और दो चार्जर भी भेजे गए।
सुरंग में फंसे श्रमिकों में शामिल अपने देवर प्रदीप किस्कू की कुशल क्षेम जानने के लिए बिहार के बांका से सिलक्यारा पहुंची सुनीता हेम्ब्रम ने 'पीटीआई ' को बताया, 'मैंने उनसे सुबह बात की। नए पाइप से उन्हें संतरे भेजे गए हैं। वह ठीक हैं।
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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