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इंदौर में कोरोना वायरस के 6 मरीज समेत 8 लोग पृथक केंद्र से भागे, 3 मिले

पृथक केंद्र से भागे आठ लोगों के एक धार्मिक जमात से जुड़े होने की ख़बरों को ख़ारिज करते हुए थाना प्रभारी ने कहा, "ये लोग व्यापार के सिलसिले में इंदौर आये थे।"
कोरोना वायरस
Image courtesy: Twitter

इंदौर:  मध्य प्रदेश के इंदौर के एक होटल में बनाये गये पृथक केंद्र से कोरोना वायरस के छह मरीजों सहित आठ लोगों के फरार हो जाने का मामला सामने आया है। इनमें से तीन मरीजों को ढूंढकर अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।

शहर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) पुनीत गहलोत ने बृहस्पतिवार को "पीटीआई-भाषा" से कहा, ‘‘ राजेंद्र नगर क्षेत्र के एक होटल में बनाये गये पृथक केंद्र के पिछले हिस्से की चहारदीवारी फांदकर बुधवार को आठ लोग फरार हो गये। पुलिस होटल के बाहर पहरा दे रही थी। फरार लोगों की उम्र 40 के 60 वर्ष के बीच है।"

उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आयी। फरार लोगों में से तीन कोविड-19 संक्रमितों को ढूंढकर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से दो लोग बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं, जबकि एक व्यक्ति राजस्थान के कोटा जिले से ताल्लुक रखता है।

सिटी एसपी ने बताया कि मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के रहने वाले पांच अन्य लोग अब भी फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है। रामपुर के जिला प्रशासन को भी उनके बारे में सूचना दे दी गयी है।

उन्होंने कहा , "जिन तीन लोगों को ढूंढ निकाला गया, उनका कहना है कि वे पिछले 17 दिन से पृथक केंद्र में रहकर परेशान हो गये थे। इन लोगों की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट बुधवार को ही आयी थी।"

सीएसपी ने कहा, "ढूंढे गये लोगों का कहना है कि जब उन्हें पता चला कि कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के चलते अब उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा, तो वे डर के मारे भाग गए।"

इस बीच , सेंट्रल कोतवाली क्षेत्र के थाना प्रभारी बीडी त्रिपाठी ने बताया कि मामले से जुड़े आठ लोगों में से छह लोग रानीपुरा क्षेत्र के एक लॉज में रुके थे, जबकि दो लोग एक मुसाफिरखाने (धर्मशाला) में मिले थे।

उन्होंने कहा , "चूंकि प्रशासन ने रानीपुरा क्षेत्र को कोरोना वायरस संक्रमण का केंद्र (एपिक सेंटर) घोषित किया है। इसलिये हमने इस क्षेत्र से सटे इलाकों के कई लोगों को पृथक केंद्र भेज दिया था। इसी क्रम में इन आठ लोगों को भी वहां भेजा गया था।"

पृथक केंद्र से भागे आठ लोगों के एक धार्मिक जमात से जुड़े होने की ख़बरों को खारिज करते हुए थाना प्रभारी ने कहा, "ये लोग व्यापार के सिलसिले में इंदौर आये थे।"

आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इस महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। जिले में बृहस्पतिवार सुबह 110 नये मामले सामने आने के बाद इस महामारी के मरीजों की तादाद बढ़कर 696 पर पहुंच गयी है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने कहा, " दिल्ली की एक प्रयोगशाला से आयी रिपोर्ट में इंदौर जिले के 110 और लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं। इसके बाद जिले में इस महामारी के मरीजों की तादाद 586 से बढ़कर 696 पर पहुंच गयी। इनमें से 39 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।"

आंकड़ों की गणना से पता चलता है कि बृहस्पतिवार सुबह तक इंदौर जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर 5.60 प्रतिशत थी जो राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। हालांकि, गुजरे एक हफ्ते से इंदौर की इस दर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

इंदौर, देश के उन शीर्ष जिलों में भी शामिल है जहां प्रति 10 लाख आबादी में कोविड-19 के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं। इंदौर जिले की आबादी 35 लाख से अधिक आंकी जाती है।

अधिकारियों के मुताबिक अब तक जिले में इस महामारी के 37 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ पाये जाने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।

कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद से ही प्रशासन ने 25 मार्च से इंदौर की शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है।

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