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डीपफ़ेक का एक नया ख़तरा: लाइव वीडियो कॉल के जरिए ठगी और ब्लैकमेलिंग

ग़ाज़ियाबाद में एक आम नागरिक को एक स्कैमर ने पूर्व एडीजी की शक्ल में डीपफ़ेक वीडियो कॉल कर ब्लैकमेल किया। देश में शायद इस तरह का यह पहला मामला है।
deepfake

अभी तक डीपफ़ेक फोटो/वीडियो का मामला विदेशों तक ही सीमित था। लेकिन फिल्हाल ये भारत में भी पैर पसार चुका है। ये मामला अब सिर्फ सेलेब्रिटी के डीपफ़ेक वीडियो तक ही सीमित नहीं है, बल्कि साधारण लोग भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। अब तो सिर्फ डीपफ़ेक वीडियो नहीं, बल्कि डीपफ़ेक लाइव वीडियो कॉल के जरिये नागरिकों को ठगा जाने लगा है और ब्लैकमेल किया जाने लगा है। एक ऐसा ही मामला गाजियाबाद के कविनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ है। 

गाजियाबाद के रहने वाले अरविंद शर्मा को एक वाट्सअप कॉल आता है जिसमें सामने से एक वर्दीधारी आईपीएस अधिकारी बोल रहा होता है। अधिकारी कहता है कि या तो पैसे दीजिये वर्ना आपको उठा लेंगे और आपके अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर डाल देंगे, आपके परिवार वालों को भेज देंगे।

वीडियो में जो अधिकारी दिख रहा था, वो कोई छोटा-मोटा पुलिस अफसर नहीं, बल्कि आइपीएस अफसर और पूर्व एडीजी प्रेम प्रकाश थे। लेकिन आपको हैरानी होगी ये जानकर कि ये डीपफ़ेक वीडियो कॉल था। इस वीडियो में पूर्व एडीजी प्रेम प्रकाश की शक्ल में स्कैमर थे, जो अरविंद शर्मा को ब्लैकमेल कर रहे थे। स्कैमर ने पूर्व एडीजी प्रेम प्रकाश की शक्ल में डीपफ़ेक वीडियो कॉल किया था। ये ऐसी वीडियो कॉल थी कि कोई भी धोखा खा सकता था। यानी डीपफ़ेक तकनीक और एआई के जरिये किसी दूसरे व्यक्ति की शक्ल में आपसे लाइव कॉल भी की जा सकती है। देश में शायद इस तरह का यह पहला मामला है।

क्या है पूरा मामला?

गाजियाबाद के रहने वाले अरविंद शर्मा ने हाल ही में नया स्मार्टफोन खरीदा था। उस वक्त अरविंद शर्मा सोच रहे होंगे कि नई तकनीक और सोशल मीडिया से जुड़ेंगे लेकिन उन्हें ये नहीं पता था कि ये टेक्नोलॉजी उनके जीवन को नरक बना देगी। उन्होंने इस नये स्मार्टफोन में फेसबुक डाउनलोड किया और फेसबुक चलाने लगे।

4 नवंबर को उन्हें फेसबुक मैसेंजर पर एक वीडियो कॉल आई। जैसे ही अरविंद शर्मा ने कॉल को उठाया तो सामने एक महिला नग्न अवस्था में थी। अरविंद की समझ में नहीं आया कि ये क्या मामला है। उन्होंने हड़बड़ाहट में कॉल काट दी। लेकिन स्कैमर तब तक इसे रिकॉर्ड कर चुके थे। अरविंद शर्मा को ब्लैकमेल करने के लिये ये कुछ 8-10 सेकेंड का कॉल ही स्कैमर के लिए काफी था। इसके बाद अरविंद शर्मा के पास वाट्सअप पर एक वर्दीधारी पुलिस अफसर का वीडियो कॉल आता है और यहां से ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू हो जाता है।

स्कैमर लगातार अरविंद शर्मा को ब्लैकमेल करते रहे और पैसे एंठते रहे। धीरे-धीरे करके अरविंद शर्मा से स्कैमर ने 74 हज़ार रुपये ठग लिए। अरविंद शर्मा एक क्लर्क हैं। उनके लिए 74000 रुपये कोई छोटी रकम नहीं है। वो इस ठगी के मकड़जाल में ऐसे फंसे कि अपने सहकर्मियों से कर्ज तक लेना पड़ गया। शर्म और बदनामी के डर से किसी को इस परेशानी के बारे में बता भी नहीं पा रहे थे। वो अकेले कुढ़ते रहे और बदनामी के डर से आत्महत्या तक के ख्याल उनके मन में आने लगे।

इस घुटन से तंग आकर एक दिन अंततः अरविंद ने पूरा मामला परिवार को बता दिया। अगली बार जब स्कैमर का कॉल आया तो अरविंद शर्मा की बेटी मोनिका ने दूसरे फोन से उसे रिकॉर्ड कर लिया और कहा कि आपका चेहरा रिकॉर्ड हो रहा है। स्कैमर समझ गए कि पकड़े गए हैं। स्कैमर ने डरकर फोन काट दिया। मोनिका और अरविंद शर्मा को अभी भी पता नहीं था कि ये वीडियो कॉल डीपफ़ेक है। मोनिका अपने पिता के साथ कविनगर पुलिस स्टेशन गई और शिकायत दर्ज करा दी। तब उन्हें पता चला कि ये डीपफ़ेक वीडियो कॉल थी और अरविंद शर्मा साइबर ठगी का शिकार हुए हैं।

मामला रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी प्रेम प्रकाश तक भी पहुंचा, जिनके वीडियो का इस्तेमाल करके अरविंद शर्मा को डीपफ़ेक कॉल की गई थी। पूर्व एडीजी प्रेम प्रकाश ने इसे गंभीरता से लिया और वीडियो जारी करके लोगों को इस स्कैम के बारे मे सतर्क किया। कमाल की बात ये है कि डीपफ़ेक वीडियो कॉल के लिए पूर्व एडीजी प्रेम प्रकाश के जिस वीडियो का इस्तेमाल किया गया था, उस वीडियो में एडीजी प्रेम प्रकाश साइबर ठगी के बारे में सावधानियां बरतने की सलाह दे रहे थे और जागरूकता फैला रहे थे। असल में एडीजी प्रेम प्रकाश एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं और उनके वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध हैं, जिनका इस्तेमाल करके स्कैमर डीपफ़ेक वीडियो कॉल कर रहे थे।

क्या सावधानियां बरतें?

अगर आपके पास वाट्सअप या फेसबुक आदि के जरिये किसी अनजान व्यक्ति का वीडियो कॉल आता है, तो उसे ना उठाएं। ये एक पुराना स्कैम है।

इसे पढ़ें: डीपफ़ेकः सावधान हो जाइये!

अकेले ही ना कुढ़ते रहे बल्कि अपने परिवार या मित्रों को परेशानी के बारे में बताएं। अगर कोई इस तरह से आपको ब्लैकमेल कर रहा है, तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं और साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करके मामले की जानकारी दें।

वीडियो को ध्यान से फ्रेम बाइ फ्रेम देखें। खासतौर पर गौर करें कि होंठों की मूवमेंट कैसी है? क्या बोलते हुए होंठ और होंठों के आस-पास की मांसपेशियां मैकेनिकल ढंग से हिल रही हैं? क्या स्पीच और होंठों की मूवमेंट में तालमेल है? वीडियो को बारीकी से देखें।

भविष्य में इस तरह के मामलों में बढ़ोतरी का अनुमान है। इसलिए नई तकनीक के बारे में जानें, इसे समझें और मीडिया लिट्रेसी हासिल करें। डरें नहीं बल्कि सतर्क और सावधान रहें।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

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