अग्निपथ स्कीम : नहीं थम रहा युवाओं का विरोध, जानें पूर्वञ्चल का क्या है हाल
भारतीय सेना में चार साल की भर्ती प्रक्रिया यानी 'अग्निपथ स्कीम' के विरोध में उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में शुक्रवार की सुबह माहौल गरम हो गया। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में बनारस समेत पूर्वांचल के ज्यादातर जिलों में बड़ी संख्या में युवक सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़, आगजनी व पथराव शुरू कर दिया। पूर्वांचल में सेना के सबसे बड़े भर्ती के केंद्र बनारस में जुटे हजारों युवाओं के प्रदर्शन ने सुबह से ही हिंसक रूप ले लिया। बनारस से लेकर बलिया तक जबरदस्त हंगामा होता रहा। कैंट रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन में आग लगाने की भी कोशिश की गई। बनारस के साथ बलिया स्टेशन पर नाराज़ युवाओं ने तीन ट्रेनों में जमकर तोड़फोड़ की। वहीं एक ट्रेन में आग लगा दी गई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर मामले को शांत कराया। वाराणसी में पुलिस ने 15 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। पूर्वांचल से गुज़रने वाली क़रीब 34 ट्रेनों का परिचालन ठप कर दिया गया है। जीआरपी के जवानों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं।
बनारस में प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़
बनारस में हंगामा उस समय शुरू हुआ जब सुबह क़रीब साढ़े सात बजे छावनी परिषद स्थित भर्ती बोर्ड कार्यालय पर प्रदर्शन करने जा रहे युवाओं को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया, जिससे युवक उग्र हो गए और हंगामा-नारेबाज़ी करने लगे। इसी बीच बनारस के कैंट रोडवेज़, चौकाघाट, सिगरा, चौबेपुर, सारनाथ इलाक़ों में बड़ी संख्या में जुटे नौजवानों ने केंद्र सरकार की नई भर्ती योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया। आंदोलनकारी युवाओं के एक बड़े समूह ने बनारस के कैंट रेलवे स्टेशन के सामने रोडवेज़ बस स्टैंड में धुसकर नारेबाज़ी करते हुए जमकर तोड़फोड़ शुरू कर दी। प्रदर्शन करने वालों के उग्र तेवर को देखते हुए रोडवेज़ पुलिस चौकी में तैनात जवान भाग खड़े हुए। यहां क़रीब 20-25 बसों में तोड़फोड़ की गई, जिनमें कई वातानुकूलित इलेक्ट्रिक और लग्ज़री बसें शामिल हैं। आंदोलनकारियों ने रोडवेज़ बस अड्डे के अंदर भी तोड़फोड़ की।
तोड़फोड़ और आगज़नी कर रहे युवा बेहद ग़ुस्से में थे और सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी कर रहे थे। युवाओं ने सबसे पहले चौकाघाट के पास आबकारी दफ़्तर पर रोडवेज़ की बसों को निशाना बनाना शुरू किया। बाद में तोड़फोड़ और पथराव करते हुए कैंट, इंग्लिशिया लाइन होते हुए वे लहरतारा पहुंच गए। आंदोलनकारी युवाओं ने इंग्लिशिया लाइन पर कई दुकानों में लूटपाट भी की और रोकने वालों के साथ मारपीट भी की। हैरत की बात यह है कि हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस कई स्थानों पर तमाशबीन बनी रही।
रेल प्रबंधक दफ़्तर के बाहर बवाल
उत्तर रेलवे के मंडल प्रबंधक कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों ने कई बसों पर पथराव कर उनके शीशे चकनाचूर कर दिए। कैंट स्टेशन के निर्माणाधीन प्लेटफार्म-10 पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने आगज़नी की कोशिश की। मौके पर पहुंची पुलिस हुए पथराव में सिगरा थाने के पुलिस इंस्पेक्टर समेत पुलिस के चार जवान जख्मी हो गए।
वाराणसी में हुई हिंसक वारदातों के चलते गाजीपुर और जौनपुर की ओर जाने वाले मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। रोडवेज प्रशासन ने अपनी बसों का संचालन पूरी तरह ठप कर दिया है। पुलिस ने कैंट रेलवे और रोडवेज स्टेशन पर जबर्दस्त किलेबंदी कर दी है। समूचे इलाके को सील कर दिया गया है।
वाराणसी में करीब पांच घंटे के तक चले बवाल के बाद स्थिति सामान्य है। शहर में अभी भी जगह-जगह युवाओं के जत्थे दिख रहे हैं। हालांकि पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने कहा है, "स्थिति अब पूरी तरह काबू में है। ये हमारे बच्चे हैं, जिन्हें समझाया जा रहा है। जो बात नहीं मानेंगे, पुलिस उनसे सख्ती से निबटेगी।"
बनारस के सटे जनपद चंदौली के पीडीडीयू रेलमंडल से गुजरने वाली ट्रेनों का परिचालन शुक्रवार की सुबह छह बजे से रोक दिया गया। रेल प्रशासन के निर्देश के बाद पीडीडीयू जंक्शन से गुजरने वाली अप की पंजाब मेल, विभूति, हावड़ा अमृतसर, श्रमजीवी, हिमाचल, दून, मुम्बई मेल, जोधपुर हावड़ा के अलावा डाउन की संघमित्रा, पूर्वा, विक्रमशिला विभिन्न स्टेशनों पर जहां-हां रोक दी गई। आंदोलन-प्रदर्शन के मद्देनजर पीडीडीयू जंक्शन और यार्ड में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
बलिया में भी हिंसक हुआ प्रदर्शन
उधर, बलिया में सुबह के छह बजे से ही सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशन पहुंचकर बलिया-वाराणसी मेमो, बलिया-शाहगंज सवारी गाड़ी व बलिया-सियालदह एक्सप्रेस में तोड़फोड़ की। रेलवे के प्लेटफार्म की दुकानों के शीशे भी तोड़ दिए।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए हवाई फायरिंग भी की। प्रदर्शनकारियों ने कुछ देर के लिए नेशनल हाइवे को भी जाम रखा। इस दौरान बलिया के पुलिस अधीक्षक पर भी पत्थर फेंके गए। तब फोर्स ने आंसू गैस केगोले चलाये।
शाम तक बलिया शहर की सड़कें ईंट-पत्थर से पट गई थीं। एहतियातन रोडवेज की बसों को स्टैंड से हटा दिया गया है। पुलिस के डीआईजी भी बलिया पहुंच गए हैं।
ग़ाज़ीपुर, मऊ, जौनपुर में उग्र प्रदर्शन
गाजीपुर शहर के भुतहियाटांड पर युवाओं की भीड़ जुटी तो महाराजगंज क्रासिंग पर हंगामा किया। जखनियां में सैकड़ों युवाओं ने नारेबाजी करते हुए उग्र प्रदर्शन किया। वाराणसी-छपरा नौतनवा इंटरसिटी एक्सप्रेस को आधे घंटे रोके रखा। ट्रेन में चढने से रोकने की कोशिश में युवाओं की पुलिस की नोकझोंक हुई। ताजपुर देहमा रेलवे स्टेशन पर सुबह 11 बजे युवाओं की भीड़ जुलूस लेकर स्टेशन पहुंचा। झड़प के बाद पुलिस ने समझाकर उन्हें लौटा दिया। हंगामे के चलते दिलदारनगर, जमानियां में आठ ट्रेनें रोकी गईं। ग़ाज़ीपुर 25 थानों की पुलिस फोर्स पेट्रोलिंग कर रही है।
सेना भर्ती की तैयारी कर रहे मऊ के युवाओं ने सुबह क़रीब 10 बजे नेशनल हाईवे अमिला-थानीदास मार्ग को जाम कर दिया। लगभग एक घंटे बाद मामले की जानकारी होने पर उपजिलाधिकारी घोसी, सीओ सहित आला अधिकारियों ने चक्कजाम हटाने को कहा, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने। पुलिस का दबाव बढ़ने पर वह रामजानकी मंदिर के समीप झाड़ियों में छिप गए।
इसी बीच गोरखपुर की तरफ से मऊ आ रही काशी डिपो की बस पर पथराव कर दिया।
आजमगढ़-गोरखपुर मार्ग पर लाटघाट पुरानी सरयू नदी पुल पर शुक्रवार को सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं चक्काजाम कर दिया। जिससे आजमगढ़-गोरखपुर मार्ग पर आवागमन आधे घंटे तक ठप रहा। सूचना मिलते ही काफी संख्या में पुलिस बल, एसएसबी और सीआरपी के जवानों के साथ अधिकारी पहुंचे और युवाओं को हटाकर आवागमन शुरू कराया।
जौनपुर में सेना की तैयारी कर रहे सौ से अधिक युवाओं ने सुबह करीब नौ बजे वाजिदपुर तिराहे पर चक्काजाम कर दिया। ईंट और पत्थर सड़क पर रखकर आंदोलनकारी युवक नारेबाजी करने लगे।
उधर, कालीन नगरी भदोही में भी युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। सुरियावां से वाराणसी में आंदोलन करने जा रहे युवकों को पुलिस ने रोका तो तीखी नोकझोंक हुई। विरोध को देखते हुए भदोही, ज्ञानपुर रोड और घोसिया स्टेशन पर रेलवे पुलिस ने दूसरे दिन शुक्रवार को भी बिहार जाने वाली ट्रेनों की सघन तलाशी ली।
बता दें कि अग्निपथ योजना को लेकर उत्तर प्रदेश के 14 जिलों से हिंसा की घटनाएं हुई हैं। पूर्वांचल के अलावा अलीगढ़, आगरा, मथुरा जैसे शहरों आगजनी और पथराव की हुई हैं। इस बीच राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, अनुराग ठाकुर जैसे बीजेपी नेताओं ने बयान जारी कर विरोध कर रहे युवाओं से कहा है कि यह नियम उनके भले के लिए ही हैं, जैसा उन्होंने सीएए या कैसा आंदोलन के दौरान किया था।
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