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अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण का वादा लेकिन भूतपूर्व सैनिकों के लिए अब तक क्या मिला?

आंकड़ें बताते हैं कि बैंकों, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल, सरकारी कंपनियों और केन्द्रीय विभागों में कुल पदों की संख्या 32 लाख 16 हजार 694 हैं, जिनमे से भूतपूर्व सैनिको के लिए 4 लाख 13 हजार 688 पद आरक्षित हैं। इनमें से केवल 80 हजार 104 पदों पर ही भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती हुई है।
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'प्रतीकात्मक फ़ोटो' साभार: रॉयटर्स

बैंक, केंद्रीय सशस्त्र बल, सरकारी कंपनी और केंद्रीय विभागों के कुल 268 विभागों में भूतपूर्व सैनिकों के लिए अलग-अलग मात्रा में आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। इसमें से तकरीबन 148 विभागों यानी 55 फीसदी विभागों के साल 2021 तक की आकड़ों की जानकारी रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से मिलती है। इन आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि बैंकों, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल, सरकारी कंपनियों और केन्द्रीय विभागों में भूतपूर्व सैनिकों की ज्यादातर आरक्षित पदों पर कमी है।

जिन सरकारी विभागों में भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गयी है, वहां कुल पदों की संख्या 32 लाख 16 हजार 694 हैं। इनमें से भूतपूर्व सैनिको के लिए 4 लाख 13 हजार 688 पदों पर आरक्षण हैं। इनमें से केवल 80 हजार 104 पदों पर ही भूतपूर्व सैनिको की भर्ती हुई है।

हाल ही में रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने अग्निवीरों के 4 साल पूरे होने के बाद अपने मंत्रालयों में 10 फ़ीसदी आरक्षण देने का वादा किया हैं। आपको बता दें  कि पिछले कुछ दिनों से देश के युवा सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध करें रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के चलते कई जगहों पर विरोध प्रर्दशन काफी उग्र हो गया है। सरकार ने युवाओं को समझानें और रिझाने के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण देने का वादा किया है।

पिछले 2 साल से आर्मी की भर्तियाँ ही नहीं हुई है।  रक्षा राज्य मंत्री द्वारा बताया गया है कि 2020-21 में आर्मी की 97 रैलियां आयोजित होनी थी, जिनमें से 47 रैलियों को आयोजित किया गया और मात्र 4 रैलियों की ही परीक्षा कराई गयी। वहीं 2021-22 में 47 रैलियां आयोजित होनी थी, जिनमें से एक भी रैली का आयोजन नहीं कराया गया था। जिसके चलते युवाओं में सरकार के प्रति काफ़ी रोष था, अग्निवीर योजना के आने से पहले ही युवा,आर्मी की भर्तियों के लिए जगह-जगह अपनी आवाज उठा रहे थे, और कई युवा तो भर्तियों का इंतजार करते-करते ओवर ऐज हो चुके है।

हाल ही में सरकार द्वारा अग्निपथ योजना को लागू करने से युवाओं का गुस्सा और ज्यादा बढ़ गया है, जिसके चलते युवा उग्र हो गए हैं। जिसका परिणाम जगह-जगह देखने को मिला है। इस बीच सरकार ने युवाओं को रिझानें के लिए 4 साल के बाद मंत्रालयों में 10 फ़ीसदी आरक्षण देने का वादा की किया है | राजनाथ सिंह ने ट्वीट के माध्यम से अग्निवीरों को रक्षा मंत्रालय में 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है, साथ ही इंडियन कोस्ट गार्ड और डिफेंस सिविलियन पोस्ट के साथ डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग की 16 कंपनियों में भी अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। वहीं गृह मंत्रालय ने भी अग्निवीरों के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स की भर्तियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है। साथ ही आयु में 3 से 5 साल की राहत देने का ऐलान भी किया गया है।  

अब मसाला यह है कि सरकार युवाओं से जो वादा कर रही है, उसमें कितनी सच्चाई है ? सरकार ने कितने भूतपूर्व सैनिको को अब तक नौकरियां उपलब्ध कराई हैं ? पुनर्वास महानिदेशालय द्वारा प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि सरकारी बैंकों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, सरकारी कंपनियों और केंद्रीय विभागों में बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिको के पद ख़ाली पड़े हुए हैं |

सरकारी कंपनियों में भूतपूर्व सैनिको के पद की स्थिति

सरकारी कंपनियों में Group-C और Group-D में भूतपूर्व सैनिकों के लिए क्रमश 14.5 और 24.5 फ़ीसदी आरक्षण है। 30 जून 2021 तक 170 सरकारी कंपनियों में से 94 सरकारी कंपनियों में कुल कर्मचारियों और भूतपूर्व सैनिको के पदों जानकारी ही उपलब्ध हैं जबकि 76 सरकारी कंपनियों की जानकारी उपलब्ध नहीं हैं |

94 सरकारी कंपनियों में Group-C के कुल पदों की संख्या 2,72,848 हैं, जिनमें से 1.15 फ़ीसदी यानी 3,138 भूतपूर्व सैनिको को ही नौकरियां दी गयी हैं जबकि 13.35 फ़ीसदी यानी 36,424 भूतपूर्व सैनिकों की कमी हैं |

वही Group-D के कुल पदों की संख्या 1,34,733 हैं, जिनमे से 0.30 फ़ीसदी यानी 404 भूतपूर्व सैनिको को ही नौकरियां दी गयी हैं, जबकि 24.20 फ़ीसदी यानी 32,605 भूतपूर्व सैनिको की कमी हैं |

बैंकों में भूतपूर्व सैनिकों के पद की स्थिति :

बैंकों में भूतपूर्व सैनिकों के लिए Group-C में 14.5 फ़ीसदी पदों पर आरक्षण है। 30 जून 2021 की जानकारी के अनुसार, बैंको में Group-C के कुल पदों की संख्या 2,71,714 हैं, जिनमे से 9.10 फ़ीसदी यानी 24,733 भूतपूर्व सैनिको को ही नौकरियां दी गयी हैं जबकि 5.40 फ़ीसदी यानी 14,669 भूतपूर्व सैनिको की कमी हैं।  

Group-D में भूतपूर्व सैनिको के लिए 24.5 फ़ीसदी पदों पर आरक्षण हैं।  बैंकों में Group-D के कुल पदों की संख्या 1,07,009 हैं, जिनमे से 21.34 फ़ीसदी यानी 22,839 भूतपूर्व सैनिको को नौकरियां दी गयी हैं जबकि 3.16 फ़ीसदी यानी 3,378 भूतपूर्व सैनिको की कमी हैं।  

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में भूतपूर्व सैनिकों के पद की स्थिति

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों यानी RPF, BSF, CRPF, SSB, CISF, ITBP, ARSFF में भूतपूर्व सैनिको के लिए Group-A में 10, Group-B में 10, Group-C में 10 और Group-D में 20 फीसदी पदों पर आरक्षण हैं |

30 जून 2021 की जानकारी के अनुसार, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में Group-A के कुल पदों की संख्या 76,681 हैं, जिनमे से मात्र 2.20 फीसदी यानी 1,687 भूतपूर्व सैनिको की भर्ती की गयी हैं जबकि 7.80 फ़ीसदी यानी 5,981 भूतपूर्व सैनिको की कमी हैं |

Group-B के कुल पदों की संख्या 61,650 हैं।  जिनमे मात्र 0.87 फीसदी यानी 539 भूतपूर्व सैनिको की भर्ती की गयी हैं. जबकि 9.13 फ़ीसदी यानी 5,626 भूतपूर्व सैनिको की कमी हैं |

Group-C के कुल पदों की संख्या 8,81,397 हैं।  जिनमे मात्र 0.47 फीसदी यानी 4,146 भूतपूर्व सैनिको की भर्ती की गयी हैं जबकि 9.53 फ़ीसदी यानी 83,993 भूतपूर्व सैनिको की कमी हैं |

केंद्र सरकार के विभागों में भूतपूर्व सैनिको के पद की स्थिति :

केंद्र सरकार के विभागों में Group-C और Group-D में भूतपूर्व सैनिको के लिए क्रमश 10 और 20 फ़ीसदी पदों पर आरक्षण हैं। केंद्र सरकार के 77 विभागों में से 34 विभागों की जानकारी ही उपलब्ध कराई गयी हैं जबकि 43 विभागों की जानकारी उपलब्ध नहीं हैं।

30 जून 2021 तक मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार के 34 विभागों में Group-C के कुल पदों की संख्या 10,84,705 हैं। जिनमें से 1.29 फ़ीसदी यानी 13,976 भूतपूर्व सैनिकों को ही नौकरियां दी गयी हैं ,जबकि 8.71 फ़ीसदी यानी 94,494 भूतपूर्व सैनिको की कमी हैं।  

साथ ही Group-D के कुल पदों की संख्या 3,25,265 हैं, जिनमें से 2.66 फ़ीसदी यानी 8,642 भूतपूर्व सैनिको को नौकरियां दी गयी हैं जबकि 17.34 फ़ीसदी यानी 56,411 भूतपूर्व सैनिकों की कमी हैं।  

आंकड़ों में साफ़ दिखाई देता हैं कि बैंकों, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल, सरकारी कंपनियों और केन्द्रीय विभागों में जो पद भूतपूर्व सैनिको के लिए आरक्षित हैं, उनमे से ज्यादातर पदों पर भूतपूर्व सैनिको की कमी देखी गयी हैं। अब सरकार जो वादा कर रही है, वह किस हद तक सही होगा यह कह पाना मुश्किल है।

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