'कला' किसी भी धर्म और जाति से परे है : केरल के मुख्यमंत्री विजयन
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को कहा कि कला किसी भी धर्म या जाति से परे है और सभी को बिना किसी भेदभाव या मतभेद के इसका आनंद लेना चाहिए।
विजयन ने 61वें केरल स्कूल कला महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद यह बात कही। इस महोत्सव को स्कूल से संबंधित एशिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में जाना जाता है।
इस कार्यक्रम में अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि महोत्सव राज्य और देश में विविध कला रूपों का आनंद लेने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए एक मंच होना चाहिए भले ही उनकी धार्मिक या जातीय पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
विजयन ने कहा, “यह महोत्सव प्रतिभागियों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने और एक-दूसरे तथा दर्शकों में मौजूद लोगों का मनोरंजन करने के लिए एक मंच है, चाहे उनका धर्म या जाति कुछ भी हो। कला किसी भी धर्म या जाति से परे है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “इसलिए, राज्य में एकता सुनिश्चित करने के लिए सभी को महोत्सव का आनंद लेना चाहिए और इसे देखना चाहिए। तभी हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि केरल शांति, ख़ुशहाली और धर्मनिरपेक्षता का केंद्र बना रहे।”
मुख्यमंत्री ने 14,000 से अधिक प्रतिभागियों से कहा कि हर कोई जीत नहीं सकता है और इसलिए इस कार्यक्रम में भाग लेने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।