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असम ईवीएम विवाद: निर्वाचन अधिकारी और तीन अन्य अफ़सर निलंबित, एक मतदान केन्द्र पर पुनर्मतदान के आदेश

असम में चुनाव आयोग की भूमिका पर एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं। ‘समाचार की शक्ल में जीत के विज्ञापन’ देने के मामले में बीजेपी के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई न करने के आरोप झेल रहे आयोग के अधिकारी अब बीजेपी उम्मीदवार की गाड़ी में ईवीएम ले जाते ‘पकड़े’ गए हैं!
असम ईवीएम विवाद

असम में बीजेपी के एक उम्मीदवार की गाड़ी से ईवीएम लेकर जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस एक घटना ने एक बार फिर चुनाव आयोग को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पिछले दिनों पहले दौर के मतदान के बाद बीजेपी द्वारा पूरे राज्य के अख़बारों में जीत के ख़बरनुमा विज्ञापन देने को लेकर भी चुनाव आयोग पर सवाल उठे थे कि उसने बीजेपी की बजाय केवल अख़बारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अब दूसरे दौर के मतदान के बाद तो निर्वाचन अधिकारी ईवीएम लेकर एक बीजेपी नेता की गाड़ी में ही जाते नज़र आए।

हालांकि इस घटना पर सवाल उठने पर चुनाव आयोग ने निर्वाचन अधिकारी और तीन अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और साथ ही असम के रतबाड़ी विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केन्द्र पर दोबारा मतदान कराने का आदेश दिया है।

चुनाव आयोग ने कहा, ‘‘ ईवीएम की सील हालांकि सही थी, लेकिन फिर भी रतबाड़ी (सु) एलएसी1 के मतदान केन्द्र संख्या- 149 इंदिरा एमवी स्कूल में दोबारा मतदान कराने का फैसला किया गया है।

दरअसल असम के करीमगंज जिले में कांग्रेस और एआईयूडीएफ के कुछ समर्थकों ने ईवीएम को भाजपा के एक उम्मीदवार के वाहन में ले जाए जाते हुए देखा था, जिसके बाद बृहस्पतिवार रात यहां हिंसा भड़क गई थी।, पुलिस को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हवा में गोलियां भी चलानी पड़ी थीं।

भाजपा उम्मीदवार की कार में ईवीएम मिलने के बाद असम के करीमगंज में हिंसा

करीमगंज (असम): असम के करीमगंज जिले में बृहस्पतिवार रात ईवीएम को स्ट्रांग रूम तक पहुंचाने के लिए भाजपा उम्मीदवार के वाहन का इस्तेमाल होते देख भीड भड़क उठी और हिंसा हुई जिसके बाद पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए हवा में गोलियां चलायी।

अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह बताया कि रतबाड़ी निर्वाचन क्षेत्र में इंदिरा एम वी स्कूल के निर्वाचन दल का वाहन करीमगंज शहर में स्ट्रांग रूम तक जाने के दौरान खराब हो गया।

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘उन्होंने एक निजी वाहन की मदद ली। संयोग से यह वाहन पत्थरकांडी के निवर्तमान भाजपा विधायक कृष्णानेंदु पॉल के नाम पर पंजीकृत था। वाहन के निमल बाजार क्षेत्र में पहुंचने पर कुछ लोगों ने इसे देखा।’’

पॉल इस बार पत्थरकांडी से भाजपा के उम्मीदवार हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भीड़ में मुख्य रूप से एआईयूडीएफ और कांग्रेस के समर्थक थे। भीड़ ने वाहन से तोड़फोड़ की जिसके बाद निर्वाचन दल को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) छोड़कर वहां से जाना पड़ा।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ‘‘उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक तुरंत मौके पर पहुंचे और भीड़ को शांत करने की कोशिश की। लेकिन भीड़ जब नहीं मानी तो उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलायी।’’

उन्होंने बताया कि उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक इसके बाद ईवीएम को रात में पत्थरकांडी थाना ले गए जहां से इसे करीमगंज में स्ट्रांग रूम में जमा कराया गया।

रतबाड़ी और पत्थरकांडी निर्वाचन क्षेत्र में दूसरे चरण में बृहस्पतिवार को मतदान हुआ।

चुनाव आयोग निर्णायक कदम उठाए, सभी राष्ट्रीय दल ईवीएम के उपयोग का पुनर्मूल्यांकन करें: कांग्रेस

कांग्रेस ने असम में भाजपा के एक विधायक के वाहन से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मिलने के बाद शुक्रवार को निर्वाचन आयोग को निशाने पर लिया और कहा कि इस पर आयोग को निर्णायक कदम उठाने चाहिए तथा सभी राष्ट्रीय दलों को ईवीएम के उपयोग का ‘गंभीर पुनर्मूल्यांकन’ करने की जरूत है।

मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि अगर चुनाव आयोग मूक बना रहता है तो यह लोकतंत्र के लिए घातक होगा।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर उस वक्त निशाना साधा है जब सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक निजी वाहन में ईवीएम रखे होने और यह वाहन भाजपा के एक विधायक का होने का दावा किया गया है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने इस मामले पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘‘चुनाव आयोग की गाड़ी ख़राब, भाजपा की नीयत ख़राब, लोकतंत्र की हालत ख़राब!’’

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक खबर का हवाला देते हुए चुनाव आयोग पर निशाना साधा और कटाक्ष करते हुए सवाल पूछा कि इस मामले में क्या पटकथा लिखी गई थी?

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘क्या स्क्रिप्ट है? चुनाव आयोग की गाड़ी खराब हुई, तभी वहां एक गाड़ी प्रकट हुई। गाड़ी भाजपा के प्रत्याशी की निकली। मासूम चुनाव आयोग उसमें बैठ कर सवारी करता रहा। प्रिय चुनाव आयोग, माजरा क्या है? आप देश को इस पर कुछ सफाई दे सकते हैं? या हम सब मिलकर बोलें चुनाव आयोग की निष्पक्षता को वणक्कम?’’

इससे पहले प्रियंका ने घटना से संबंधित कथित वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘‘जब भी निजी वाहन में ईवीएम ले जाये जाने के वीडियो सामने आते हैं तो ये चीजें आम होती हैं कि वाहन सामान्यत: भाजपा उम्मीदवारों या उनके सहयोगियों का होता है, इन वीडियो को इकलौती घटना के तौर पर लिया जाता है और खारिज कर दिया जाता है। भाजपा अपनी मीडिया मशीनरी का इस्तेमाल कर उन लोगों को आरोपी बनाती है जिन्होंने इसका खुलासा किया होता है।

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि इस तरह की कई घटनाओं की सूचना दी जा रही है और उनके बारे में कुछ भी नहीं किया जा रहा है। चुनाव आयोग को इन शिकायतों पर निर्णायक रूप से कार्रवाई करने और सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा ईवीएम पर गंभीर पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।’’

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ईवीएम से जुड़ी जालसाजी हर तरफ देखने को मिलती है। असम में दूसरे चरण के मतदान के बाद भाजपा विधायक कृष्णेंद्रु पॉल की कार में ईवीएम मिली। क्या चुनाव आयोग को ईवीएम ले जाने के लिए भाजपा की जरूरत है?

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर चुनाव आयोग अब भी नहीं जागता है और खामोश बना रहा है या फिर ‘मिलीभगत’ करता है तो यह लोकतंत्र के लिए घातक है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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