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जादू की सरकार: बिना एक नया पैसा खर्च किए मेजर ध्यानचंद के नाम पर पुरस्कार स्थापित

यह किसी चमत्कार से कम नहीं है कि बिना एक नया पैसा खर्च किए आपको कई नए शहर, सड़कें और रेलवे स्टेशनों के बाद अब नया खेल रत्न पुरस्कार भी मिल गया!
जादू की सरकार: बिना एक नया पैसा खर्च किए मेजर ध्यानचंद के नाम पर पुरस्कार स्थापित

कई नए शहर, रेलवे स्टेशन, सड़कें बनाने के बाद अब मोदी सरकार नए-नए पुरस्कार स्थापित कर रही है, जिससे खेलों को बहुत बढ़ावा मिलेगा! जी हां, और इस सब में देश या सरकार का एक नया पैसा भी खर्च नहीं होगा। आपको यकीन नहीं। यही तो चमत्कार है। हल्दी लगे न फिटकरी, रंग चोखा ही चोखा। जी हां, बेवजह पैसा खर्च करके नए शहर या सड़कें बनाने से बेहतर है उनका नाम बदल दीजिए, इसी तरह नए पुरस्कार में खर्च करने की बजाय उनका नाम बदल दीजिए। हो गए एक पंथ दो काज। आपको नया पुरस्कार मिल गया, मोदी जी को प्रचार और एक धेला भी खर्च नहीं हुआ। यही तो जादू है, जादू की सरकार है।  

पीटीआई-भाषा की ख़बर के अनुसार भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार का नाम अब राजीव गांधी खेल रत्न नहीं बल्कि मेजर ध्यानचंद खेल रत्न होगा। भारतीय हॉकी टीमों के टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद इस सम्मान का नाम महान हॉकी खिलाड़ी के नाम पर रखने का फैसला लिया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें देशवासियों के अनुरोध मिल रहे हैं कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा जाये।

मोदी ने ट्वीट किया ,‘‘ देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाये। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है। ’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों के प्रदर्शन ने पूरे देश को रोमांचित किया है। उन्होंने कहा कि अब हॉकी में लोगों की दिलचस्पी फिर से बढ़ी है जो आने वाले समय के लिये सकारात्मक संकेत है।

खेल रत्न सम्मान के तहत 25 लाख रुपये नकद पुरस्कार दिया जाता है।

खेल रत्न पुरस्कार मेजर ध्यानचंद के नाम पर करने का स्वागत : कांग्रेस

कांग्रेस ने ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ का नाम ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ किये जाने के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया और साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर महान हॉकी खिलाड़ी के नाम का उपयोग अपने राजनीतिक उद्देश्य के लिए करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम एवं दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम का नाम भी बदला जाना चाहिए।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी देश के नायक हैं जो किसी पुरस्कार से नहीं, बल्कि अपनी शहादत, विचार और आधुनिक भारत के निर्माण के लिए जाने जाते हैं। सुरजेवाला ने कहा, ‘‘राजीव गांधी इस देश के लिए नायक थे, हैं और रहेंगे।’’

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के प्रति सम्मान प्रकट करने का कांग्रेस स्वागत करती है। लेकिन नरेंद्र मोदी जी उनका नाम अपने छोटे राजनीतिक उद्देश्यों के नहीं घसीटते तो अच्छा होता। बहरहाल, हम मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखने का स्वागत करते हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ओलंपिक वर्ष में जब खेल का बजट घटा दिया गया तो नरेंद्र मोदी जी ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं। कभी किसानों की समस्या से तो कभी जासूसी के मामले से और कभी महंगाई से ध्यान भटका रहे हैं।’’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘अब हमें उम्मीद है कि देश के खिलाड़ियों के नाम पर और स्टेडियम एवं योजनाओं का नाम रखा जाएगा। सबसे पहले नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदल दीजिए, अरुण जेटली स्टेडियम का नाम बदल दीजिए, भाजपा नेताओं के नाम से निर्मित स्टेडियम के नाम बदल दीजिए। अब पीटी ऊषा, मिल्खा सिंह, सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, अभिनव बिंद्रा, लिएंडर पेस, पुलेला गोपीचंद और सानिया मिर्जा के नाम पर स्टेडियम के नाम रखिये।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘मोदी जी बड़ी लकीर खींचना नहीं जानते। वह दूसरों की लकीर मिटाना चाहते हैं।’’

खेल रत्न पुरस्कार को ध्यानचंद के नाम पर करने का खेल जगत ने किया स्वागत

भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार का नाम राजीव गांधी खेल रत्न की जगह मेजर ध्यानचंद खेल रत्न रखने के फैसले का खेल जगत ने स्वागत किया है।

ध्यानचंद को महानतम हॉकी खिलाड़ी माना जाता है। हॉकी के इस जादूगर ने अपने 1926 से 1949 तक के करियर के दौरान 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक का शीर्ष खिताब हासिल किया था।

उनकी जयंती के उपलक्ष्य में 29 अगस्त को देश का राष्ट्रीय खेल दिवस भी मनाया जाता है।

विश्व चैंपियनशिप में भारत की एकमात्र एथलेटिक्स पदक विजेता और यह पुरस्कार 2003 में हासिल करने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा कि खेल पुरस्कारों के नाम खिलाड़ियों के नाम पर रखे जाने चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह सही समय है जब हम अपने खेल पुरस्कारों का नाम अपने खेल के दिग्गजों के नाम पर रखें। यह सही कदम है। ध्यानचंद हमारे खेल नायक और हॉकी के दिग्गज हैं और हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है। यह उचित ही है कि देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम ध्यानचंद के नाम पर ऐसे समय रखा गया है जब भारत ने 41 साल बाद (हॉकी में) ओलंपिक पदक जीता है।’’

इस फैसले की सराहना करते हुए पूर्व हॉकी कप्तान अजीतपाल सिंह ने कहा कि हालांकि पहचान देर से मिली लेकिन देर आये दुरुस्त आये।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक स्वागत योग्य कदम है। यह एक अच्छा निर्णय है जो प्रधानमंत्री ने लिया है। खेल पुरस्कार हमेशा खिलाड़ियों के नाम पर होने चाहिए और ध्यानचंद जी से बड़ा देश में कोई खिलाड़ी नहीं है। यह मान्यता देर से मिली, लेकिन कभी नहीं से बेहतर है कि देर से मिली।’’

ओलंपिक कांस्य पदक मुक्केबाज विजेन्दर सिंह ने कहा कि ध्यानचंद जी को सम्मान देना अच्छी बात है लेकिन यह देश में खेलों के स्तर को उठाने के लिए काफी नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘ इस कदम के खिलाफ कुछ भी नहीं है क्योंकि हम सभी ध्यानचंद जी के अपार योगदान का सम्मान करते हैं लेकिन सरकार को खिलाड़ियों का समर्थन करने के लिए इससे कुछ ज्यादा करना चाहिए। उन्हें बुनियादी स्तर पर सुविधाओं की जरूरत है, जब तक हम ऐसा नहीं कर सकते, केवल पुरस्कारों का नाम बदलने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।’’

ध्यानचंद को ‘‘भारत रत्न’’ दिए जाने में अब बिल्कुल देर नहीं की जानी चाहिए : मीररंजन नेगी

इंदौर (मध्य प्रदेश): भारत के पूर्व हॉकी गोलकीपर मीररंजन नेगी ने देश के सर्वोच्च खेल सम्मान का नाम “राजीव गांधी खेल रत्न” से बदलकर “मेजर ध्यानचंद खेल रत्न” किए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार की बड़ी घोषणा का स्वागत किया।

हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘हॉकी के जादूगर’’ के नाम से मशहूर ध्यानचंद को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘‘भारत रत्न’’ से मरणोपरांत नवाजे जाने में अब कतई देर नहीं की जानी चाहिए।

नेगी ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ‘‘खेल रत्न सम्मान का नाम मेजर ध्यानचंद पर किया जाना देश के हॉकी क्षेत्र के लिए सरकार का बहुत बड़ा कदम है। अब अगर ध्यानचंद को (मरणोपरांत) भारत रत्न से भी नवाज दिया जाए, तो सोने पर सुहागा हो जाएगा और इस काम में अब बिल्कुल भी देर नहीं की जानी चाहिए।’’

शाहरुख खान की प्रमुख भूमिका वाली फिल्म "चक दे इंडिया" (2007) से नयी ख्याति पाने वाले पूर्व गोलकीपर ने कहा, ‘‘टोक्यो ओलंपिक में महिला और पुरुष, दोनों वर्गों में भारतीय हॉकी टीमों के जुझारू और शानदार प्रदर्शन से खेल के पक्ष में देश भर में बहुत अच्छा माहौल बन गया है। सरकार को ध्यानचंद को भारत रत्न प्रदान करने का इससे अच्छा मौका दोबारा नहीं मिलेगा। इससे पूरी दुनिया में भारतीय हॉकी का मान बढ़ेगा।”

ऐतिहासिक प्रदर्शन कर पहली बार ओलंपिक सेमीफाइनल तक पहुंची भारतीय महिला हॉकी टीम के ब्रिटेन से 3-4 से हारकर कांस्य पदक से चूकने पर नेगी ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक के इस मैच में भारतीय टीम को भले ही पराजय का मुंह देखना पड़ा हो। लेकिन उसने अपने जुझारूपन से पूरे देश का दिल जीत लिया है।

नेगी ने कहा, ‘‘रियो के पिछले ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली ब्रिटेन की महिला हॉकी टीम में बेहद अनुभवी खिलाड़ी हैं। लेकिन भारतीय महिला टीम ने शुरुआत में दो गोल से पिछड़ने के बावजूद मुकाबले में शानदार वापसी की और यह प्रदर्शन सच्चे खिलाड़ियों के अदम्य जज्बे को दर्शाता है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि टोक्यो ओलंपिक में भारत की नुमाइंदगी करने वाली महिला और पुरुष टीमों के खिलाड़ियों के स्वागत व सम्मान में पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। इसके साथ ही, अलग-अलग प्रदेशों की टीमों के साथ दोनों ओलंपिक दलों के दोस्ताना मुकाबले आयोजित किए जाने चाहिए।

नेगी ने कहा, ‘‘भारतीय हॉकी के पक्ष में बने जबर्दस्त माहौल को भुनाने के लिए इन ओलंपिक खिलाड़ियों के देश भर में रोड शो कराते हुए इन्हें नायकों की तरह पेश किया जाना चाहिए। इससे हॉकी को बहुत फायदा मिलेगा और कई युवा हॉकी खेलने के लिए प्रेरित होंगे।’’

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