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सीतापुर जेल भेजे गए आज़म, उनकी पत्नी और बेटा

जेल के सूत्रों ने बताया कि आज़म, उनके बेटे तथा पत्नी को आज अलसुबह सीतापुर जेल स्थानांतरित कर दिया गया। वे मामले की अगली सुनवाई यानी दो मार्च तक सीतापुर जेल में ही रहेंगे। 
Azam, his wife and son sent to Sitapur jail
फाइल फोटो

सीतापुर (उत्तर प्रदेश): रामपुर से समाजवादी पार्टी सांसद आज़म खान, उनकी विधायक पत्नी और बेटे को गुरुवार सुबह सीतापुर जिला जेल स्थानांतरित कर दिया गया। 

जेल के सूत्रों ने बताया कि आज़म, उनके बेटे तथा पत्नी को आज अलसुबह सीतापुर जेल स्थानांतरित कर दिया गया। वे मामले की अगली सुनवाई यानी दो मार्च तक सीतापुर जेल में ही रहेंगे। 

रामपुर की एक अदालत ने बुधवार को रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आज़म, रामपुर सदर सीट से विधायक उनकी पत्नी तजीन फातिमा और स्वार सीट से सपा विधायक रहे उनके पुत्र अब्दुल्ला को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में दो मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए थे। 

आज़म ने यहां संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत में कहा कि पूरा मुल्क जानता है कि उनके साथ क्या हो रहा है। 

सीतापुर जेल स्थानांतरित किए जाने की वजह के बारे में पूछे जाने पर आज़म ने कहा कि यह सरकार का फैसला है।

आज़म, उनकी पत्नी तजीन और पुत्र अब्दुल्ला ने अपर जिला न्यायाधीश—6 (एमपी, एमएलए) धीरेन्द्र कुमार की अदालत में बुधवार को समर्पण किया था जहां से तीनों को दो मार्च तक के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। 

अदालत ने गत 24 फरवरी को आज़म खां परिवार की अग्रिम जमानत की याचिका ठुकरा दी थी और उसकी सम्पत्ति की कुर्की का आदेश देते हुए गैर—जमानती वारंट भी जारी किया था।

गौरतलब है कि विशेष एमपी—एमएलए कोर्ट ने गत मंगलवार को तीनों के कुर्की वारंट के साथ ही गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किए थे।

भाजपा के स्थानीय नेता आकाश सक्सेना ने पिछले साल दर्ज कराये गये मामले में अब्दुल्ला के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाये जाने का आरोप लगाया था। एक प्रमाण पत्र रामपुर से तो दूसरा लखनऊ से जारी किया गया है। जांच में आरोप सही पाये गये।

रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में अब्दुल्ला की जन्मतिथि एक जनवरी 1993 लिखी है। वहीं दूसरे प्रमाणपत्र में उनका जन्मस्थान लखनऊ दिखाया गया है और उनकी जन्मतिथि 30 सितम्बर 1990 लिखी है।

आरोप है कि आज़म और उनकी पत्नी तजीन ने साजिश करके अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाये।

अदालत ने इस मामले में पेश होने के लिये कई बार समन जारी किये लेकिन आज़म खां और उनका परिवार हाजिर नहीं हुआ। उसके बाद अदालत ने कुर्की और गैरजमानती वारंट जारी किया था।

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