जेएनयू के समर्थन में बीएचयू : छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस वृद्धि पर छिड़ा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। एक ओर जहां जेएनयू प्रशासन ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है तो वहीं अब जेएनयू छात्रों के समर्थन और उनके साथ हुए पुलिसिया दमन के खिलाफ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्र भी सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
मंगलवार, 12 नवंबर को बीएचयू के छात्रों ने जेएनयू के छात्रों के अंदोलन का समर्थन करते हुए लंका गेट पर प्रदर्शन किया। इसके बाद छात्रों ने रविदास गेट होते हुए महिला महाविद्यालय तक विरोध मार्च भी निकाला। इस दौरान छात्रों ने केंद्र सरकार पर छात्र विरोधी नीतियों को लेकर जमकर निशाना साधा और नारेबाजी भी की।
प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा कि मौजूदा सरकार देश के तमाम सरकारी शिक्षण संस्थानों का निज़ीकरण करना चाहती है। सरकार शिक्षा के अधिकार को केवल अमीरों तक सीमित रखना चाहती है इसलिए लगातार विश्वविद्यालयों की फीस में बेतहाशा बढ़ोतरी की जा रही है ताकि वंचित, शोषित और गरीब परिवारों के बच्चें न पढ़-लिख सकें।
बीएचयू छात्र और एनएसयूआई छात्र नेता विकास सिंह के अनुसार बुधवार 13 नवंबर को भी बीएचयू के छात्र जेएनयू, आईआईटी बीएचयू समेत सभी प्राविधिक संस्थानों, उत्तराखंड के मेडिकल कालेजों समेत देश के तमाम उच्च शिक्षण संस्थानों में हुई फीस वृद्धि और आंदोलनरत छात्रों के ऊपर हुए बर्बर लाठीचार्ज, पुलिसिया दमन के खिलाफ शाम 5बजे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार लंका गेट पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बीएचयू के छात्र विवेक अग्निहोत्री ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा, ‘हम जेएनयू के छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हैं। हम सरकार और पुलिस की दमनकारी नीतियों का विरोध करते हैं। हम छात्रों से प्रशासन सीधा संवाद क्यों नहीं करता, क्यों हमारी आवाजों को सड़क पर उतरने से पहले नहीं सुना जा सकता'।
प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं का कहना है कि पुलिस ने जिस तरह छात्र-छात्राओं पर लाठी चार्ज किया है और उन पर वॉटर केनन का इस्तेमाल हुआ है ये बेहद निंदनीय है। 'हम सब छात्र हैं, कोई मुज़रिम नहीं'। लड़कियों के साथ बहुत बदसुलूकी हुई है, कहां है महिला सशक्तिकरण की बात करने वाले हमारे नेता।'
बीएचयू के छात्र प्रवीण कुमार का कहना है, ‘ हमारी मांग है कि निरंतर हो रही फीस वृद्धि को वापस लिया जाए और गरीब छात्रों को पढ़ाई का उचित माहौल प्रदान किया जाए। जब जेएनयू प्रशासन खुद मानता है कि वहां लगभग 40 प्रतिशत छात्र निम्न आय वर्ग से आते हैं तो प्रशासन कैसे हॉस्टल की फीस इतनी बढ़ा सकता है?’
पीएचडी की पढ़ाई कर रहे छात्र आकाश ने बताया, 'काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में भी सेल्फ फाइनांस कोर्स तथा पेड सीट के नाम पर अत्यधिक फीस ली जा रही है। हमारी मांग है की इसे खत्म कर बाकी कोर्स के बराबर फीस को किया जाए। सरकार इस तरह के कदम से देश के गरीब, दलित एवं वंचित तबके के छात्रों को उच्चतर शिक्षा से दूर कर रही है।
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गौरतलब है कि हॉस्टल फीस वृद्धी को लेकर जेएनयू के छात्र बीते 28 अक्तूबर से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार, 11 नवंबर, जेएनयू के दीक्षांत समारोह के दिन कैंपस के बाहर छात्रों के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा की गई कार्रवाई के बाद अब छात्र बड़े प्रदर्शन की तैयारी में हैं। जेएनयू छात्र 14 नवंबर को नेशनल प्रोटेस्ट डे के तौर पर मनाने जा रहे हैं। जिसे देशभर के छात्र संगठनों द्वारा समर्थन मिल रहा है।
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