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IIT-BHU गैंगरेप मामलाः सैंड आर्ट के ज़रिए छात्रों ने पीड़िता के लिए मांगा इंसाफ़

“गैंगरेप के अभियुक्तों को गिरफ़्तार करने में पुलिस ने आख़िर दो महीने का वक़्त क्यों लगाया? तीनों को बचाने के लिए किसका दबाव था?”
IIT BHU

आईआईटी-बीएचयू में बीटेक छात्रा के साथ गैंगरेप मामले में बीएचयू के दृश्य कला विभाग के छात्रों ने सैंड आर्ट के जरिये पीड़िता के लिए इंसाफ मांगा। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) की बीएचयू शाखा के आह्वान पर गंगा की रेत पर जुटे स्टूडेंट्स ने अभियुक्तों को फांसी और कथित तौर उन्हें पनाह देने वाले नेताओं के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की। इस मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपी भाजपा आईटी सेल के पदाधिकारी और सक्रिय सदस्य हैं।

आईआईटी-बीएचयू में छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले में मुख्य अभियुक्त कुणाल पांडेय, सक्षम पटेल और अभिषेक चौहान न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल में निरुद्ध हैं। बीजेपी के दिग्गज नेताओं के साथ इनके संबंध उजागर होने के बाद से विपक्ष हमलावर है। NSUI की बीएचयू शाखा की पहल पर गंगा रेत पर जुटे छात्रों ने सैंड आर्ट बनाया और अभियुक्तों को फांसी की सजा देने की मांग उठाई।

बीएचयू के दृश्य कला के स्टूडेंट्स राजीव नयन, सुमन आनंद, अक्षय, दीपक, रेहान, प्रियदर्शन, राहुल पाटेल, अनुराग आदि ने सैंड आर्ट बनाया और सरकार व पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़ा करते कहा कि, "गैंगरेप के अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में पुलिस ने आखिर दो महीने का वक्त क्यों लगाया? तीनों को बचाने के लिए किसका दबाव था? गैंगरेप का राज खुलने के बाद आरएसएस और बीजेपी के किन नेताओं व मंत्रियों के दबाव में अपराधियों को पकड़ने में हीलाहवाली कर रही थी। किन नेताओं ने बीजेपी के प्रचार के लिए तीनों को मध्य प्रदेश भेजा?"

एनएसयूआई बीएचयू इकाई के उपाध्यक्ष और दृश्य कला संकाय के छात्र शंभू ने कहा, "बनारस की कमिश्नरेट पुलिस ने आज तक अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर प्रेस ब्रीफ नहीं किया। पुलिस के अफसर इस मामले में कोई भी बयान देने से क्यों बच रहे हैं? जब आरोपियों की पहचान घटना के तीसरे दिन ही हो गई तो उन्हें घूमने की आजादी क्यों दी गई? बीएचयू के छात्र जब आंदोलन कर रहे थे तो समाजवादी पार्टी ने इस मामले को विधान परिषद और विधानसभा में क्यों नहीं उठाया। इस पार्टी के नेता अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाए हैं। इससे उनकी नीति और नीयत साफ-साफ परिलक्षित होती है। कितनी अजीब बात है कि अभियुक्तों को पनाह देने वाले बीजेपी के नेताओं पर पुलिस ने अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है। मामूली वारदातों पर अभियुक्तों के घर बुलडोज़र पहुंच जाता है, लेकिन इस मामले में योगी सरकार की चुप्पी समझ से परे है।"

शंभू ने यह भी कहा, "कमिश्नरेट पुलिस आखिर किन नेताओं और मंत्रियों के दबाव में अपराधियों को पकड़ने के बजाए मध्य प्रदेश में उनसे चुनाव प्रचार करा रही थी। गैंगरेप के इस मामले में पुलिस ने कोई कदम नहीं क्यों नहीं उठाया?" इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बीएचयू के छात्रों के सैंड आर्ट की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है।

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