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छत्तीसगढ़ में भाजपा की वापसी, एग्जि़ट पोल से पार्टी नेताओं में रहा डर

भाजपा ने 90 में से 54 सीटों पर जीत हासिल कर पांच साल बाद वापसी की है। वहीं, कांग्रेस को 35 सीटें मिली है।
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छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 90 में से 54 सीटों पर जीत हासिल कर पांच साल बाद वापसी की है। वहीं, कांग्रेस को 35 सीटें मिली है। राज्य में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एक सीट जीतने में सफल रही।

राज्य में 2018 में भाजपा को कांग्रेस के हाथों बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में कांग्रेस 35 सीटें जीतने में सफल रही, जो 2018 में मिली जीत से 33 कम है। एक सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को मिली है।

एग्जिट पोल में पिछड़ने की भविष्यवाणियों के विपरीत भाजपा ने इस चुनाव में अपनी सीटें 15 से बढ़ाकर 54 कर ली है।

2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद यह पहली बार है जब भाजपा को इतना बड़ा जनादेश मिला है तथा वह 50 सीटों से आगे निकल गई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाले 13 सदस्यीय मंत्रिमंडल के नौ सदस्य चुनाव हार गए हैं, जबकि बघेल (पाटन) और उनके तीन मंत्री कवासी लखमा (कोंटा), उमेश पटेल (खरसिया) और अनिला भेंडिया (डोंडी लोहारा) विजयी होने में कामयाब रहे।

राज्य विधानसभा के अध्यक्ष चरण दास महंत ने अपनी सक्ती सीट जीत ली है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को चित्रकोट सीट पर हार का सामना करना पड़ा।

भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (राजनांदगांव), राज्य भाजपा प्रमुख और पार्टी सांसद अरुण साव (लोरमी), केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह (भरतपुर-सोनहत), पार्टी सांसद गोमती साय (पत्थलगांव), पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साय (कुनकुरी) और पूर्व मंत्री जिनमें बृजमोहन अग्रवाल (रायपुर शहर दक्षिण), अजय चंद्राकर (कुरुद), पुन्नूलाल मोहिले (मुंगेली), अमर अग्रवाल (बिलासपुर), दयालदास बघेल (नवागढ़) और राजेश मूणत (रायपुर शहर पश्चिम) तथा पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी और नीलकंठ टेकाम चुनाव जीत गए हैं।

छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार को सर्वाधिक 67,719 मतों से हराया है।

इस जीत के साथ अग्रवाल लगातार आठवीं बार विधायक बन गए हैं।

इस विधानसभा चुनाव में अग्रवाल ने रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर 1,09,263 मत हासिल किए और कांग्रेस के महंत रामसुंदर दास को 67,919 मतों के अंतर से हराया। महंत को 41,544 मत मिले।

माना जा रहा है कि राजधानी रायपुर में कांग्रेस के पास अग्रवाल के कद का कोई नेता नहीं है। बृजमोहन अग्रवाल अपने निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं के साथ लगातार संपर्क में रहे हैं।

वहीं रायगढ़ सीट से ओपी चौधरी ने 64,443 मतों से जीत हासिल की है। चौधरी 90 सदस्यीय विधानसभा में दूसरे नेता हैं, जिन्होंने 50 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की है।

राज्य में इस चुनाव में अन्य उम्मीदवारों की तुलना में भाजपा के विजय शर्मा को सबसे अधिक 1,44,257 वोट मिले हैं।

शर्मा ने कवर्धा सीट पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मंत्री मोहम्मद अकबर को 39,592 वोटों के अंतर से हराया है।

वहीं कांकेर सीट पर भाजपा के आशाराम नेताम ने कांग्रेस उम्मीदवार शंकर ध्रुवा के खिलाफ सबसे कम 16 वोटों के अंतर से चुनाव जीता है।

पहली बार विधायक चुने गए नेताम को कुल 67,980 वोट मिले जबकि ध्रुवा को 67,964 वोट मिले।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री सिंह देव भी अंबिकापुर सीट पर भारतीय जनता पार्टी के राजेश अग्रवाल से 94 वोटों के मामूली अंतर से हार गए।

सिंहदेव को 90,686 वोट मिले जबकि अग्रवाल को 90,780 वोट मिले।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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