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काशी धर्म परिषद में बालकदास ने दिया विवादित बयान, कहा-जुमे की नमाज़ में ऐसा क्या पढ़ाया जाता है जो भीड़ हिंसा करने लगती है?

10 जून 2022 को नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान यूपी समेत देश के कई हिस्सों में हिंसा की वारदातें हुई थीं। शनिवार को बनारस के सुदामा कुटी में आयोजित काशी धर्म परिषद में कथित संतों ने हिंसक घटनाओं की निंदा तो की, लेकिन कई ऐसे प्रस्ताव पारित कर दिए जिससे विवाद थमने के बजाय भड़क सकता है।
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वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण से उपजे सांप्रदायिक माहौल के बीच बनारस में कुछ संतों ने काशी धर्म परिषद आयोजन कर समूचे विवाद को नए सिरे से हवा देने की कोशिश की। साथ ही यह कहकर नया विवाद खड़ा करने की कोशिश की गई कि जुमे की नमाज़ में ऐसा क्या पढ़ाया जाता है जो भीड़ हिंसक हो जाती है। साथ ही यह भी कहा ज्ञ है कि जिस मस्जिद के बाहर पथराव हो, उस पर ताला जड़ दिया जाना चाहिए।

10 जून 2022 को जुमे की नमाज के बाद यूपी समेत देश के कई हिस्सों में हिंसा की वारदातें हुई थीं। शनिवार को बनारस के सुदामा कुटी में आयोजित काशी धर्म परिषद में कथित संतों ने हिंसक घटनाओं की निंदा तो की, लेकिन कई ऐसे प्रस्ताव पारित कर दिए जिससे विवाद थमने के बजाय भड़क सकता है। धर्म परिषद में कुल 16 प्रस्ताव पारित किए गए और ऐलान किया गया जरूरत पड़ी तो संत सड़कों पर उतरेंगे। ज्ञानवापी मुद्दे से शुरू हुए विवाद के बीच भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान से भड़के दंगे में देश जल रहा है। ऐसे माहौल में पातालपुरी मठ के महंत बालकदास की अगुवाई में आयोजित काशी धर्म परिषद की बैठक में नूपुर शर्मा की तरफदारी की गई। साथ ही उन्हें दी जा रही धमकियों की भर्त्सना की गई है।

काशी धर्म परिषद के अध्यक्ष एवं वाराणसी स्थित पातालपुरी मठ के महंत बालकदास ने कहा, "जुमे की नमाज में आखिर ऐसा क्या पढ़ाया जा रहा है कि उसके बाद हिंसा हो जा रही है। संत समाज प्रदेश और देश में हो रही हिंसा से चिंतित है। हमारी मांग है कि अराजक तत्वों को गिरफ्तार किया जाए और जिस मस्जिद से पथराव हो उस पर ताला लटका दिया जाए। देश जल रहा है, हमारे मंदिर तोड़े जा रहे हैं। हमारे भगवान को रोजाना अपमानित किया जा रहा है। अब हम कानून के मार्ग पर चल कर ही ऐेसे हिंसक लोगों के खिलाफ कार्यवाई चाहते हैं। जरूरत पड़ी तो देश को इस संकट से बचाने के लिए संत समाज सड़कों पर उतरेगा। सभी पंथ, अखाड़ा व नागाओं से वार्ता कर शीघ्र ही बड़ा निर्णय लिया जाएगा।"

धर्म परिषद में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सदस्यों पर आरोप लगाया गया कि कि ज्ञानवापी में मिली शिवलिंगनुमा आकृति में जानबूझकर छेद किया गया है। मसाजिद कमेटी के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

काशी धर्म परिषद के आयोजन के बाद अंजुमन इंतज़ामिया मसाजिद कमेटी के सेक्रेटरी मोहम्मद यासीन ने न्यूजक्लिक से कहा, "जिस तरह का माहौल देश और प्रदेश में है, ऐसी स्थिति में तनाव बढ़ाने की कोशिश उचित नहीं है। ऐसे तत्वों पर सरकार को नजर रखनी होगी,  चाहे वह जिस धर्म और संप्रदाय के हों, उनके खिलाफ कानून कार्रवाई जरूर होनी चाहिए। तनावपूर्ण माहौल में यह सवाल खड़ना करना आग में घी डालने जैसा है कि मस्जिदों में ऐसा क्या पढ़ाया जाता है कि हिंसा भड़कने लगती है। मस्जिदों में तो सिर्फ नमाज पढ़ाई जाती है। नमाज पढ़ाई जाती है। हमें महजब के शान के खिलाफ क्यों गुस्ताखी करते हैं। मजहब कोई भी हो, उसके अराध्य के खिलाफ कोई अपशब्द बोलेगा, तो अनुयायी नाराज होंगे ही। भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के निलंबन से क्या होगा। उनके खिलाफ तो सख्त एक्शन होना चाहिए। बड़ा सवाल यह है कि नुपुर और जिंदल पर एक्शन लेने में सरकार हीला-हवाली क्यों कर रही है। इन्हें जेल में डाल दीजिए। जो लोग आज गुस्से में हैं, सब शांत हो जाएंगे। पुलिस को कहीं डंडा चलाने की नौबत ही नहीं आएगी।"

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