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ज्ञानवापी केसः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 20 जनवरी को होगी वजूखाने की सफाई

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि दोनों पक्ष के दो-दो प्रतिनिधि सील वजूखाना की साफ सफाई के दौरान मौके पर मौजूद रहेंगे। इसके अलावा डिस्ट्रिक कोर्ट ने मस्जिद परिसर में स्थित व्यासजी के तहखाने की देखरेख के लिए जिलाधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया है।
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उत्तर प्रदेश के बनारस स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में शनिवार, 20 जनवरी को वजूखाने की सफाई होगी। वजूखाने में मछलियां पाली गई थीं, जिनकी 12 से 25 दिसंबर, 2023 के बीच मौत हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि बनारस के जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की देखरेख में सफाई का काम किया जाएगा। शीर्ष अदालत के निर्देश पर पिछले साल वजूखाने को सील किया गया था। इस बीच, डिस्ट्रिक कोर्ट ने मस्जिद परिसर में स्थित व्यासजी के तहखाने की देखरेख के लिए जिलाधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया है। यह तहखाना मस्जिद के दक्षिणी छोर पर स्थित है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, ज्ञानवापी स्थित सील वजूखाना की सफाई 20 जनवरी 2024 को होगी। इसके लिए सुबह 09 से 11 बजे तक का समय तय किया गया है। कोर्ट के निर्देश पर जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी, हिन्दू पक्ष और पुलिस अफसरों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि दोनों पक्ष के दो-दो प्रतिनिधि सील वजूखाना की साफ सफाई के दौरान मौके पर मौजूद रहेंगे। कोई भी प्रतिनिधि वजूखाना की जाली के अंदर प्रवेश नहीं करेगा। सिर्फ सफाई कर्मचारी ही अंदर प्रवेश कर एहतियात बरतते हुए सफाई का काम करेंगे। इस दौरान वहां पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे। सील वजूखाने में कोई भी अनिधिकृत व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में मंगलवार को वजूखाने की सफाई के मामले की सुनवाई हुई। वजूखाने में मछलियों की मौत होने पर तीन जनवरी 2024 को हिन्दू पक्ष ने याचिका दायर की थी। कोर्ट ने जल्द सुनवाई का भरोसा दिया था। हिंदू पक्ष ने अपनी याचिका में कहा था कि वजूखाने की मछलियों की मौत 12 से 25 दिसंबर, 2023 के बीच हुई है। इसके चलते मस्जिद परिसर में बदबू फैल रही है। मरी हुई मछलियां वजूखाने में स्थित विवादित आकृति के पास मर कर सड़ रही हैं। 17 मई 2022 को वाराणसी कोर्ट ने इस वजूस्थल को सील करने का आदेश दिया था। तब से परिसर का यह एरिया सील है।

याचिका में कहा गया था कि मुस्लिम पक्ष के लोग जिसे फव्वारा बता रहे हैं, उसे हिन्दू पक्ष "शिवलिंग" मान रहा है और वह हिंदुओं के लिए बहुत पवित्र है। उसे किसी भी तरह की धूल, गंदगी और मरे हुए जानवरों से दूर रखना चाहिए। उसकी सफाई होनी चाहिए. मगर अभी वह मरी हुई मछलियों से घिरा हुआ है। इससे हिन्दू धर्मावलंबियों की भावनाएं आहत हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने दायर की थी।

याचिका में यह भी कहा गया था कि ज्ञानवापी के वजूखाने के प्रबंधन की जिम्मेदारी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी करती है। मछलियों के मारे जाने के लिए वही जिम्मेदार हैं। इसलिए वहां साफ सफाई होनी चाहिए। दूसरी ओर, मसाजिद कमेटी ने डिस्ट्रिक कोर्ट में एक याचिका दायर कर वजूखाने की सफाई के लिए अनुमति मांगी थी।

16 मई 2022 को, काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद में एक अदालत के आदेश पर सर्वेक्षण के दौरान, इस संरचना को हिंदू पक्ष द्वारा ‘शिवलिंग’ और मुस्लिम पक्ष द्वारा ‘फव्वारा’ होने का दावा किया गया था। ज्ञानवापी के वजुखाने की सफाई की तिथि तय हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि टैंक की सफाई जिलाधिकारी की देख-रेख में होगी। इस दौरान टैंक में बनी संरचना से छेड़खानी नहीं होनी चाहिए। 17 मई 2022 को डीएम ने वजूस्थल को सील कर दिया था। केंद्रीय सुरक्षा बलों को वजूस्थल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। तब से वजूस्थल में 24 घंटे सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।

इस बीच, जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने की मांग को स्वीकार कर लिया है। कई दिनों तक चली सुनवाई और बहस के बाद डिस्ट्रिक कोर्ट ने बनारस के जिलाधिकारी को रिसीवर नियुक्त करते हुए कहा कि विवादित आराजी नंबर 9130 के दक्षिणी छोर स्थित व्यास जी के तहखाने की उचित देखरेख जरूरी है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी। कोर्ट ने पक्षकार और प्रतिवादी को पूरी तरह सुनने के बाद फैसला दिया।

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