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भीमा कोरेगांव: एनआईए कोर्ट ने सागर गोरखे को इलाज कराने का जेल अधीक्षक को दिया निर्देश

जेल में बंद संगीत कलाकार, जाति-विरोधी कार्यकर्ता और सांस्कृतिक मंडली कबीर कला मंच के सदस्‍य सागर गोरखे द्वारा एक आवेदन दायर किया गया था जिसमें अदालत से उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए तत्काल और आवश्यक उपचार का निर्देश देने की प्रार्थना की गई थी।
Sagar Gorkhe

आज विशेष न्यायाधीश राजेश कटारिया की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अदालत ने तलोजा सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक को सागर गोरखे को जे.जे. अस्पताल, मुंबई में आवश्यक चिकित्सा उपचार के लिए रेफर करने का निर्देश दिया।

सागर गोरखे एक संगीत कलाकार, जाति-विरोधी कार्यकर्ता और सांस्कृतिक मंडली कबीर कला मंच के सदस्य हैं। वह भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद माओवादी संपर्क और आपराधिक साजिश मामले में आरोपी हैं।

बता दें कि सागर गोरखे को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) के तहत अपराधों में शामिल होने के आरोप में 7 सितंबर, 2020 से तलोजा सेंट्रल जेल में बंद किया गया है।

यह निर्देश गोरखे द्वारा दायर एक आवेदन के संबंध में था जिसमें अदालत से उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए तत्काल और आवश्यक उपचार की प्रार्थना की गई थी।

गोरखे की ओर से पेश वकील नीरज यादव ने तर्क दिया कि जेल प्रशासन गोरखे को उनके मनोरोग उपचार के लिए निर्धारित दवाएं नहीं दे रहा है और उन्हें सीटी स्कैन जैसी अन्य अनुशंसित चिकित्सा देखभाल से वंचित कर दिया है।

यादव ने तर्क दिया कि गोरखे न्यूरोलॉजिकल और रीढ़ की समस्याओं से पीड़ित हैं। यादव ने अदालत से गोरखे को जे.जे. अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति देने की प्रार्थना की।

बाद में, गोरखे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश हुए और मनोरोग उपचार की उपलब्धता पर अपनी शिकायतें बताईं।

गोरखे ने कहा कि हालांकि उन्हें पिछले साल अवसादरोधी दवाओं की सिफारिश की गई थी, लेकिन उनकी स्थिति को देखने के लिए न तो कोई डॉक्टर नियुक्त किया गया था और न ही उन्हें कोई अन्य उपचार दिया गया है।

आवेदन

गोरखे के आवेदन के अनुसार, उन्हें 'मनोरोग संबंधी समस्याओं' का पता चला था और वह तलोजा सेंट्रल जेल में एक मनोचिकित्सक द्वारा निर्धारित दवा पर थे। आवेदन में कहा गया है कि मनोचिकित्सक लगभग एक साल से गोरखे के पास नहीं गये हैं।
याचिका में कहा गया है कि इसके अलावा, मनोचिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाएं बंद कर दी गईं जिससे गोरखे के सामने आने वाली मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ गईं।

गोरखे ने आवेदन में दावा किया है कि जेल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उनके मनोरोग संबंधी मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया है उनका आरोप है कि अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए सक्षम नहीं हैं।

आवेदन के अनुसार, 9 अक्टूबर को जेल के डॉक्टर ने गोरखे की देखभाल किए बिना उनकी दवाएं बदल दीं जिससे उन्हें चक्कर, उल्टी और पेट में दर्द होने लगा।

याचिका में कहा गया है कि हालांकि, मनोचिकित्सक के पास जाकर दवाएं बदलने के बावजूद, गोरखे को जेल डॉक्टर द्वारा न देखे जाने के कारण ही वह इस स्थिति से पीड़ित रहे।

आवेदन में दावा किया गया है कि जेल अधिकारियों ने गोरखे के मेडिकल रिकॉर्ड तक पहुंच से लगातार इनकार किया है।

इसमें कहा गया है कि जब गोरखे को जे.जे. के पास ले जाया गया। कई बार उनका स्वास्थ्य खराब होने पर जेल अधिकारियों ने अनुरोध पर भी अस्पताल के मनोरोग विभाग को गोरखे के मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराए।

आवेदन में कहा गया है कि इस साल 21 अक्टूबर को एक मनोचिकित्सक ने सीटी स्कैन और तुरंत अस्पताल में भर्ती होने की सिफारिश की। हालांकि, जेल अधिकारी गोरखे को बाह्य रोगी के रूप में नवी मुंबई नगर निगम अस्पताल ले गए, जहां उन्हें अलग-अलग दवाएं दी गईं।

आवेदन में कहा गया है कि इसके अलावा, गोरखे रीढ़ और पीठ की समस्याओं से पीड़ित हैं।

अत: आवेदन में अदालत से प्रार्थना की गई है कि वह तलोजा सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को गोरखे को उसके सभी मेडिकल रिकॉर्ड प्रदान करने का निर्देश दे। उसे एक सक्षम मनोचिकित्सक की उचित और नियमित देखभाल में रखना, उसे परामर्श सत्र प्रदान करना और उसकी मानसिक स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी करना और इसकी नियमित रिपोर्ट प्रदान करना।

आवेदन में जे.जे. अस्पताल से गोरखे की सभी मेडिकल रिपोर्ट मंगाने और एनआईए अदालत को एक सप्ताह के भीतर गोरखे को दिए गए चिकित्सा ध्यान से अवगत कराने का भी अनुरोध किया गया है।

पृष्ठभूमि

7 सितंबर, 2020 को, एनआईए ने भीमा कोरेगांव मामले के सिलसिले में गोरखे को गिरफ्तार किया। सरकार को उखाड़ फेंकने और प्रधान मंत्री की हत्या की कथित माओवादी साजिश से जुड़े होने के लिए यूएपीए के तहत आरोपों का सामना करना पड़ा।

14 फरवरी, 2022 को विशेष एनआईए अदालत ने भीमा कोरेगांव मामले में गोरखे और तीन अन्य सह-अभियुक्तों को जमानत देने से इनकार कर दिया जहां अदालत ने कहा कि आरोपियों ने देश में अशांति पैदा करने के लिए "गंभीर साजिश" रची थी।

20 मई, 2022 को लिखे एक पत्र में गोरखे ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल को तलोजा जेल की स्थितियों के विरोध में भूख हड़ताल की घोषणा करते हुए लिखा।

गोरखे के अनुसार जेल में उन्हें और उनके सह-अभियुक्तों को "अत्यधिक कष्ट" पहुंचाया गया, जहां उनके साथ "यातना शिविर" जैसा व्यवहार किया गया।

गोरखे अभी भी ट्रायल(trial) की प्रतीक्षा में जेल में बंद हैं।

साभार: लीफ़लेट

अंग्रेजी में इस लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Bhima Koregaon: NIA Court Asks Taloja Jail to Provide Kabir Kala Manch’s Gorkhe Treatment in J J Hospital

 

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