Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

सीएम योगी ने ‘झूठी नौकरी’ का ट्वीट करके युवाओं को धोखा दिया है?

पहले से ही बेरोज़गारी के नाम पर घिरी योगी आदित्यनाथ सरकार ‘चार साल में चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी’ देने की बात ट्वीट कर अब फिर विवादों में आ गई है। आनन-फानन में ट्वीट डिलीट करने के बाद भी विपक्ष और आम लोगों के सवाल सरकार से बरकरार हैं।
yogi

आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि झूठ की पोल खुलते देर नहीं लगती। बस कुछ यही हुआ है यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘चार साल में चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी’ देने के दावे का।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के ऑफिस के ट्विटर हैंडल से बीते दिनों एक ट्वीट हुआ। इसमें दावा था कि यूपी के महाराजगंज के दुर्गेश चौधरी नाम के एक शख्स को लेखपाल की नौकरी मिली है। नौकरी के लिए सरकार का धन्यवाद ज्ञापन भी किया गया। ट्वीट में एक वीडियो भी लगा था जिसमें खुद दुर्गेश चौधरी बताते दिखे कि किस तरह उन्हें सरकारी नौकरी मिली।

हालांकि इस सरकारी ‘झूठ’ की पोल जल्दी ही खुल गई और लोग वीडियो और ट्वीट पर सवाल उठाने लगे। सवाल ये कि साल 2015 के बाद से जब लेखपाल पद के लिए वैकेंसी ही नहीं निकली तब दुर्गेश चौधरी को नौकरी कैसे मिली। आखिर दुर्गेश चौधरी का सलेक्शन कब और कैसे हुआ। विवाद बढ़ा तो ट्वीट डिलीट कर दिया गया। लेकिन तब तक तीर कमान से निकल चुका था और विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया था, जो अभी भी जारी है।

क्या है पूरा मामला?

सत्ता गंवाने के बाद समाजवादी पार्टी बार-बार सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर आरोप लगाती रही है कि सीएम योगी पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं का ही फ़ीता काट रहे हैं यानी क्रेडिट ले रहे हैं लेकिन इस ट्वीट के जरिए अब सीएम योगी ने खुद ही इस बात को साबित कर दिया है।

योगी आदित्यनाथ के ऑफिस की ओर से जो ट्वीट किया गया उसमें कहा गया था, “सरकारी नौकरी हेतु आयोजित परीक्षाओं के समयबद्ध परिणामों एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज को धन्यवाद ज्ञापित करते श्री दुर्गेश चौधरी जी। श्री दुर्गेश चौधरी जी की नियुक्ति राजस्व लेखपाल के पद पर पूर्ण पारदर्शिता के साथ हुई है।”

image

क्या अखिलेश यादव का क्रेडिट सीएम योगी ले रहे हैं?

दरअसल, प्रदेश में अंतिम जो लेखपाल भर्ती हुई है उसके लिए प्रक्रिया साल 2015 में शुरू हुई थी। उस वक्त यूपी में सपा की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। इस भर्ती की प्रक्रिया साल 2016 में पूरी हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुर्गेश इसी साल लेखपाल बने थे। कई समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी ट्विटर पर दावा किया है कि दुर्गेश चौधरी की भर्ती समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में हुई थी।

बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश में राजस्व लेखपालों की भर्ती अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिए होती है। यूपीएसएसएससी  की ओर से 2019 में चकबंदी लेखपाल पद के लिए 1364 वैकेंसी निकाली थीं जिनको बाद में रद्द कर दिया गया। साल 2020 में राजस्व परिषद की ओर से 7882 लेखपालों की भर्ती का प्रस्ताव यूपीएसएसएससी के पास लंबित है।

विपक्ष ने की सीएम योगी से मांफी की मांग

अब ध्यान देने वाली बात ये है कि यूपी में बीजेपी की सरकार साल 2017 में बनी थी। योगी आदित्यनाथ ने सीएम पद की शपथ 19 मार्च 2017 को ली थी। ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर ये योगी सरकार को झूठी नौकरी का दावा करने की जरूरत ही क्यों पड़ी। ये पूरी बात सामने आते ही मुख्यमंत्री ऑफिस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट को डिलीट कर दिया गया, लेकिन अब विपक्ष इस मामले में सरकार को घेर रहा है।

इस संबंध में समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने ट्वीट कर कहा, “समाजवादी पार्टी की सरकार में हुई लेखपाल भर्ती से दुर्गेश चौधरी का वीडियो बनवा कर योगी जी को धन्यवाद दिलवाना कोई मानवीय भूल नहीं एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है। मुख्यमंत्री जी छात्रों को भ्रमित करने के लिए माफी मांगें।”

प्रियंका गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर शेयर करते हुए कहा है कि यूपी के युवाओं से 70 लाख नौकरियों का वादा था, मगर लाखों भर्तियां अभी भी खाली पड़ी हैं।

ट्वीट में प्रियंकी ने लिखा, 'विज्ञापन की सरकार, झूठा सारा प्रचार, ट्विटर पर बांटे नौकरी, युवा को किया दरकिनार। योगीजी, ये जो पब्लिक है, सब जानती है। यूपी के युवाओं से 70 लाख नौकरियों का वादा था मगर लाखों भर्तियां खाली पड़ी हैं। युवा भर्तियों, परिणामों व ज्वाइनिंग का इंतजार करते-करते परेशान हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्विटर पर लिखा, “मुख्यमंत्री जी के आधिकारिक अकाउंट से दुर्गेश चौधरी नामक व्यक्ति का वीडियो डाला गया जिसमें उसने लेखपाल की पारदर्शी भर्ती के लिए योगी जो को धन्यवाद दिया। अब पता चला है 5 साल से लेखपाल की कोई भर्ती ही नहीं आयी है, पोल खुलते ही ट्वीट डिलीट कर दिया गया है।

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट में लिखा, “भाजपा में ऊपर से लेकर नीचे तक झूठ बोलने वालों का जमावड़ा है। अब आदित्यनाथ जी को ही देख लीजिये एक नौजवान का फ़र्ज़ी वीडियो डाल दिया नौकरी देने का धन्यवाद भी ले लिया चारों तरफ थू-थू हुई तो वीडियो Delete करना पड़ा। क्या BJP को अब अपना नाम बदलकर “भारतीय झूठ्ठा पार्टी” रख लेना चाहिए?”

यूपी कांग्रेस ने एक के बाद एक दो ट्वीट किए और सीएम योगी पर निशाना साधा। कांग्रेस ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, “झूठ पकड़ा गया तो ट्वीट डिलीट कर दिया गया। जैसे ट्वीट डिलीट हुआ, वैसे ही झूठ की बुनियाद पर टिकी सरकार भी डिलीट होगी।”

एक अन्य ट्वीट में यूपी कांग्रेस ने लिखा, “बेरोजगार युवाओं को बिना भर्ती निकले नौकरी पाना हो तो उत्तर प्रदेश में पधारिये।”

युवाओं की बार-बार गुहार के बाद भी रोज़गार क्यों नहीं दे रही सरकार

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही ट्विटर पर देश के युवाओं ने रोज़गार को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी से नौजवान पहले से ही नौकरियों की गुहार लगा रहे हैं, कई बार सड़क पर प्रदर्शन तो कई बार सोशल मीडिया पर रोजगार दो ट्रेंड़ करवा चुके हैं। लेकिन देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजनीति एक अलग ही रोमांच पर है। एक ओर कानून व्यवस्था ‘भगवान भरोसे’ है तो वहीं दूसरी ओर ‘युवा बेरोज़गार’ सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को इससे शायद ही कोई फर्क पड़ता है। पार्टी राज्य में ‘सब चंगा सी’ के मिशन के साथ ‘अच्छे दिन’ के प्रचार-प्रसार में मस्त है।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest